प्रश्न 1: ‘यह तेरी रण-तरी, भरी आकांक्षाओं से’ का क्या आशय है?
उत्तर: इस पंक्ति के माध्यम से कवि क्रांति के दूत बादल को संबोधित करते हुए कहता है कि जिस प्रकार युद्ध रूपी नौका युद्ध की सामग्री से भरी होती है उसी प्रकार से तुम्हारे अंदर जनसामान्य की अनेक कामनाएँ भरी हुई हैं जिन्हें तुम्हें वर्षा के माध्यम से पूरा करना है।
प्रश्न 2: ‘हँसते हैं छोटे पौधे लघुभार’ के माध्यम से कवि ने किनकी ओर संकेत किया है और क्यों?
उत्तर: कवि ने ‘छोटे पौधे’ के माध्यम से पिछड़े वर्गों और शोषितों की ओर संकेत किया है जो संपन्न वर्ग के शोषण के कारण दीन-हीन दशा प्राप्त कर किसी प्रकार जीवन जी रहे हैं। वे क्रांति रूपी बादलों के आगमन पर प्रसन्न हैं कि क्रांति के बाद शोषक वर्ग मिट जाएगा और शोषित वर्ग का फूलने-पनपने का उचित अवसर प्राप्त हो जाएगा।
प्रश्न 3: कषि ने किसान की दशा का चित्रण कैसा किया है?
उत्तर: कवि ने किसान की दयनीय और शोचनीय दशा का चित्रण किया है जो पंजीपतियों के शोषण का शिकार बना रहा है। ‘जीर्ण बाह है शीर्ण शरीर’ कहकर उसकी शारीरिक स्थिति को प्रकट करते हुए मानता है कि उसके पास न तो खाने को पूरी रोटी है और न शरीर को ढकने के लिए वस्त्र। उसकी कमजोर शक्तिहीन भुजाएँ कर्मठता से दूर हटकर निकम्मेपन की ओर बढ़ती जा रही हैं। वह इस जीवन से हताश-निराश है।
प्रश्न 4: ‘बादल राग’ कविता के माध्यम से कवि के दृष्टिकोण में कौन-सा मूल बदलाव दिखाई दिया है?
उत्तर: निराला जी छायावादी कवि थे। उसकी कविता में प्रेम, सौंदर्य, कल्पना, रहस्यवाद, प्रकृति-चित्रण आदि भावों की प्रधानता दिखाई देती थी पर ‘बादल राग’ में उनका प्रगतिवादी पक्ष दिखाई देता है जिसमें कवि ने दीन-हीन निरीह लोगों का सजीव चित्रण करते हुए पूँजीपतियों के विनाश की कामना की है। वह समाज में परिवर्तन लाना चाहता है। वे पूंजीपतियों को क्रांति से मिटा कर दीन-हीनों के सुखों की कामना करते हैं।
प्रश्न 5: निराला की सहानुभूति किस वर्ग के प्रति है?
उत्तर: निराला जी की सहानुभूति पूर्ण रूप से पूँजीपति वर्ग के विरोध में गरीब, शोषित और कृषक वर्ग के प्रति है। अमीरों ने ही दीन-हीन वर्ग के शोषण में अपार सुख-समृद्धियों की प्राप्ति की है, अपने ऊँचे-ऊँचे महल खड़े किए हैं। वे चाहते हैं कि शोषित वर्ग एक साथ मिलकर पूँजीपतियों के विरुद्ध विरोध की लहर उत्पन्न करें, क्रांति की मशाल जलाएँ और पूँजीपतियों को समूल नष्ट कर दें।
प्रश्न 6: बादलों के आगमन से प्रकृति में होने वाले किन-किन परिवर्तनों को ‘बादल राग’ कविता रेखांकित करती हैं?
उत्तर: जब आकाश में बादलों का आगमन होता है तब बादल गर्जने लगते हैं। उनकी गर्जने की आवाज़ दूर-दूर तक सुनाई देती है। बादलों में बिजली कोंधने लगती है और मूसलाधार वर्षा आरंभ हो जाती है। पानी मिल जाने के कारण बीजों का अंकुरण हो जाता है। जब वे बड़े होते हैं तो छोटे-छोटे पौधे हवा के चलने से अपने हाथ हिला-हिलाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हैं। कमल के फूल से जल की बूंदें टपकने लगती हैं। धरती का कीचड़ जल के बहाव के कारण साफ हो जाता है।
प्रश्न 7: सुप्त अंकुर किसकी ओर ताक रहे हैं? वे किसलिए ऐसा कर रहे हैं?
उत्तर: धरती माँ की उपजाऊ मिट्टी में सोए हुए अंकुर निरंतर बादलों की ओर ताक रहे हैं। उन्हें पूरी आशा है कि बादलों के बरसने से मिट्टी नम हो जाएगी और उन्हें अंकुरित होने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ मिलेंगी; वे पनपेंगे; बड़े होंगे और उन्हें भी अपना रूप-गुण दिखाने का अवसर प्राप्त होगा। प्रतीकात्मकता से निम्न और समाज के द्वारा तुच्छ समझे जानेवाले लोग सुख-समृद्धि प्राप्त कर तरक्की की राह पर आगे बढ़ेंगे। समाज में आनेवाली क्रांति के कारण उन्हें भी अपना अस्तित्व प्रकट करने का अवसर प्राप्त होगा, वे भी अपना उत्थान कर पाएंगे।
प्रश्न 8: निराला जी ने ‘क्षत-विक्षत हत अचल शरीर’ के माध्यम से किनकी ओर संकेत किया है और क्यों?
उत्तर: निराला जी ने ‘क्षत-विक्षत हत अचल शरीर’ के माध्यम से समाज के समृद्ध और उच्च वर्ग की ओर संकेत किया है क्योंकि यही वर्ग शोषक बन निर्धन और कमजोर वर्ग का शोषण करता है; उनके अधिकारों को छीन स्वयं संपन्न बनता है। जब भी क्रांति आती है; तब समृद्ध और उच्च वर्ग ही क्रांति का शिकार बनता है। कवि उन्हें क्षत-विक्षत दिखाकर प्रकट करता है कि उनकी धन-दौलत, सुख-संपत्ति और शोषण से प्राप्त की गई सभी खुशियाँ क्रांति आने पर वापिस छीन ली जाएंगी। जन-क्रांति की गाज उन्हीं पर गिरेगी।
प्रश्न 9: शोषक वर्ग सब प्रकार से सुरक्षित और संपन्न होते हुए भी क्रांति के नाम से क्यों भयभीत होता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: शोषक वर्ग धन और शक्ति के कारण समाज में सबसे अधिक संपन्न और सुरक्षित होता है पर वह मन-ही-मन जानता है कि उसी ने निम्न और मध्यम वर्ग का शोषण किया है। यदि कभी भी जन-क्रांति हुई तो उसकी जान पर बन आएगी; वह उनसे नहीं बच पाएगा जिन्हें उसने शोषण का शिकार बनाया था। उसकी सारी सुख-संपत्ति लूट ली जाएगी। उसकी शान-शौकत मिट्टी में मिला दी जाएगी इसलिए वह क्रांति के नाम से भी कांपता है।
प्रश्न 10: ‘बादल राग’ के आधार पर विप्लव के बादलों की घोर गर्जना से धनी और पूँजीपति वर्ग पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: विप्लव के बादलों की घोर गर्जना सुनकर धनी और पूँजीपति वर्ग क्रांति के डर से काँप उठता है। उसे गरीबों के साथ किए गए अपने व्यवहार की याद आ जाती है। उसे अपने पाप डराने लगते है। उसे अब लुट जाने और मारे जाने का भय सताने लगता है। वह अपनी अति सुंदर पत्नी की निकटता पाकर भी भय से काँपता रहता है। उसे प्रतीत होता है कि अब उसे कोई नहीं बचा सकता।
प्रश्न 11: निराला जी ने अमीरों-पंजीपतियों की अट्टालिकाओं को आतंक भवन क्यों कहा है?
उत्तर: अमीर-पूँजीपति गरीबों, किसानों और श्रमिकों पर अत्याचार कर उनके खून-पसीने की कमाई से अपनी तिजोरियाँ भरते हैं, ऊँचे-ऊँचे महलों-अट्टालिकाओं में शान-शौकत से रहते हैं। वे स्वयं तो सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं पर अपने क्रूरतापूर्ण व्यवहार से दीन-दुखियों पर आतंक की भाँति छाए रहते हैं। उनके परिश्रम से अपने घर को भरते हैं। संपन्नता भरे जीवन को जीते : हुए भी वे मन-ही-मन जन-क्रांति से डरते रहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि उन्होंने शोषण किया है। उन्हें भय है कि जब क्रांति आएगी तो उन्हें लूट लिया जाएगा, मार दिया जाएगा, उनके ऊँचे-शानदार भवन नष्ट कर दिए जाएंगे। इसलिए कवि ने उनकी अट्टालिकाओं को आतंक-भवन कहा है।
प्रश्न 12: ‘बादल राग’ के आधार पर धनी शोषकों की जीवन-शैली पर टिप्पणी कीजिए। वे क्यों त्रस्त हैं?
उत्तर: ‘बादल राग’ कविता में कवि ने धनी एवं पूँजीपति वर्ग के शोषण एवं अत्याचार के शिकार निम्न एवं सर्वहारा वर्ग के जीवन की दयनीय दशा का मार्मिक अंकन किया है। धनी वर्ग का जीवन ऐश्वर्य से परिपूर्ण है किंतु निम्न वर्ग उनके शोषण से दुखी है। निम्न वर्ग ने उनके शोषण से मुक्ति पाने के लिए क्रांति ला दी है। इसीलिए धनी वर्ग त्रस्त हैं।
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