प्रश्न 1: ‘अब हिमालय और लद्दाख की बरफ़ीली जमीनों पर रहने वाले पक्षियों की वकालत कौन करेगा’? ऐसा लेखक ने क्यों कहा होगा? ‘सावले सपनों की याद’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: सालिम अली की मृत्यु पर लेखक के मस्तिष्क में उनसे जुड़ी हर यादें चलचित्र की भाँति घूम गईं। लेखक ने महसूस किया कि सालिम अली आजीवन पक्षियों की तलाश में पहाड़ जैसे दुर्गम स्थानों पर घूमते रहे। वे आँखों पर दूरबीन लगाए नदी के किनारों पर जंगलों में और पहाड़ जैसे दुर्गम स्थानों पर भी पक्षियों की खोज करते रहे और उनकी सुरक्षा के प्रति प्रयत्नशील रहे। वे पक्षियों को बचाने का उपाय करते रहे। इसके विपरीत आज मनुष्य पक्षियों की उपस्थिति में अपना स्वार्थ देखता है। सालिम अली के पक्षी-प्रेम को याद कर लेखक ने ऐसा कहा होगा।
प्रश्न 2: ‘साँवले सपनों की याद’ पाठ के आधार पर बताइए कि सामान्य लोग पर्यावरण की रक्षा में अपना योगदान किस तरह दे सकते हैं?
उत्तर: ‘साँवले सपनों की याद’ पाठ से ज्ञात होता है कि सालिम अली प्रकृति और उससे जुड़े विभिन्न अंगों-नदी, पहाड़, झरने, आबशारों आदि को प्रकृति की निगाह से देखते थे और उन्हें बचाने के लिए प्रयत्नशील रहते थे। उन्होंने केरल साइलेंट वैली को बचाने का अनुरोध किया। इसी तरह सामान्य लोग भी अपने पर्यावरण की रक्षा के लिए विभिन्न रूपों में अपना योगदान दे सकते हैं; जैसे-
प्रश्न 3: ‘साँवले-सपनों की याद’ पाठ के आधार पर बताइए कि सालिम अली को नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप क्यों कहा गया है?
उत्तर: सालिम अली महान पक्षी-प्रेमी थे। इसके अलावा वे प्रकृति से असीम लगाव रखते थे। वे प्रकृति के इतना निकट आ गए थे कि ऐसा लगता था कि उनका जीवन प्रकृतिमय हो गया था। सालिम अली प्रकृति के प्रभाव में आने के कायल नहीं थे। वे प्रकृति को अपने प्रभाव में लाना चाहते थे। पक्षी-प्रेम के कारण वे पक्षियों की खोज करते हुए प्रकृति के और निकट आ गए। नदी-पहाड़, झरने विशाल मैदान और अन्य दुर्गम स्थानों से उनका गहरा नाता जुड़ गया था। जिंदगी में अद्भुत सफलता पाने के बाद भी वे प्रकृति से जुड़े रहे। इस तरह उनका जीवन नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गया था।
प्रश्न 4: फ्रीडा कौन थी? उसने लॉरेंस के बारे में क्या-क्या बताया?
उत्तर: फ्रीडा डी.एच.लॉरेंस की पत्नी थीं। लॉरेंस के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया था कि मेरे लिए लॉरेंस के बारे में कुछ कह पाना असंभव-सा है। मुझे लगता है कि मेरे छत पर बैठने वाली गौरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है। वह मुझसे भी ज्यादा जानती है। वह सचमुच ही इतना खुला-खुला और सादा दिल आदमी थे। संभव है कि लॉरेंस मेरी रगों में, मेरी हड्डियों में समाया हो।
प्रश्न 5: ‘साँवले सपनों की याद’ पाठ के आधार पर सालिम अली के व्यक्तित्व की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: सालिम अली दुबली-पतली काया वाले व्यक्ति थे, जिनकी आयु लगभग एक सौ वर्ष होने को थी। पक्षियों की खोज में की गई लंबी-लंबी यात्राओं की थकान से उनका शरीर कमजोर हो गया था। वे अपनी आँखों पर प्रायः दूरबीन चढ़ाए रखते थे। पक्षियों की खोज के लिए वे दूर-दूर तक तथा दुर्गम स्थानों की यात्राएँ करते थे। उनकी एअर गन से घायल होकर गिरी नीले कंठवाली गौरैया ने उनके जीवन की दिशा बदले दी। वे पक्षी प्रेमी होने के अलावा प्रकृति प्रेमी भी थे। वे प्रकृतिमय जीवन जीते थे और उसकी सुरक्षा के लिए प्रयासरत रहते थे। वे नदी पहाड़-झरनों आदि को प्रकृति की दृष्टि से देखते थे।
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