UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly  >  The Hindi Editorial Analysis- 14th September 2023

The Hindi Editorial Analysis- 14th September 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

हिंद महासाग

र मे समुद्री सुरक्षा 

संदर्भ -

  • यूरोप में समुद्री मे युद्ध के विकसित होते परिदृश्य के बीच, हिंद महासागर में इन खतरों के संभावित विस्तार के बारे में चिंताएं पैदा हो रही हैं ।
  • हिंद महासागर में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, मुख्य रूप से संचार केबल और पाइपलाइनों के विकास में वृद्धि देखी जा रही है। चीन के साथ बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के आलोक में इनकी सुरक्षा संबंधी चिंताएं हालिया समय मे बढ गई है.

The Hindi Editorial Analysis- 14th September 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

यूरोप में समुद्र संचार लाइन पर युद्ध

  • नोर्ड स्ट्रीम मे तनाव : सितंबर 2022 में, समुद्र में तनाव बढ़ाने की एक महत्वपूर्ण घटना हुई, जिसमें नोर्ड स्ट्रीम 1 और 2 पाइपलाइनों को निशाना बनाया गया। ये पाइपलाइन बाल्टिक सागर में महत्वपूर्ण अपतटीय प्राकृतिक गैस मार्ग है , जो पश्चिमी यूरोपीय देशों को ऊर्जा की आपूर्ति करते हुए रूस और जर्मनी को सीधे जोड़ते है । यहाँ हुए तीन विस्फोटों ने समुद्र मे स्थित बुनियादी ढांचे को हिला दिया था , जिसके परिणामस्वरूप चार में से तीन पाइपलाइन नष्ट हो गईं थी । इससे न केवल गैस का प्रवाह का बाधित हुआ , बल्कि बाल्टिक सागर में मीथेन का भी रिसाव हुआ । इससे पर्यावरणीय चिंताएं और बढ़ गईं। इस तोड़फोड़ के परिणाम दूरगामी हुए , जो यूरोप के चल रहे ऊर्जा संकट को बढ़ा रहे है। नोर्ड स्ट्रीम के वर्तमान में गैर-परिचालन के कारण , यूरोप को अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है ।
  • यूरोप में रूसी सीबेड सर्वेक्षणः रूसी यंतर सर्वेक्षण जहाज हाल के वर्षों में पूरे यूरोप में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा स्थलों के पास व्यापक सीबेड सर्वेक्षण कर रहे हैं। इन गतिविधियों में केबल बिछाना, रूसी केबलों से अन्य देशों के संपर्क हटाना (जिसे "डीलॉसिंग" कहा जाता है) और केबल कटिंग जैसे खुफिया कार्य शामिल होने का संदेह है।
  • क्षेत्रीय लाइन मे व्यवधानः रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण पनडुब्बी से संचार केबल तोड़फोड़ की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। तोड़फोड़ का विभिन्न क्षेत्रों में भी असर हुआ है। जनवरी 2022 में, नॉर्वे मे तोड़फोड़ की एक घटना देखी गई जब तोड़फोड़ करने वालों ने स्वालबार्ड केबल को काट दिया था । यह स्वालबार्ड स्टेशन को जोड़ती थी, और उपग्रह एंटेना के लिए एक कड़ी के रूप में काम करती थी । इसके अलावा यह सबसे उत्तरी केबल भी है ।

संचार केबलः डेटा की जीवनरेखा

  • हिंद महासागर संचार केबलों के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है जो न केवल क्षेत्र मे राष्ट्रों को आपस में जोड़ता है बल्कि डेटा के वैश्विक संचरण की सुविधा भी प्रदान करता है। वैश्विक नौवहन की महत्वपूर्ण धमनियों की तरह, ये समुद्री केबल संचार की लाइनों का काम करते हैं।
  • ये केबल जिन मार्गों पर स्थित हैं, उनमें हिंद महासागर में केप ऑफ गुड होप, अदन की खाड़ी, ओमान की खाड़ी, मलक्का जलडमरूमध्य और सुंडा जलडमरूमध्य जैसे रणनीतिक चोकपॉइंट शामिल है।
  • भारत केबल लैंडिंग स्थलों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जिसमें मुंबई और चेन्नई महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, इन केंद्रों की प्रमुखता उन्हें संभावित हमलों के लिए भी संबेदनशील बनाती है।
  • दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया अपने अधिकांश हिंद महासागर संपर्कों के लिए सिंगापुर से सुंडा जलडमरूमध्य मार्ग पर निर्भर है।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री पाइपलाइनों और सीबेड खनन का बढ़ता महत्व

  • भविष्य में हिंद महासागर मे स्थित देशों की , विशेष रूप से भारत की अंतर्राष्ट्रीय उप-समुद्री पाइपलाइनों पर निर्भरता बढ़ेगी। ईरान, ओमान से भारत तक अपनी उपसागरीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के विस्तार पर विचार कर रहा है, जो गुजरात में पोरबंदर से जुड़ेगी ।
  • इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय कंसोर्टियम साउथ एशिया गैस एंटरप्राइज (एसएजीई) द्वारा प्रस्तावित 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अंडरसी गैस पाइपलाइन परियोजना का उद्देश्य 20 साल के अनुबंध पर भारत को प्रति दिन 31 मिलियन मीट्रिक मानक घन मीटर गैस पहुंचाना है। यह परियोजना भी गुजरात के माध्यम से भारत को जोड़ेगी ।
  • भारत का तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओ. एन. जी. सी.) देश के पश्चिमी तट से संचालित होता है, जो मुंबई हाई, नीलम, हीरा और बेसिन जैसे प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ने वाली उप-पाइपलाइनों के एक व्यापक नेटवर्क का प्रबंधन करता है।
  • ध्यान देने वाली बात है कि हिंद महासागर में पॉलीमेटेलिक नोड्यूल के लिए समुद्री तल खनन का सक्रिय अन्वेषण हो रहा है।

अपतटीय नवीकरणीय बुनियादी ढांचे का बढ़ता महत्व

  • ऑस्ट्रेलिया ने अपतटीय पवन और सौर संयंत्र , तरंग ऊर्जा सुविधाओं और समुद्र के नीचे इंटरकनेक्टर लाइनों सहित अपतटीय नवीकरणीय बुनियादी ढांचे की स्थापना को प्राथमिकता दी है। ये पहल हिंद महासागर सहित विभिन्न तटीय क्षेत्रों में फैली हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में बास जलडमरूमध्य में अपने पहले अपतटीय पवन क्षेत्र को मंजूरी दी है , जो अक्षय ऊर्जा विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
  • इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, सब केबल ऑस्ट्रेलिया-एशिया पावरलिंक के माध्यम से सिंगापुर को सौर ऊर्जा का निर्यात करने के लिए भी तैयार है, जिसे दुनिया की सबसे लंबी अंडरसी हाई-वोल्टेज डायरेक्ट करंट केबल के रूप में जाना जाता है। इसका मूल्य 30 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से अधिक है। यह महत्वाकांक्षी केबल लोम्बोक जलडमरूमध्य से सिंगापुर तक सौर-जनित बिजली का संचारण करेगी, इससे बिजली उत्पादन के लिए गैस पर सिंगापुर की निर्भरता काफी कम हो जाएगी।
  • ऑस्ट्रेलिया के उत्तर पश्चिम शेल्फ में हिंद महासागर में गैस पाइपलाइनों का एक व्यापक नेटवर्क है, जो अपतटीय निष्कर्षण स्थलों को मुख्य भूमि से जोड़ता है।

समुद्री तल में रक्षा चुनौतियों पर ऑस्ट्रेलिया और भारत की प्रतिक्रिया

  • अप्रैल 2023 में, ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग ने 107 मीटर लंबे नॉर्वेजियन जहाज एमवी नॉरमैंड जार्ल को खरीदकर एक उल्लेखनीय कदम उठाया है । यह अधिग्रहण समुद्र तल पर युद्ध के उभरते खतरों के प्रति ऑस्ट्रेलिया की प्रतिक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विकास के बावजूद, ऑस्ट्रेलिया ने आधिकारिक तौर पर अपनी व्यापक समुद्री तल रक्षा रणनीति का खुलासा नहीं किया ।
  • मार्च 2022 में, भारतीय नौसेना ने दो बहुउद्देशीय जहाजों के निर्माण का अनुबंध हासिल करके अपनी समुद्र मे स्थित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा संरक्षण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए है । हालांकि, सार्वजनिक बयानों में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि क्या इन जहाजों का उपयोग समुद्र तल रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। इन जहाजों की डिलीवरी मई 2025 में होने की उम्मीद है।
  • भारत अपनी समुद्री तल रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए मानव रहित पानी के नीचे के वाहनों (यूयूवी) के विकास में सक्रिय रूप से निवेश कर रहा है। विशेष रूप से, एक महत्वाकांक्षी एक्सएलयूयूवी विकास परियोजना चल रही है, जिसमें बारह एक्सएलयूयूवी की डिलीवरी की परिकल्पना की गई है।
  • जुलाई 2023 में, भारत के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने एक स्वदेशी स्वायत्त यूयूवी लॉन्च करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस ए. यू. वी. में खदान का पता लगाने और पानी के नीचे सर्वेक्षण सहित बहुमुखी क्षमताएं हैं। इसके अतिरिक्त, भारत छोटे ए. यू. वी. के विकास पर भी सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

सीबेड डिफेंस में चुनौतियां

  • इन सराहनीय विकासों और अधिग्रहणों के बावजूद, भारत को समुद्री मे युद्ध से उत्पन्न अद्वितीय खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से, समुद्री संचार केबलों को अभी तक देश की महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना प्रणाली में पूरी तरह से एकीकृत नहीं किया गया है।
  • इसके अलावा, एएसडब्ल्यू से परे समुद्र तल की रक्षा के लिए अधिक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर देते हुए, भारत में समुद्री बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए एक कोई विशेष एजेंसी नहीं है।
  • समुद्री तल के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के प्रसार को देखते हुए, इन परिसंपत्तियों की रक्षा अब केवल एक सैन्य चिंता के बजाय सार्वजनिक चिंता का विषय है। अतः अब वर्गीकृत क्षेत्र से बाहर समुद्र तल रक्षा पर चर्चा करना आवश्यक है। कम से कम, ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों को अपनी रक्षा रणनीतियों में समुद्र तल पर युद्ध के विचारों को एकीकृत करना चाहिए।
  • साथ ही अधिक व्यापक रणनीतियों को फ्रांसीसी मॉडल का पालन करना चाहिए, जिसमें समुद्री तल युद्ध की घटनाओं का जवाब देने के लिए स्पष्ट शासन ढांचे को परिभाषित किया जाए । इसके अलावा अधिग्रहण , मानव संसाधन विकास और समुद्री तल युद्ध में साझेदारी के लिए योजनाओं को रेखांकित किया जाए ।
  • इन रणनीतियों में समुद्री दृष्टिकोण, क्षेत्रीय समुद्रों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) और अंतर्राष्ट्रीय जल में रुचि के क्षेत्रों में समुद्र तल के युद्ध पर विचार करना चाहिए। चूंकि भारत और ऑस्ट्रेलिया के द्वारा समुद्री तल पर युद्ध क्षमताएं अभी भी विकसित की जा रही हैं, इसलिए इन क्षमताओं को संबंधित सिद्धांतों में शामिल करने से पहले प्राथमिक क्षमता विकास पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

  • यूरोप के विपरीत, हिंद महासागर क्षेत्र में कई तटीय और द्वीप राष्ट्र शामिल हैं, जिनमें से कई में उन्नत नौसेनाओं या तट रक्षकों की कमी है। इसके अलावा यहाँ नाटो जैसे सामूहिक सुरक्षा ढांचा का अभाव हैं। ऑस्ट्रेलिया और भारत को अपनी परिष्कृत समुद्री क्षमताओं के साथ, समुद्र तल के बुनियादी ढांचे की निगरानी और सुरक्षा के लिए इन छोटे क्षेत्रीय देशों के साथ सहयोग करना चाहिए।
  • मई 2023 में, चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (क्वाड) ने 'केबल कनेक्टिविटी और लचीलापन के लिए क्वाड साझेदार की घोषणा की, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 'इंडो-पैसिफिक केबल कनेक्टिविटी और लचीलापन कार्यक्रम' शुरू किया। अमेरिका भी अपने 'केबल्स कार्यक्रम' के माध्यम से सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, यह अनिश्चित बना हुआ है कि क्या ये पहल व्यापक रूप से समुद्र तल युद्ध के खतरों का समाधान करेंगी या पूरी तरह से केबल सुरक्षा और नेटवर्क विकास सलाह पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
  • ऑस्ट्रेलिया, भारत और हिंद महासागर के देशों को यूरोपीय समुद्र तल युद्ध के खतरे से सबक लेना चाहिए। रूस-यूक्रेन संघर्ष ने इस बात को रेखांकित किया है कि युद्ध के दौरान समुद्री तल का बुनियादी ढांचा राज्य और गैर-राज्य अभिकर्ताओं के लिए असुरक्षित है। समुद्री तल के बुनियादी ढांचे के बढ़ते महत्व और उस पर समाज की बढ़ती निर्भरता को देखते हुए, समुद्री तल क्षेत्र को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और राष्ट्रीय रक्षा रणनीतियों में एकीकृत किया जाना चाहिए।


The document The Hindi Editorial Analysis- 14th September 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC is a part of the UPSC Course Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly.
All you need of UPSC at this link: UPSC
2204 docs|810 tests

Top Courses for UPSC

2204 docs|810 tests
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

MCQs

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

study material

,

video lectures

,

The Hindi Editorial Analysis- 14th September 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

Objective type Questions

,

mock tests for examination

,

Summary

,

Extra Questions

,

pdf

,

Exam

,

Free

,

shortcuts and tricks

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Sample Paper

,

ppt

,

The Hindi Editorial Analysis- 14th September 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

practice quizzes

,

Viva Questions

,

The Hindi Editorial Analysis- 14th September 2023 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

past year papers

,

Semester Notes

,

Important questions

;