1. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो…….1
जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुलहन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो……..2 (CBSE 2020-21)
प्रश्न 1: ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’- पंक्ति में ‘सर’ किसका प्रतीक है:-
(क) स्वाभिमान
(ख) सिर
(ग) घमंड
(घ) पराक्रम
उतर: (क) स्वाभिमान
प्रश्न 2: पद्यांश में ‘ बांकपन ‘ शब्द प्रतीक है:-
(क) वक्ता
(ख) अद्भुत
(ग) छवि
(घ) बेमिसालपन
उतर: (घ) बेमिसालपन
प्रश्न 3: धरती के दुल्हन बनने से तात्पर्य है:-
(क) दुल्हन की भांति शर्मा रही है।
(ख) सैनिकों के खून से नहा गई है।
(ग) बलिदान से गौरवान्वित हुई है।
(घ) दुल्हन की भांति अपने प्रियतम की आस देख रही है।
उतर: (ग) बलिदान से गौरवान्वित हुई है।
प्रश्न 4: सर पर कफ़न बांधने का अर्थ है:-
(क) बलिदान के लिए तैयार होना।
(ख) मरने की कोशिश करना।
(ग) अपने लिए जान की बाजी लगाना।
(घ) लोगों को दिखाना की हम मरने से नहीं डरते।
उतर: (क) बलिदान के लिए तैयार होना।
2. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
फतह का जश्न इस जश्न के बाद है
जिंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
प्रश्न 1: ‘राह कुर्बानियों की न वीरान हो’- का क्या तात्पर्य है?
(क) बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे
(ख) बलिदानी सैनिक आगे बढ़ने की सोच में रहें
(ग) सैनिक सोच-समझकर आगे बढ़ें
(घ) सैनिक देश के बारे में सोचते रहें
उतर: (क) बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे
प्रश्न 2: सैनिक किसे सजाने के लिए कहते हैं?
(क) भारत माता को
(ख) बलिदानी सैनिकों के जत्थों को
(ग) देश की कुर्बानियों को
(घ) जश्न मनाने वालों को
उतर: (ख) बलिदानी सैनिकों के जत्थों को
प्रश्न 3: ‘फतह का जश्न’ से तात्पर्य है-
(क) जीत जाने की खुशियाँ
(ख) जीत की खुशियाँ
(ग) आगे बढ़ने की खुशियाँ
(घ) मृत्यु की खुशी
उतर: (ख) जीत की खुशियाँ
प्रश्न 4: ‘सिर पर कफ़न बाँधने’ का किस ओर संकेत है?
(क) जीवित रहने की ओर
(ख) सिर पर मुकुट बाँधने की ओर
(ग) देश पर बलिदान की ओर
(घ) सिर बचाने की ओर
उतर: (ग) देश पर बलिदान की ओर
प्रश्न 5: ‘काफ़िले’ शब्द का अर्थ है-
(क) यात्रियों का समूह
(ग) कायरों का गिरोह
(ख) वीरों का समुदाय
(घ) बलिदानियों का झुंड
उतर: (घ) बलिदानियों का झुंड
3. पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
खींच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाए न रावन कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
प्रश्न 1: काव्यांश की पृष्ठभूमि में कौन-सी ऐतिहासिक घटना है?
(क) भारत-बांग्लादेश युद्ध
(ख) भारतीय स्वाधीनता संग्राम
(ग) भारत-पाक युद्ध
(घ) भारत-चीन युद्ध
उतर: (घ) भारत-चीन युद्ध
प्रश्न 2: “खूँ से ज़मी पर लकीर” खींचने का आशय है-
(क) दुश्मन पर हमला करना
(ख) सीमाओं पर रक्तपात करना
(ग) मातृभूमि की रक्षा को तत्पर रहना
(घ) बलिदान देकर भी शत्रु को रोकना
उतर: (घ) बलिदान देकर भी शत्रु को रोकना
प्रश्न 3: “रावण’ का प्रतीकार्थ है-
(क) राम का विरोधी
(ख) आक्रमणकारी
(ग) भारत का शत्रु
(घ) देशद्रोही
उतर: (ग) भारत के शत्रु
प्रश्न 4: “सीता का दामन’ से तात्पर्य है-
(क) भारतीय सांस्कृतिक परंपरा
(ख) मातृभूमि का सम्मान
(ग) देश का स्वाभिमान
(घ) देवी-देवताओं की मर्यादा
उतर: (ख) मातृभूमि का सम्मान
प्रश्न 5: “राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियो” कथन से कवि का संकेत है-
(क) तुम्हें भारतीयता को भी बनाना है और सीमाओं को भी
(ख) तुम्हें राम भी बनना है और लक्ष्मण भी
(ग) तुम्हें युदूध भी करना है और रक्षा भी
(घ) तुम्हें नारी के सम्मान की भी रक्षा करनी है और मर्यादा की भी
उतर: (क) तुम्हें भारतीयता को भी बनाना है और सीमाओं को भी
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