प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित 2018 चुनावी बॉन्ड योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करने करने पर सहमत हो गई है।
चुनावी बॉन्ड ब्याज मुक्त "बेयरर इंस्ट्रूमेंट्स" हैं जिन्हें भारत सरकार ने 2017 में पेश किया था। ये बॉन्ड वचन पत्र के रूप में कार्य करते हैं और इन्हें धारक द्वारा मांग पर भुनाया जा सकता है। वे राजनीतिक दलों को अनाम दान देने में सक्षम बनाते हैं।
चुनावी बॉन्ड भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अधिकृत शाखाओं से 1,000 रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक के मूल्यवर्गों में खरीदे जा सकते हैं, जो कि अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों के अधीन हैं। राजनीतिक दल इन बॉन्डों को प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर भुना सकते हैं और चुनावी खर्च के लिए धन का उपयोग कर सकते हैं।
चुनावी बॉन्ड केवल जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के महीनों में 10-दिवसीय सीमित अवधि के दौरान खरीदे जा सकते हैं। इस सीमित उपलब्धता का उद्देश्य राजनीतिक दलों के धन प्रवाह को विनियमित करना है।
चुनावी बॉन्ड का उपयोग केवल प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत राजनीतिक दलों को दान करने के लिए किया जा सकता है। इन पार्टियों को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 1% वोट प्राप्त करना चाहिए।
भारत में चुनावी बांड योजना बहस और कानूनी चुनौतियों का विषय बनी हुई है। यह राजनीतिक फंडिंग में सुधार और पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है लेकिन विभिन्न मोर्चों पर इसका विरोध किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय इस योजना की संवैधानिक वैधता की समीक्षा कर रहा है जो भारत में राजनीतिक वित्तपोषण के भविष्य को आकार दे सकता है।
एक निष्पक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था की अखंडता को बनाए रखने के लिए, पारदर्शी और नैतिक चुनावी वित्तपोषण प्रक्रिया स्थापित करना अनिवार्य है। कई विकसित पश्चिमी देशों में अपनी राजनीतिक व्यवस्थाओं के भीतर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत तंत्र हैं। जैसा कि भारत वर्ष 2047 तक एक विकसित देश के दर्जे तक पहुंचने की आकांक्षा रखता है, अतः उसे अपने राजनीतिक परिदृश्य में पारदर्शिता के समान मानकों को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए । चुनावी वित्त पर निगरानी बढ़ाना इस दिशा में एक आवश्यक प्रारंभिक कदम हो सकता है।
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1. चुनावी बॉन्ड क्या हैं? |
2. चुनावी बॉन्ड कैसे काम करते हैं? |
3. चुनावी बॉन्ड का उपयोग किस उद्देश्य से किया जाता है? |
4. चुनावी बॉन्ड कौन-कौन इनका उपयोग कर सकते हैं? |
5. चुनावी बॉन्ड के फायदे क्या हैं? |
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