प्रश्न 1: “मेघ आए” , कविता के कवि कौन हैं
उत्तर: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
प्रश्न 2: “मेघ आए” , कविता में किस ऋतु का वर्णन किया हैं
उत्तर: वर्षा ऋतु का
प्रश्न 3: “मेघ आए” , कविता में मेघ कैसे आये हैं
उत्तर: बन सँवर कर
प्रश्न 4: “बन ठन के” , का क्या अर्थ होता हैं
उत्तर: पूरी तैयारी के साथ
प्रश्न 5: “मेघ आए” , कविता में कवि ने बादलों की तुलना किससे की हैं
उत्तर: सजे -सँवरे दामाद से (बेटी का पति)
प्रश्न 6: दामाद शहर से कितने समय बाद अपने ससुराल पहुंचा हैं
उत्तर: लंबे समय बाद
प्रश्न 7: दामाद के ससुराल आने की खबर उसके गांव पहुंचने से पहले ही कौन दौड़ती-भागती गांव वालों को दे देती हैं
उत्तर: गांव की किशोरियों
प्रश्न 8: बादलों के आकाश में छाने से पहले तेज हवायें चलने लगती हैं , जो क्या संकेत देती है
उत्तर: काले धने बादलों के आकाश में छाने का
प्रश्न 9: आकाश में छाये काले धने बादलों को देखकर लोगों के मन किससे भर जाते हैं
उत्तर: उल्लास व प्रसन्नता से
प्रश्न 10: बारिश होने से पहले पूरे आकाश में बादल कैसे छा जाते हैं
उत्तर: सधन होकर
प्रश्न 11: “मेघ आए” , कविता में किस परिवेश को बड़ी ही खूबसूरती के साथ दर्शाया गया हैं
उत्तर: ग्रामीण सांस्कृतिक परिवेश को
प्रश्न 12: वर्षा ऋतु के आगमन पर आकाश किससे सुशोभित हो जाता हैं
उत्तर: मेघों से
प्रश्न 13: “बड़े बन- ठनके” , में कौन सा अलंकार हैं
उत्तर: अनुप्रास अलंकार
प्रश्न 14: “मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के” , में कौन सा अलंकार हैं
उत्तर: मानवीकरण अलंकार
प्रश्न 15: गाँव में सजे -सँवरे पाहुन कहाँ से पधारे हैं
उत्तर: शहर से
प्रश्न 16: पाहुन का क्या अर्थ हैं
उत्तर: मेहमान
प्रश्न 17: गांव वाले अपने घरों की खिड़कियों और दरवाजे गली की तरफ खोल कर किसे देखने लगते हैं
उत्तर: शहर से आए अपने उस दामाद को
प्रश्न 18: मेघों के आगे कौन नाचती गाती हुई चल रही हैं
उत्तर: तेज हवा (बयार)
प्रश्न 19: “आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली” , में कौन सा अलंकार हैं
उत्तर: मानवीकरण अलंकार
प्रश्न 20: “पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के” , में कौन सा अलंकार हैं
उत्तर: उत्प्रेक्षा अलंकार
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