प्रश्न 1: किसी भी व्यक्ति को जब हम गधा बोलकर संबोधित करते हैं तो हमारे मन में उसके प्रति कौन सा भाव होता है?
उत्तर: जब हम किसी व्यक्ति को गधा बोल कर संबोधित करते हैं तो हमारे मन में उसके प्रति भाव होता है कि वह बुद्धिहीन है, सहनशील है और बहुत ही ज्यादा सीधा है।
प्रश्न 2: दो बैलों की कथा के लेखक का नाम बताइए?
उत्तर: दो बैलों की कथा के लेखक का नाम प्रेमचंद है।
प्रश्न 3: जानवरों में सबसे बुद्धिहीन जानवर कौन सा है?
उत्तर: जानवरों में सबसे ज्यादा बुद्धिहीन जानवर गधे को माना जाता है।
प्रश्न 4: झूरी के दोनों बैलों का क्या नाम था?
उत्तर: झूरी के दोनों बैलों का नाम हीरा और मोती था।
प्रश्न 5: गया कौन था?
उत्तर: गया झूरी का साला था, जिसने बाद में झूरी के दोनों बैलों को लिया था।
प्रश्न 6: किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?
उत्तर: प्रेमचंद ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती, दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। हीरा और मोती दोनों झूरी नामक एक किसान के बैल हैं जो अपने बैलों से अत्यंत प्रेम करता है और इसी प्रेम से वशीभूत होकर हीरा और मोती अपने मालिक झूरी को छोड़कर कहीं और नहीं रहना चाहते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि पशु भी स्नेह का भूखा होता है। प्रेम पाने से वे भी प्रेम व्यक्त करते हैं और क्रोध तथा अपमान पाकर वे भी असंतोष व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 7: कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?
उत्तर: "दो बैलों की कथा" के माध्यम से लेखक ने पशुओं तथा मनुष्यों के बीच भावनात्मक सम्बन्धों का वर्णन किया है। इस कहानी में स्वतंत्रता के मूल्य की बात कही गई है। स्वतंत्रता रहना किसी भी प्राणी का जन्मसिद्ध अधिकार है, चाहे वो मनुष्य हो या पशु। स्वतंत्रता कभी सहजता से नहीं मिलती, इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है। इस कहानी में बार-बार बैलों के माध्यम से प्रेमचंद ने यह नीति-विषयक मूल्य हमारे सामने रखा है कि फिर चाहे अमुक प्राणी जानवर हो या मनुष्य, सभी को प्रेम की आवश्यकता होती है और हमें सभी के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करना चाहिए। हमें किसी को प्रताड़ित करने का अधिकार नहीं होता।
प्रश्न 8: क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?
उत्तर: प्रेमचंद स्वतंत्रता पूर्व लेखक थे और उनकी रचनाओं में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की भावना दिखती है। "दो बैलों की कथा" भी इसी भावना को प्रकट करती है। इस कहानी में व्यक्त की गई कथावस्तु और नीति-मूल्य हमें स्वतंत्रता के महत्व की ओर संकेत करते हैं। लेखक ने पशुओं और मनुष्यों के संबंध के माध्यम से उनके निम्नलिखित मूल्यों को प्रकट किया है:
प्रश्न 9: ‘इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें’ – मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: मोती के इस कथन से उसकी निम्नलिखित विशेषताएँ उभरती हैं :
प्रश्न 10: किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
उत्तर: हीरा और मोती दोनों बैलों के बीच गहरी दोस्ती थी। यह घटनाएं इसे स्पष्ट करती है:
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