Table of contents |
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कहानी का परिचय |
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कहानी का सारांश |
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कहानी से शिक्षा |
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शब्दार्थ |
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यह कहानी "मीना का परिवार" है, जिसे लेखिका मालती देवी ने लिखा है। इस कहानी में मीना और उसके परिवार के सदस्य बताए गए हैं, जो एक साथ मिलकर खुश रहते हैं। कहानी में मीना और उसके छोटे भाई दिवाकर के साथ परिवार के बाकी सदस्यों के प्यार और देखभाल को दिखाया गया है।
मीना के परिवार में सात लोग हैं—उसके दादा, दादी, माता, पिता, चाचा, मीना और उसका छोटा भाई दिवाकर। दिवाकर तीन साल का है और बहुत नटखट है। मीना उसे गिनती सिखाती है, और दिवाकर खुशी-खुशी गिनती करता है।
मीना और दिवाकर अपने चाचाजी के साथ खेलते हैं। चाचाजी दिवाकर को गोद में उठा लेते हैं और वे सब मिलकर बरामदे में जाते हैं, जहाँ दादी और माँ फल काट रही हैं। मीना के पिता और दादाजी गमलों में पानी दे रहे हैं।
थोड़ी देर बाद, माँ सबको फल देती हैं और सब मिलकर खा रहे होते हैं। यह सब बहुत खुशी और प्यार से भरा हुआ है। मीना का परिवार बहुत प्यारा है और सब एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि परिवार में सभी लोग एक-दूसरे का ध्यान रखते हैं और मिलकर खुश रहते हैं। परिवार का प्यार और एकता बहुत जरूरी है। हमें अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना चाहिए और एक-दूसरे से प्यार करना चाहिए।
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Chapter Notes: मीना का परिवार
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1. मीना का परिवार कौन से लोगों से मिलकर मिलता है? | ![]() |
2. मीना के परिवार की विशेषताएं क्या हैं? | ![]() |
3. मीना का परिवार अपनी आवासीय स्थान कहाँ बनाता है? | ![]() |
4. मीना के परिवार का आय और व्यय कैसे होता है? | ![]() |
5. मीना के परिवार की परंपरा और संस्कृति क्या होती है? | ![]() |