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Extract Based Questions: मनुष्यता | Hindi Class 10 PDF Download

1. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मरो, परंतु यों मरो कि याद जो करें सभी।
हुई न यों सुमृत्यु तो वृथा मरे, वृथा जिए,
मारा नहीं वही कि जो जिया न आपके लिए।
वही पशु- प्रवृति है कि आप आप ही चरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

प्रश्न 1: पद्यांश में किस चीज़ को निश्चित कहा गया है –
(क) मृत्यु को
(ख) यादों को
(ग) डर को
(घ) पशु- प्रवृति को
उत्तर:
(क) मृत्यु को

प्रश्न 2: कवि ने कैसी मृत्यु को ‘समृत्यु’ कहा है –
(क) पशु समान जीवन जीने वाले व्यक्ति की
(ख) शांति से मृत्यु को प्राप्त करने वाले व्यक्ति की
(ग) दूसरों का बुरा करने वाले व्यक्ति की
(घ) परोपकार के लिए जीने वाले व्यक्ति की
उत्तर:
(घ) परोपकार के लिए जीने वाले व्यक्ति की

प्रश्न 3: ‘आप आप’ कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) मानवीकरण अलंकार
उत्तर:
(ख) पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार

प्रश्न 4: पद्यांश में असली मनुष्य किसे कहा गया है ?
(क) जो दूसरे मनुष्यों के लिए मरे
(ख) जो केवल अपने बारे में चिंता करे
(ग) जो मनुष्य दूसरों की चिंता करे
(घ) जो दूसरों को कष्ट पहुंचाए
उत्तर:
(क) और (ग)

प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) मृत्यु का होना निश्चित है, हमें मृत्यु से नहीं डरना चाहिए
(ख) हमें कुछ ऐसा करना चाहिए कि लोग हमें मरने के बाद भी याद रखे
(ग) जो मनुष्य दूसरों के लिए कुछ भी ना कर सकें, उनका जीना और मरना दोनों बेकार है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी

2. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती,
उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।
उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती;
तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।
अखंड आत्म भाव जो असीम विश्व में भरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

प्रश्न 1: ‘सदा सजीव’ ‘समस्त सृष्टि’ आदि में कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार

प्रश्न 2: ‘सजीव कीर्ति कूजती’ में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) मानवीकरण अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(ग) मानवीकरण अलंकार

प्रश्न 3: प्रस्तुत काव्यांश में कौन सा रस है –
(क) श्रृंगार रस
(ख) वीर रस
(ग) करुण रस
(घ) रौद्र रस
उत्तर:
(ख) वीर रस

प्रश्न 4: पद्यांश में किस मनुष्य को असली मनुष्य कहा गया है ?
(क) जो व्यक्ति पुरे संसार को समान दृष्टि से देखता है
(ख) जो व्यक्ति अपने अंदर अखण्ड भाव और भाईचारे की भावना जगाता है
(ग) जो व्यक्ति पुरे संसार में क्रोध की भावना फैलाता है
(घ) जो व्यक्ति पुरे संसार को अखण्ड भाव और भाईचारे की भावना में बाँधता है
उत्तर:
(घ) जो व्यक्ति पुरे संसार को अखण्ड भाव और भाईचारे की भावना में बाँधता है

प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) जो मनुष्य अपने पूरे जीवन में दूसरों की चिंता करता है उस महान व्यक्ति की कथा का गुण गान सरस्वती अर्थात पुस्तकों में किया जाता है
(ख) जो व्यक्ति पुरे संसार को अखण्ड भाव और भाईचारे की भावना में बाँधता है वह व्यक्ति सही मायने में मनुष्य कहलाने योग्य होता है।
(ग) मनुष्य वही कहलाता है जो दूसरों के लिए अपने आप को त्याग देता है।
(घ) पौराणिक कथाएं ऐसे व्यक्तिओं के उदाहरणों से भरी पड़ी हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया
उत्तर:
(क) और (ख)

3. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
क्षुधार्त रंतिदेव ने दिया करस्थ थाल भी,
तथा दधीचि ने दिया परार्थ अस्थिजाल भी।
उशीनर क्षितीश ने स्वमांस दान भी किया,
सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर-चर्म भी दिया।
अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्या डरे?
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

प्रश्न 1: समस्त काव्यांश में कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) दृष्टांत अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(ग) दृष्टांत अलंकार

प्रश्न 2: प्रस्तुत काव्यांश में कौन सा रस है –
(क) वीर रस
(ख) करुण रस
(ग) शांत रस
(घ) रौद्र रस
उत्तर:
(क) वीर रस

प्रश्न 3: कवि ने परोपकार की महत्ता को समझाने के लिए क्या किया है –
(क) अत्यधिक कठिन शब्दों का प्रयोग
(ख) पौराणिक प्रसंगों का उल्लेख
(ग) महान व्यक्तियों का गुणगान
(घ) शास्त्रों की कथाओं का वर्णन
उत्तर:
(ख) पौराणिक प्रसंगों का उल्लेख

प्रश्न 4: पद्यांश में कौन से महान व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है ?

(क) रतिदेव और महर्षि दधीचि
(ख) श्री कृष्ण और इंद्र
(ग) राजा शिबि और वीर कर्ण
(घ) केवल (क)
उत्तर:
(क) और (ग)

प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) भूख से परेशान रतिदेव ने अपने हाथ की आखरी थाली भी दान कर दी थी
(ख) महर्षि दधीचि ने तो अपने पूरे शरीर की हड्डियाँ वज्र बनाने के लिए दान कर दी थी
(ग) उशीनर देश के राजा शिबि ने कबूतर की जान बचाने के लिए अपना पूरा मांस दान कर दिया था
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ) उपरोक्त सभी

4. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
सहानुभूति चाहिए, महाविभूति है यही;
वशीकृता सदैव है बनी हुई स्वयं मही।
विरुद्धभाव बुद्ध का दया-प्रवाह में बहा,
विनीत लोकवर्ग क्या न सामने झुका रहा ?
अहा ! वही उदार है परोपकार जो करे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

प्रश्न 1: दया-प्रवाह में कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर: (ग) रूपक अलंकार

प्रश्न 2: प्रस्तुत काव्यांश में कौन सा रस है –

(क) वीर रस
(ख) करुण रस
(ग) शांत रस
(घ) रौद्र रस
उत्तर: (क) वीर रस

प्रश्न 3: किसके आगे सभी नतमस्तक हो जाते हैं –
(क) सुंदरता
(ख) दया-प्रवाह
(ग) उदारता , विनम्रता
(घ) परोपकार
उत्तर: (ग) उदारता , विनम्रता

प्रश्न 4: कवि ने महाविभूति किसे कहा है ?
(क) दूसरों के दुःख को अपनाने को
(ख) सहानुभूति और परोपकार की भावना को
(ग) हिंसा की भावना को
(घ) विरुद्धवाद को
उत्तर:
(ख) सहानुभूति और परोपकार की भावना को

प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) मनुष्यों के मन में दया व करुणा का भाव होना चाहिए ,यही सबसे बड़ा धन है
(ख) महान उस को कहा जाता है जो परोपकार करता है
(ग) वही मनुष्य ,मनुष्य कहलाता है जो मनुष्यों के लिए जीता है और मरता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी

5. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
रहो न भूल के कभी मदांघ तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।
अनाथ कौन है यहाँ ? त्रिलोकनाथ साथ हैं,
दयालु दीन बन्धु के बड़े विशाल हाथ हैं।
अतीव भाग्यहीन है अधीर भाव जो करे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

प्रश्न 1: ‘दयालु दीन बन्धु’ में कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार

प्रश्न 2: कवि ने किस पर घमंड न करने की बात कही है –
(क) त्रिलोकनाथ पर
(ख) अपनों के होने पर
(ग) मदांध पर
(घ) धन – दौलत पर
उत्तर:
(घ) धन – दौलत पर

प्रश्न 3: कवि ने किसी को भी अनाथ नहीं माना है, ऐसा क्यों –
(क) क्योंकि सबके साथ उनके अपने हैं
(ख) क्योंकि ईश्वर का साथ सब के साथ है
(ग) सबके माता – पिता हैं
(घ) सभी भाग्यवान हैं
उत्तर:
(ख) क्योंकि ईश्वर का साथ सब के साथ है

प्रश्न 4: पद्यांश में भाग्यहीन किसे कहा गया है ?
(क) जो धन-दौलत पर घमंड करता है
(ख) जो त्रिलोकनाथ को नहीं मानता
(ग) जिस मनुष्य के मन में अधीरता है
(घ) जो अपनों का साथ पाने पर गर्व करता है
उत्तर:
(ग) जिस मनुष्य के मन में अधीरता है

प्रश्न 5: पद्यांश में सच्चा मनुष्य किसे कहा गया है ?
(क) जो गर्व न करे
(ख) जो घमंड न करे
(ग) जो उतावलापन न दिखाए
(घ) जो दूसरों के काम आए
उत्तर:
(घ) जो दूसरों के काम आए

6. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
अनंत अंतरिक्ष में अनंत देव हैं खड़े,
समक्ष ही स्वबाहु जो बढ़ा रहे बड़े-बड़े।
परस्परावलंब से उठो तथा बढ़ो सभी,
अभी अमर्त्य-अंक में अपंक हो चढ़ो सभी।
रहो न यां कि एक से न काम और का सरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

प्रश्न 1: ‘अनंत अंतरिक्ष’ , ‘अमर्त्य-अंक’ में कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार

प्रश्न 2: ‘बड़े-बड़े’ में कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार
उत्तर:
(घ) पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार

प्रश्न 3: प्रस्तुत पद्यांश में कवि क्या प्रेरणा दे रहे है –
(क) देवताओं के समान
(ख) कलंक रहित जीवन जीने की
(ग) सभी के काम आते हुए जीने की
(घ) गर्व रहित और घमंड रहित जीवन जीने की
उत्तर:
(ख) कलंक रहित जीवन जीने की

प्रश्न 4: आकाश में असंख्य देवता किसके स्वागत में भुजाएँ खोले खड़े है ?
(क) दूसरों का हित करने वालों के
(ख) गर्वरहित जीवन जीने वालों के
(ग) परोपकारी व दयालु मनुष्यों के
(घ) दया भाव रखने वालों के
उत्तर:
(ग) परोपकारी व दयालु मनुष्यों के

प्रश्न 5: इस मरणशील संसार में किसे मनुष्य कहा गया है ?
(क) जो मनुष्यों का साथ दे
(ख) जो मनुष्यों का भला करे
(ग) जो मनुष्यों पर दयाभाव रखे
(घ) जो मनुष्यों का कल्याण करे व परोपकार करे
उत्तर:
(घ) जो मनुष्यों का कल्याण करे व परोपकार करे

7. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
‘मनुष्य मात्र बन्धु हैं’ यही बड़ा विवेक है,
पुराणपुरुष स्वयंभू पिता प्रसिद्ध एक है।
फलानुसार कर्म के अवश्य बाह्य भेद हैं,
परंतु अंतरैक्य में प्रमाणभूत वेद हैं।
अनर्थ है कि बन्धु ही न बन्धु की व्यथा हरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

प्रश्न 1: ‘मनुष्य मात्र’ , ‘पुराणपुरुष’ , ‘ पिता प्रसिद्ध’ में कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार

प्रश्न 2: प्रस्तुत काव्यांश में कौन सा रस है –
(क) वीर रस
(ख) करुण रस
(ग) शांत रस
(घ) रौद्र रस
उत्तर:
(क) वीर रस

प्रश्न 3: कवि ने इस पद्यांश के माध्यम से क्या सन्देश दिया है –
(क) मिल-जुलकर यात्रा करने का
(ख) मिल-जुलकर एक दूसरे का सझयोग करने का
(ग) मिल-जुलकर प्रभु को याद करने का
(घ) मिल-जुलकर सबका कल्याण करने का
उत्तर:
(ख) मिल-जुलकर एक दूसरे का सझयोग करने का

प्रश्न 4: सबसे बड़ी विवेकशीलता किसे माना गया है ?
(क) स्वयंभू की प्रार्थना को
(ख) परोपकार को
(ग) दयाभावना को
(घ) बंधुत्व की भावना को
उत्तर:
(घ) बंधुत्व की भावना को

प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) प्रत्येक मनुष्य एक दूसरे के भाई – बन्धु हैं
(ख) पुराणों में जिसे स्वयं उत्पन्न पुरुष मना गया है, वह परमात्मा या ईश्वर हम सभी का पिता है
(ग) मनुष्य वही कहलाता है जो बुरे समय में दूसरे मनुष्यों के काम आता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी

8. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,
विपत्ति,विघ्न जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।
तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

प्रश्न 1: ‘विपत्ति, विघ्न’ में कौन सा अलंकार है –
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार

प्रश्न 2: कवि इस काव्यांश के माध्यम से क्या उजागर करना चाहते है –
(क) दया भावना
(ख) विश्वबंधुत्व की भावना
(ग) करुण भावना
(घ) परोपकारी तथा कल्याणकारी भावना
उत्तर:
(ख) विश्वबंधुत्व की भावना

प्रश्न 3: पद्यांश में मनुष्य को किस बात का ध्यान रखने को कहा गया है –
(क) आपसी समझ न बिगड़े
(ख) सबका कल्याण करता चले
(ग) भेद भाव न बड़े
(घ) (क) और (ग)
उत्तर:
(घ) (क) और (ग)

प्रश्न 4: बिना किसी तर्क वितर्क के सभी को एक साथ ले कर आगे बढ़ना कैसे संभव होगा?
(क) जब मनुष्य दूसरों की उन्नति करे
(ख) जब मनुष्य दूसरों का कल्याण करे
(ग) जब मनुष्य दूसरों की उन्नति और कल्याण के साथ अपनी समृद्धि भी कायम करे
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(ग) जब मनुष्य दूसरों की उन्नति और कल्याण के साथ अपनी समृद्धि भी कायम करे

प्रश्न 5: निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पद्यांश से मेल खाते वाक्यों को चुनिए ?
(क) मनुष्यों को अपनी इच्छा से चुने हुए मार्ग में ख़ुशी ख़ुशी चलना चाहिए
(ख) मनुष्यों को यह ध्यान रखना चाहिए कि आपसी समझ न बिगड़े और भेद भाव न बड़े
(ग) बिना किसी तर्क वितर्क के सभी को एक साथ ले कर आगे बढ़ना चाहिए
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी

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