UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly  >  Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): October 2023 UPSC Current Affairs

Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): October 2023 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly PDF Download

स्वास्थ्य देखभाल तक समान पहुँच: एक नैतिक अनिवार्यता

अनिल एक स्वास्थ्य देखभाल प्रशासक हैं जो निजी एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के समन्वय वाले देश में एक सार्वजनिक अस्पताल के प्रबंधन कार्यों में संलग्न हैं। वह जिस सार्वजनिक अस्पताल का प्रबंधन करते हैं वह मुख्य रूप से कम आय वाले लोगों और परिवारों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएँ और उपचार उपलब्ध कराता है।

हाल ही में सरकार द्वारा सार्वजनिक अस्पतालों में हाशिये पर स्थित समुदायों की स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच को बढ़ाने के उद्देश्य से चिकित्सा खर्चों पर सब्सिडी प्रदान करने पर आधारित एक नीति प्रस्तुत की गई है। यह नीति स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में समानता लाने के साथ कम आय वाले लोगों पर चिकित्सा सेवाओं के बोझ को कम करने हेतु डिज़ाइन की गई है।

भले ही यह नीति अच्छे इरादे से बनाई गई हो लेकिन इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक अस्पतालों में इलाज हेतु रियायती सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये अधिक समृद्ध पृष्ठभूमि वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। मरीजों की संख्या में होने वाली इस वृद्धि से अस्पताल के संसाधनों पर दबाव में वृद्धि हुई है। इसके कारण भीड़भाड़ होने से चिकित्सा हेतु लोगों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है और इससे हाशिये पर स्थित एवं कम आय वाले समुदायों की स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता के साथ समझौता हो रहा है। मरीजों को उनकी आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं से दूर रखना, स्वास्थ्य देखभाल तक समान पहुँच के सिद्धांत के खिलाफ है।

इस संदर्भ में क्या अस्पताल को स्वयं धनी व्यक्तियों द्वारा प्राप्त की जाने वाली सब्सिडी सेवाओं को रोकने हेतु उपाय लागू करने चाहिये या फिर इस नीति को संशोधित किया जाना चाहिये?

सिविल सेवाओं में यथास्थिति

दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में हाल ही में हुई एक घटना में, सिविल सेवा अधिकारियों से संबंधित हितों के टकराव के दावों के कारण एथलीटों एवं कोचों को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में परिवर्तन तथा बाधाओं का सामना करना पड़ा। इसमें एथलीटों द्वारा आरोप लगाया गया कि संबंधित अधिकारी निजी गतिविधियों (विशेष रूप से अपने कुत्तों को घुमाने के लिये) हेतु स्टेडियम का उपयोग कर रहे हैं। जिसके कारण एथलीटों को अपने प्रशिक्षण सत्र को समय से पहले ही समाप्त करने के लिये मजबूर होना पड़ता है।

फिर भी अधिकारियों ने इस बात पर बल देकर कहा कि उन्होंने कभी भी किसी एथलीट से स्टेडियम खाली करने का अनुरोध नहीं किया है, क्योंकि सही मायने में स्टेडियम पर उन्हीं का ही अधिकार है। अधिकारियों ने कहा कि वे  प्रशिक्षण की निर्धारित समापन अवधि के बाद ही स्टेडियम में दौरा करते हैं। इस क्रम में वे यह भी सावधानी रखते हैं कि उनके पालतू जानवर ट्रैक पर इधर-उधर न घूमें तथा इससे एथलीटों का प्रशिक्षण बाधित न हो।

लेकिन एक प्रशिक्षु एथलीट के माता-पिता ने इस स्थिति को अस्वीकार करते हुए इसे अधिकारियों की शक्ति के दुरुपयोग के रूप में संदर्भित किया। इन शिकायतों के बाद सरकार ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए उनका दिल्ली से बाहर ट्राँसफर कर दिया। हालिया घटनाक्रम के आलोक में सरकार ने आईएएस अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश दिया।

क्या आपको लगता है कि ऐसी निजी गतिविधियों हेतु सार्वजनिक सुविधाओं का उपयोग करना नैतिक है, जिससे संभावित रूप से दूसरों को असुविधा हो सकती है। सार्वजनिक सुविधाओं के निष्पक्ष एवं नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करने हेतु क्या उपाय किये जा सकते हैं?

Case Study - 1

प्रश्न: उत्तरकाशी से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर सुदूर पहाड़ी बस्ती में 20 जुलाई, 2023 की मध्यरात्रि में एक भूस्खलन हुआ। भूस्खलन मूसलाधार बारिश के कारण हुआ और नतीजतन जान-माल की हानि बड़े पैमाने पर हुई। आप उस क्षेत्र के ज़िला मजिस्ट्रेट होने के नाते डॉक्टरों के दल, एन.जी.ओ., मीडिया और पुलिस के साथ बहुत से सहायक स्टाफ को लेकर घटनास्थल पर बचाव अभियान के लिये तुरंत पहुँचे।
एक आदमी अपनी गर्भवती पत्नी की अत्यावश्यक चिकित्सा सहायता के लिये आपके पास भागता हुआ आया, जो प्रसव में है और उन्हें रक्तस्राव हो रहा है। आपने अपने चिकित्सक दल को उसकी पत्नी की जाँच करने का निर्देश दिया। उन्होंने वापस आकर आपको बताया कि उस महिला को तुरंत खून चढ़ाने की आवश्यकता है। पूछताछ करने पर आपको पता चला कि कुछ रक्त संग्रह बैग और रक्त समूह परीक्षण किट एम्बुलेंस में आपकी टीम के पास मौजूद हैं। आपकी टीम के कुछ सदस्य स्वेच्छा से अपना रक्तदान करने के लिये पहले से ही तैयार हैं।
एम्स से स्नातक चिकित्सक होने के नाते आप जानते हैं कि खून चढ़ाने के लिये मान्यता-प्राप्त ब्लड बैंक से ही रक्त के इंतजाम की आवश्यकता है। आपकी टीम के सदस्य इस मुद्दे पर बँटे हुए हैं, कुछ खून चढ़ाने के हक में हैं, जबकि कुछ इसके विरोध में हैं। यदि उन्हें खून चढ़ाने के लिये दंडित नहीं किया जाएगा तो टीम में शामिल डॉक्टर प्रसव कराने के लिये तैयार हैं। अब आप दुविधा में हैं। आपका पेशेवर प्रशिक्षण मानवता और लोगों का जीवन बचाने को प्राथमिकता देने पर ज़ोर देता है।
(a) इस मामले में कौन-से नैतिक मुद्दे शामिल हैं?
(b) क्षेत्र के ज़िला मजिस्ट्रेट होने के नाते आपके पास उपलब्ध विकल्पों का मूल्यांकन कीजिये।
उत्तर: 
नैतिक मुद्दे:

  • रोगी का कल्याण: इस संदर्भ में सर्वोपरि नैतिक चिंता गर्भवती महिला और उसके अजन्मे बच्चे की जीवन-घातक स्थिति है, जिसमें गंभीर रक्तस्राव के कारण तत्काल चिकित्सीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
  • रक्त सुरक्षा: रक्त आधान (Transfusion) के लिये ऐसे रक्त का उपयोग जो किसी मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से नहीं लिया गया है, सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंताओं को उत्पन्न करता है।
  • सूचित सहमति: यह विचार करना आवश्यक है कि क्या रोगी या उसके परिवार को रक्त आधान के जोखिमों और लाभों के बारे में सूचित किया गया है (यदि यह किसी मान्यता प्राप्त स्रोत से नहीं लिया गया है)।
  • नैतिक चिकित्सा: दल के चिकित्सा कर्मी जीवन बचाने की इच्छा एवं पेशेवर मानदंडों तथा नैतिकता बनाए रखने के अपने दायित्व के बीच संघर्ष की स्थिति का सामना करते हैं।
  • विधिक और नियामकीय अनुपालन: यह स्थिति रक्त आधान के संबंध में विधिक और नियामकीय अनुपालन पर प्रश्न उठाती है।

उपलब्ध विकल्प:

  • किसी मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से रक्त प्राप्त करना: ज़िलाधिकारी को रोगी की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिये, साथ ही किसी मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से रक्त की व्यवस्था कर चिकित्सकीय नैतिकता का पालन करना चाहिये।
  • जाँच के साथ स्थानीय रक्त संग्रह: यदि संभव हो, तो दल के संभावित दाताओं का त्वरित रक्त परीक्षण करना चाहिये।
  • विशेषज्ञ परामर्श: परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सर्वोत्तम कार्रवाई के बारे में मार्गदर्शन और सलाह के लिये चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ संपर्क करना चाहिये।

इस स्थिति में लिये जाने वाले निर्णय में रोगी की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के साथ नैतिक, चिकित्सीय एवं विधिक मानकों का पालन भी किया जाना चाहिये। यद्यपि स्थिति गंभीर है लेकिन रक्त सुरक्षा से समझौता करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में चिकित्सा दल से स्पष्ट संचार के साथ यदि आवश्यक हो तो विशेषज्ञ की सलाह लेना तथा नैतिक, चिकित्सा और नियामक विचारों को सर्वोत्तम रूप से संतुलित करने वाला एक सूचित निर्णय लेना आवश्यक है।

Case Study - 2

प्रश्न: आप मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं। आपको हाल ही में पता चलता है कि आपके एक अधीनस्थ ने एक वर्चुअल क्रिकेट टीम बनाकर एक फैंटेसी स्पोर्ट्स एप पर 2 करोड़ रुपए जीते हैं। उसने आपसे अनुमति लिये बिना (वर्दी पहनकर) मीडिया में साक्षात्कार भी दिया है और रातोंरात एक सेलिब्रिटी बन गया है। हालाँकि, आप यह भी जानते हैं कि ऐसे गेम खेलना कई लोगों द्वारा अनैतिक एवं सामाजिक रूप से अस्वीकार्य माना जाता है, तथा ऐसे एप की वैधता और नैतिकता के बारे में पहले से ही बहस चल रही है। आपको चिंता है कि उसके कृत्य से पुलिस बल की छवि एवं प्रतिष्ठा खराब हो सकती है, जो अन्य अधिकारियों के साथ-साथ आम लोगों के लिये भी एक बुरा उदाहरण बन सकता है।
(a) इस मामले से संबंधित नैतिक मुद्दे कौन-से हैं?
(b) उसके वरिष्ठ अधिकारी के रूप में आप कौन से संभावित कदम उठा सकते हैं?
(c) प्रत्येक कार्यवाही से जुड़े लाभ और हानि क्या हैं? (d) आप कार्रवाई का कौन सा तरीका चुनेंगे और क्यों?
उत्तर:

परिचय
मुंबई पुलिस के प्रभारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में मुझे एक संवेदनशील स्थिति के बारे में पता चला है कि एक अधीनस्थ ने - वर्चुअल क्रिकेट टीम बनाकर एक फैंटेसी स्पोर्ट्स एप पर 2 करोड़ रुपए जीते हैं। उसने मेरी अनुमति लिये बिना (वर्दी पहनकर) मीडिया में साक्षात्कार भी दिया है जो कि नैतिक चिंता का कारण है, उसके इस कृत्य से पुलिस बल की छवि और प्रतिष्ठा खराब हो सकती है, यह कृत्य अन्य अधिकारियों के साथ-साथ आम लोगों के लिये भी एक बुरा उदाहरण बन सकता है। हम कार्रवाई का सर्वोत्तम तरीका निर्धारित करने हेतु इसके नैतिक मुद्दों, विकल्पों तथा उनके पक्ष व विपक्ष पर चर्चा करेंगे।

मुख्य भाग

मामले में शामिल नैतिक मुद्दे:

  • वर्दी का दुरुपयोग: बिना अनुमति अधिकारियों (वर्दी में) द्वारा मीडिया में साक्षात्कार देना पुलिस की वर्दी के दुरुपयोग, सार्वजनिक विश्वास में कमी और व्यावसायिकता को नुकसान जैसी संभावनाओं के बारे में चिंता बढ़ा सकता है।
  • हितों का टकराव: एक पुलिस अधिकारी के रूप में फैंटेसी स्पोर्ट्स एप पर पैसा जीतना हितों के टकराव की स्थिति पैदा कर सकता है, जो वित्तीय लाभ के लिये ऑन-ड्यूटी कार्यों को प्रभावित कर सकता है।
  • नैतिक ज़िम्मेदारी: जनता का विश्वास बनाए रखना पुलिस अधिकारियों का नैतिक कर्त्तव्य है; संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने से यह भरोसा समाप्त हो सकता है।
  • दूसरों हेतु रोल मॉडल: अधिकारियों को दूसरों के लिये एक उदाहरण स्थापित करना चाहिये, क्योंकि एक अधिकारी के कार्य उसके साथी अधिकारियों और जनता दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
  • ऐसी गतिविधि जिसकी वैधता और नैतिकता सवालों के घेरे में हो: फैंटेसी स्पोर्ट्स एप जैसी विवादित गतिविधि में उसकी भागीदारी को अधिकारी द्वारा समर्थन के रूप में माना जा सकता है, जो नैतिक दुविधा को बढ़ाता है।
  • सार्वजनिक धारणा: अधिकारी की अचानक प्रसिद्धि और प्राप्त धन इस धारणा को जन्म दे सकता है कि अधिकारी अपने कर्त्तव्यों की अवहेलना कर आसानी से पैसा कमा सकते हैं, जिससे उनकी प्राथमिक ज़िम्मेदारियों के बारे में नैतिक चिंताएँ बढ़ सकती हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में मेरे पास कार्रवाई के कई संभावित तरीके हैं:

  • कोई कार्रवाई न करना: इस दृष्टिकोण से अधीनस्थ का व्यवहार जारी रह सकता है, जिससे संभावित रूप से पुलिस बल की छवि और प्रतिष्ठा को और अधिक नुकसान हो सकता है।
  • चेतावनी देना या फटकार लगाना: यह कार्रवाई अधीनस्थों और अन्य अधिकारियों के लिये एक निवारक के रूप में काम कर सकती है, जो फैंटेसी स्पोर्ट्स एप से जुड़ी नैतिक चिंताओं को उजागर करती है।
  • अधीनस्थ को निलंबित या स्थानांतरित करना: गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई करके आप अधीनस्थ के व्यवहार की अस्वीकार्यता और उसके संभावित परिणामों के बारे में एक मज़बूत संदेश प्रेषित कर सकते हैं।
  • अधीनस्थ से बात करना: यह दृष्टिकोण आपको अधीनस्थ के परिप्रेक्ष्य को समझने और उसे फैंटेसी स्पोर्ट्स एप से जुड़ी नैतिक चिंताओं के बारे में शिक्षित करने में मदद कर सकता है।

प्रत्येक कार्यवाही के लाभ और हानि:

  • कोई कदम न उठाना:
    • लाभ: यह अधीनस्थ को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का प्रयोग करने की अनुमति देता है।
    • हानि: नैतिक चिंताओं और पुलिस बल की छवि को संभावित नुकसान को संबोधित करने में विफल।
  • चेतावनी या फटकार:
    • लाभ: अधीनस्थ के व्यवहार की नैतिक चिंताओं और संभावित परिणामों पर प्रकाश डालता है।
    • हानि: यह कदम पर्याप्त रूप से निवारक नहीं हो सकता है और आपके तथा अधीनस्थ के बीच संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है।
  • अधीनस्थ को निलंबित या स्थानांतरित करना:
    • लाभ: यह अधीनस्थ के व्यवहार की अस्वीकार्यता और उसके संभावित परिणामों के बारे में एक मज़बूत संदेश प्रेषित करेगा।
    • हानि: यह कदम अंतर्निहित नैतिक चिंताओं का समाधान नहीं कर सकता।
  • अधीनस्थ से बात करना:
    • लाभ : इससे अधीनस्थों के परिप्रेक्ष्य की बेहतर समझ और उन्हें नैतिक चिंताओं के बारे में शिक्षित करने का अवसर मिलता है।
    • हानि: यह अधीनस्थ के व्यवहार को बदलने में प्रभावी नहीं हो सकता है और समय लेने वाला हो सकता है।
  • कार्रवाई का उपयुक्त तरीका:
    • पुलिस बल की छवि और प्रतिष्ठा पर संभावित प्रभाव के साथ-साथ फैंटेसी स्पोर्ट्स एप से जुड़ी नैतिक चिंताओं को संबोधित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई का सबसे उपयुक्त तरीका अधीनस्थ के साथ बात करना होगा। यह दृष्टिकोण अधीनस्थों के परिप्रेक्ष्य को बेहतर ढंग से समझने का अवसर देता है तथा साथ ही उन्हें नैतिक चिंताओं व संभावित परिणामों के बारे में शिक्षित करने का अवसर भी प्रदान करता है।

निष्कर्ष
मैं इस दृष्टिकोण को चुनूँगा क्योंकि यह नैतिक चिंताओं को संबोधित करने की आवश्यकता को संतुलित करता है और अधीनस्थों को उनकी गलतियों से सीखने का अवसर भी प्रदान करता है। हालाँकि यदि इस प्रकार का व्यवहार जारी रहता है, तो पुलिस बल की प्रतिष्ठा की रक्षा तथा नैतिक मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये निलंबन या स्थानांतरण जैसे अधिक गंभीर उपाय आवश्यक हो सकते हैं। अंततः कार्रवाई का चुनाव अधीनस्थ की प्रतिक्रिया एवं स्थिति की गंभीरता से निर्धारित होगा।

The document Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): October 2023 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly is a part of the UPSC Course Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly.
All you need of UPSC at this link: UPSC
2209 docs|810 tests

Top Courses for UPSC

2209 docs|810 tests
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

study material

,

Summary

,

Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): October 2023 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily

,

shortcuts and tricks

,

practice quizzes

,

Weekly & Monthly

,

Free

,

Weekly & Monthly

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): October 2023 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily

,

video lectures

,

ppt

,

mock tests for examination

,

MCQs

,

Moral Integrity (नैतिकता अखंडता): October 2023 UPSC Current Affairs | Current Affairs (Hindi): Daily

,

Objective type Questions

,

Exam

,

Viva Questions

,

Important questions

,

Weekly & Monthly

,

past year papers

,

Semester Notes

,

pdf

,

Extra Questions

,

Sample Paper

;