Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)  >  Short & Long Question Answer: मेरे संग की औरतें

Short & Long Question Answer: मेरे संग की औरतें | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij) PDF Download

प्रश्न 1: लेखिका खुद और अपनी दो बहिनों को लेखन में आने का क्या कारण मानती है?
उत्तर:
लेखिका खुद और अपनी दो बहिनों को लेखन में आने का कारण यह मानती हैं कि वे अपनी नानी से कहानी नहीं सुन पाईं क्योंकि उनकी माँ की शादी होने से पूर्ण ही नानी की मृत्यु हो चुकी थी। शायद नानी से कहानी न सुन पाने के कारण लेखिका और उसकी बहनों को खुद कहानियाँ कहनी पड़ीं। इससे वे लेखिका बन गईं।

प्रश्न 2: लेखिका पहले पहल अपनी नानी के बारे क्या जान पाई थी?
उत्तर:
लेखिका पहले पहल अपनी नानी के बारे में बस इतना ही जान पाई थी कि उसकी नानी पारंपरिक, अनपढ़ और परदा करने वाली महिला थी। उनके पति उन्हें छोड़कर वकालत की पढ़ाई करने इंग्लैंड चले गए थे। वकालत की डिग्री लेकर लौटने के बाद वे साहबों जैसी जिंदगी व्यतीत करने लगे पर नानी पर इसका कोई अंतर नहीं पड़ा। वे अपनी मरजी से जीती रहीं और अपनी किसी पसंद-नापसंद का इज़हार अपने पति के सामने कभी नहीं किया।

प्रश्न 3: लेखिका की नानी ने स्वतंत्रता सेनानी प्यारे लाल शर्मा से कौन-सी इच्छा प्रकट की? यह इच्छा उन्होंने अपने पति से क्यों नहीं बताई?
उत्तर:
लेखिका की नानी ने जब कम उम्र में ही स्वयं को मृत्यु के निकट पाया तो उन्होंने अपने पति के मित्र प्यारे लाल शर्मा को बुलवाया और कहा कि आप मेरी बेटी की शादी अपने जैसे ही किसी आज़ादी के सिपाही से करवा दीजिएगा। उन्होंने यह इच्छा अपने पति को इसलिए नहीं बताई क्योंकि वे जानती थी कि अंग्रेज़ों के भक्त उनके पति उनकी इस इच्छा को पूरा नहीं करेंगे। वे बेटी की शादी आज़ादी के सिपाही से होने को पसंद न करते।।

प्रश्न 4: लेखिका ने लिखा है कि उसकी नानी एकदम मुँहज़ोर हो उठीं। वे कब और क्यों मुँहज़ोर हो उठीं?
उत्तर:
लेखिका की नानी उस समय मुँहज़ोर हो उठी थी जब वे कम उम्र में यह महसूस करने लगी कि उनकी मृत्यु निकट है। और उनकी इकलौती पंद्रह वर्षीया बेटी अभी अविवाहित है। उनके मुँहजोर होने का कारण अपने पति का आचार-विचार था। उनके उच्च शिक्षित पति अंग्रेजों के भक्त थे जबकि लेखिका की नानी स्वतंत्रताप्रिय नारी थीं। वे अपनी बेटी का विवाह किसी साहब से नहीं बल्कि आज़ादी के सिपाही से करने की पक्षधर थीं।

प्रश्न 5: लेखिका ने अपनी माँ को परीजात-सी जादुई क्यों कहा है? ससुराल में उनकी क्या स्थिति थी?
उत्तर:
लेखिका ने अपनी माँ को परीजात-सी जादुई इसलिए कहा है क्योंकि उनमें खूबसूरती, नज़ाकत गैर दुनियादारी, ईमानदारी और निष्पक्षता जैसे गुणों का संगम था। इन गुणों के कारण ससुराल में उनकी स्थिति यह थी कि उनसे कोई ठोस काम करने के लिए कोई नहीं कहता था। हर काम के लिए उनकी ज़बानी राय जरूर माँगी जाती थी और उनकी राय को अकाट्य समझते हुए उस पर अमल भी किया जाता था।

प्रश्न 6: लेखिका को अपनी माँ और अन्य परंपरागत माताओं में क्या अंतर नज़र आया?
उत्तर:
लेखिका को अपनी माँ और अन्य परंपरागत माताओं में यह अंतर नजर आया कि परंपरागत माएँ अपनी संतान का हर काम अपने हाथों से करती हैं, उनकी जरूरतों का ध्यान रखती हैं और उनके लिए समय निकालती हैं परंतु लेखिका की माँ ने अपने बच्चों को कभी लाड़-प्यार नहीं किया, न उनके लिए खाना बनाया और न अच्छी पत्नी-बहू होने की कभी सीख दी। घर के काम-काज में उनकी अरुचि थी। वे अपना अधिकांश समय पुस्तकें पढ़ने, साहित्यिक चर्चा करने में बिताती थीं। यह काम भी वे विस्तर नर लेते-लेते करती थीं।

प्रश्न 7: लेखिका ने अपनी नानी, माँ और परदादी में क्या समानता देखी? उसने अपनी परदादी के संबंध में ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर:
लेखिका ने अपनी नानी, माँ और परदादी में यह समानता दर्शायी है कि वे सब की सब लीक से खिसकी हुई थीं। उसने अपनी परदादी के संबंध में ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि दो से अधिक धोतियाँ होते ही वे तीसरी धोती दान कर देती थीं। इसके अलावा उन्होंने अपनी पतोहू (लेखिका की माँ) के गर्भवती होने पर उन्होंने मंदिर जाकर गैर खायती यह मन्नत माँगी कि उनकी पतोहू की पहली संतान लड़की ही हो। यह मन्नत उन्होंने कई बार माँगी जबकि सब लोग पहली संतान लड़का होने की मन्नत माँगते हैं।

प्रश्न 8: चोर से कहाँ गलती हुई कि सारा अनुमान लगाकर घुसने पर भी वह पकड़ा गया? ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
किसी शादी के सिलसिले में घर के पुरुष दूसरे गाँव में गए थे और औरतें रतजगा कर रही थीं। नाच-गाना जारी था और ढोलक पर थाप पूँज रहे थे। इसी बीच चोर ने उसे कमरे का अनुमान लगाया होगा और दीवार काटकर कमरे में घुस आया। इधर शादी में नाच-गाने के शोर से बचने के लिए माँ जी अपना कमरा छोड़ कर दूसरे कमरे में सो गई। इसी कमरे को खाली समझकर चोर घुस आया था। उसके कदमों की आहट होते ही दादी की नींद खुल गई। इस तरह तमाम अनुमान लगाकर घुसने के बाद भी चोर पकड़ा गया।

प्रश्न 9: लेखिका की परदादी के कार्य-व्यवहार से आपको किन जीवन मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है?-मेरे संग की औरतें’ पाठ के आलोक में लिखिए।
उत्तर:
लेखिका की परदादी भी उसकी नानी और माँ के समान लीक से कार्य करने वाली थीं। वे अपने कार्यव्यवहार से पाठ में वर्णित स्त्रियों में एक अलग स्थान बनाती हैं। उनके कार्यव्यवहार से हमें निम्नलिखित जीवन मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है-

  • परदानशीं की अपरिग्रह की आदत से दूसरों की मदद की प्रेरणा।
  • उनके कार्य व्यवहार से दूसरों के प्रति सदय एवं संवेदनशील बनने की प्रेरणा।
  • गैर-रवायती मन्नत माँगने के कार्य से लड़कियों को समान अवसर देने की प्रेरणा।
  • राह से भटके लोगों के साथ उदारतापूर्वक एवं मानवीयता भरा व्यवहार करके उन्हें सुधरने का अवसर देने की प्रेरणा।
  • किसी को दंड देकर प्रभावित करने की कोशिश के स्थान पर स्नेहपूर्ण व्यवहार द्वारा अपना बना लेने की प्रेरणा मिलती है।


प्रश्न 10: लेखिका ने बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए स्कूल खोला। आप अपने आसपास ऐसे बच्चे देखते होंगे जो स्कुल नहीं जाते हैं। आप इन बच्चों के लिए क्या प्रयास करना चाहोगे? लिखिए।
उत्तर:
लेखिका ने कर्नाटक के एक छोटे से कस्बे में स्कूल खोलने की प्रार्थना कैथोलिक विशप से की परंतु वहाँ क्रिश्चियन बच्चों की संख्या कम होने के बारण वे स्कूल खोलने को तैयार नहीं हुए। लेखिका ने वहाँ स्कूल खोलकर ऐसे बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाई।
हमारे समाज में हमारे आसपास भी ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो विभिन्न परिस्थितियों के कारण स्कूल न जाने के कारण स्कूल से वंचित हैं। ऐसे बच्चे को शिक्षित करने के लिए मैं: 

  • उनके माता-पिता और अभिभावकों को शिक्षा का महत्त्व बताऊँगा।
  • ऐसे बच्चों को मैं अपने खाली समय में पढ़ाने की व्यवस्था कराँगा।
  • अपने सहपाठियों से कहूँगा कि ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए वे भी आगे आएँ।
  • ऐसे बच्चों को अपने साथियों की मदद से पुस्तकें, कापियाँ एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास करूंगा।
  • समाज के धनी वर्ग से अनुरोध करूँगा कि ऐसे बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने के लिए आगे आएँ और उनका भविष्य सँवारने का प्रयास करें।
The document Short & Long Question Answer: मेरे संग की औरतें | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij) is a part of the Class 9 Course Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij).
All you need of Class 9 at this link: Class 9
17 videos|159 docs|33 tests

Top Courses for Class 9

17 videos|159 docs|33 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 9 exam

Top Courses for Class 9

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Short & Long Question Answer: मेरे संग की औरतें | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

mock tests for examination

,

pdf

,

Semester Notes

,

Short & Long Question Answer: मेरे संग की औरतें | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

video lectures

,

Viva Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

MCQs

,

past year papers

,

Exam

,

Objective type Questions

,

ppt

,

Summary

,

study material

,

Extra Questions

,

Short & Long Question Answer: मेरे संग की औरतें | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

Important questions

,

shortcuts and tricks

,

Free

,

practice quizzes

,

Sample Paper

;