प्रश्न 1: इस कविता में चाँद देखने में कैसा है?
उत्तर: कविता में चाँद गोरे चिट्ठे रंग का दिख रहा है। लेकिन इसके आकार में बदलाव होता रहता है। वह कभी घट जाता है तो कभी बढ़ जाता है। कभी वह बादलों के पीछे छुप जाता है। कविता में चाँद अपने आकार को बदलता रहता है। लेकिन वह आकाश में अकेला बहुत अच्छा लग रहा है।
प्रश्न 2: चाँद का कौन सा मरज अच्छा नहीं लगता?
उत्तर: बच्ची चाँद को देख रही है। लेकिन वह हर बार एक जैसा दिखाई नही देता है। वह जब घटता है तो घटता हो चला जा रहा है और जब बढ़ता है तो बढ़ता ही चला जाता है। इसलिए चाँद का अपनी मर्जी से घटना और अपनी मर्जी से बढ़ने का मरज अच्छा नहीं लगता है।
प्रश्न 3: चाँद के दम न लेने से हम क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: चाँद निरंतर अपना कार्य करता रहता है। वह रुकता नही है। इससे हम शिक्षा मिलती है की हमें अपने कार्य को पूरा करना चाहिए। कठिनाइयों के सामने हार न मानकर अपने काम पर ध्यान देना चाहिए।
प्रश्न 4: निम्नलिखित शब्दों का एक–एक पर्यायवाची शब्द बताइए?
उत्तर: दिए गए शब्दों का पर्यायवाची शब्द इस प्रकार है–
प्रश्न 5: चाँद का विशेषण बताएं?
उत्तर: चाँद का विशेषण चांदनी है।
प्रश्न 6: कविता “चाँद से थोड़ी सी गप्पें” के रचियता कौन है?
उत्तर: इस कविता के रचयिता श्री शमशेर बहादुर सिंह जी है। उन्होंने अनेक रचनाएं की। वह हिंदी और उर्दू भाषा के प्रसिद्ध कवि थे। इस कविता में उन्होंने एक छोटी सी बच्ची के द्वारा चाँद से बातें करने का वर्णन किया गया है।
प्रश्न 7: लड़की जो चाँद को देख रही है वह कितने साल की है?
उत्तर: लड़की जो चाँद को देख रही है वह दस–ग्यारह साल की एक बच्ची है। वह बच्ची चाँद को देखते हुए उससे उसके घटने बढ़ने के बारे में पूछ रही है। जब बच्ची चाँद को देख रही होती है तो उस बच्ची को उसके बारे में अधिक जानने की इच्छा जागृत होती है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित कविता की पंक्ति में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए?
“आप ___ नजर आते हैं ज़रा।”
उत्तर: तिरछे।
प्रश्न 9: निम्नलिखित कविता की पंक्ति में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए?
“आप पहने हुए है ___ आकाश”
उत्तर: कुल।
प्रश्न 10: चाँद गोल होते हुए भी कैसा नजर आ रहा है?
उत्तर: चाँद गोल होते हुआ भी तिरछा नजर आ रहा है।