Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)  >  Worksheet Solutions: टोपी शुक्ला - 2

Worksheet Solutions: टोपी शुक्ला - 2 | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: किसके पिता जी हिंदुस्तान में पैदा होने वाले पहले बच्चे थे ?
(क) टोपी के
(ख) इफ़्फ़न के
(ग) किसी के नहीं
(घ) नौकरानी के
उत्तर: 
(ख)

प्रश्न 2: टोपी इफ़्फ़न से क्या कहता है ?
(क) दादी बदलने को
(ख) खाना बदलने को
(ग) टोपी बदलने को
(घ) बदलने को
उत्तर: 
(क)

प्रश्न 3: इफ़्फ़न टोपी को क्या कहता ?
(क) टोपी की दादी बूढ़ी है जल्दी मर जाएगी
(ख) उसके पिता की ट्रांसफर हो जाएगी
(ग) कोई नहीं
(घ) पिता की ट्रांसफर हो जाएगी
उत्तर: 
(क)

प्रश्न 4: कबाब किसने खाए थे ?
(क) टोपी ने
(ख) इफ़्फ़न ने
(ग) टोपी के भाई मुन्नी बाबू ने
(घ) दादी ने
उत्तर: 
(ग)

प्रश्न 5: किसके पिता का तबादला हो गया ?
(क) टोपी के
(ख) इफ़्फ़न के
(ग) नौकरानी के
(घ) किसी के नहीं
उत्तर: (
ख)

प्रश्न 6: टोपी ने क्या कसम खाई ?
(क) किसी से दोस्ती नहीं करेगा
(ख) इफ़्फ़न के साथ जायेगा
(ग) किसी ऐसे लड़के से मित्रता नहीं करेगा जिसके पिता की नौकरी बदली वाली हो
(घ) लड़के से मित्रता नहीं करेगा
उत्तर: 
(ग)

प्रश्न 7: किसके जाने के बाद टोपी अकेला हो गया ?
(क) इफ़्फ़न के जाने के बाद
(ख) इफ़्फ़न के पिता के जाने के बाद
(ग) मुन्नी बाबू के जाने के बाद
(घ) पिता के जाने के बाद
उत्तर: 
(क)

प्रश्न 8: इफ़्फ़न की दादी शादी में गीत क्यों नहीं गा पाई ?
(क) इफ़्फ़न के दादा के कारण
(ख) भूल गई थी
(ग) मुस्लिम होने के कारण
(घ) दादा के कारण
उत्तर: 
(क)

प्रश्न 9: टोपी ने नौंवी कक्षा कौन सी श्रेणी में पास की ?
(क) पहली
(ख) दूसरी
(ग) तीसरी
(घ) चौथी
उत्तर: 
(ग)

प्रश्न 10: टोपी के पास होने पर उसकी दादी ने क्या कहा ?
(क) शाबाश
(ख) तीसरे वर्ष में तीसरी श्रेणी में पास तो हो गए हो
(ग) कुछ नहीं
(घ) पास तो हो गए हो
उत्तर: 
(ख)

प्रश्न 11: टोपी के पिता को क्या पसंद नहीं था?
(क) टोपी का इफ़्फ़न से दोस्ती रखना
(ख) टोपी के बात करने का ढंग
(ग) टोपी का फेल होना
(घ) टोपी का अपने भाइयों से झगड़ना
उत्तर: (क)

प्रश्न 12: टोपी के पिता को भी यह पसंद नहीं था कि टोपी इफ़्फ़न से दोस्ती रखे, पर उन्होंने इसका फ़ायदा कैसे उठाया?
(क) टोपी को पास करवा कर
(ख) अपनी दूकान को नया बनवा कर
(ग) दुकान के लिए कपड़े और चीनी का परमिट ले कर
(घ) टोपी का उसके भाइयों से झगड़ा सुलझा कर
उत्तर: 
(ग)

प्रश्न 13: टोपी का असली नाम क्या था?
(क) नारायण शुक्ला
(ख) बलभद्र नारायण शुक्ला
(ग) बलभद्र शुक्ला
(घ) टोपी शुक्ला
उत्तर: (ख)

प्रश्न 14: सय्यद जरगाम मुरतुज़ा को सभी प्यार से क्या पुकारते थे?
(क) इफ़्फ़न
(ख) सय्यद जरगाम
(ग) सय्यद मुरतुज़ा
(घ) सय्यद
उत्तर: (क)

प्रश्न 15: इफ़्फ़न की दादी को पति से क्या एक शिकायत थी?
(क) हर वक्त जब भी देखो बस मौलवी ही बने रहते थे
(ख) हर वक्त टोपी पहने रहते थे
(ग) जब भी देखो घूमते रहते थे
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर: 

प्रश्न 16: इफ़्फ़न की दादी टोपी से हमेशा कौन सा सवाल पूछ कर बात आगे बढ़ाती थी?
(क) कि उसकी दादी क्या कर रही है
(ख) कि उसकी अम्मा क्या कर रही है
(ग) कि उसके पिता क्या कर रहे है
(घ) कि वह क्या खाना चाहता है
उत्तर: 

प्रश्न 17: टोपी ने क्या कसम खाई?
(क) किसी से दोस्ती नहीं करेगा
(ख) इफ़्फ़न के साथ जायेगा
(ग) किसी ऐसे लड़के से मित्रता नहीं करेगा जिसके पिता की नौकरी बदली वाली हो
(घ) लड़के से मित्रता नहीं करेगा
उत्तर: 

प्रश्न 18: कबाब किसने खाये थे?
(क) टोपी ने
(ख) इफ़्फ़न ने
(ग) टोपी के भाई मुन्नी बाबू ने
(घ) दादी ने
उत्तर: 

प्रश्न 19: इफ़्फ़न की दादी शादी में गीत क्यों नहीं गा पाई?
(क) इफ़्फ़न के दादा के कारण
(ख) क्योंकि वह भूल गई थी
(ग) टोपी के कारण
(घ) इफ़्फ़न के कारण
उत्तर: 

प्रश्न 20: टोपी इफ़्फ़न से क्या कहता है?
(क) दादी बदलने को
(ख) टोपी बदलने को
(ग) खाना खाने को
(घ) घर बदलने को
उत्तर: (क)

Extra Questions

प्रश्न 1: इफ़्फ़न की दादी टोपी को अपने ही परिवार के सदस्यों के उपहास से किस तरह बचाती थी?
या
इफ़्फ़न की दादी टोपी को क्यों डाँटती थी और टोपी को उनकी डाँट कैसी लगती थी?
उत्तर: 
जब भी टोपी इफ़्फ़न के घर जाता था तो उसकी दादी के ही पास बैठने की कोशिश करता था। इफ़्फ़न की अम्मी और बड़ी बहन से तो वह बातचीत करने की कभी कोशिश नहीं करता था। क्योंकि वे दोनों ही टोपी की बोली पर हँसने के लिए उसे छेड़तीं थी परन्तु जब बात बढ़ने लगती थी तो दादी बीच-बचाव करवा देतीं थी और टोपी को डाँटते हुए कहती  थी कि वो क्यों उन सब के पास जाता है उनके पास कोई काम नहीं होता उसे परेशान करने के आलावा। ये कह कर दादी टोपी को अपने पास बुला लेती थी। टोपी को इफ़्फ़न की दादी की डाँट का हर एक शब्द शक़्कर की तरह मीठा लगता था। पके आम के रस को सूखाकर बनाई गई मोटी परत की तरह मज़ेदार लगता। तिल के बने व्यंजनों की तरह अच्छा लगता और वह दादी की डाँट सुन कर चुपचाप उनके पास चला आता।

प्रश्न 2:  इफ़्फ़न और उसकी दादी के संबंधों पर प्रकाश डालिए और स्पष्ट कीजिए कि बच्चे प्यार के भूखे होते हैं। वे उसी के बनकर रह जाते हैं जिनसे उन्हें प्यार मिलता है।
उत्तर: 
इफ़्फ़न के परिवार में उसकी दादी, उसके अब्बू-अम्मी और दो बहनें थीं। इफ़्फ़न को अपनी दादी से बहुत ज्यादा प्यार था। प्यार तो उसे अपने अब्बू, अम्मी, बड़ी बहन और छोटी बहन नुज़हत से भी था परन्तु दादी से वह सबसे ज्यादा प्यार किया करता था। अम्मी तो कभी-कभार इफ़्फ़न को डाँट देती थी और कभी-कभी तो मार भी दिया करती थी। बड़ी बहन भी अम्मी की ही तरह कभी-कभी डाँटती और मारती थी।
अब्बू भी कभी-कभार घर को न्यायालय समझकर अपना फैसला सुनाने लगते थे। नुजहत को जब भी मौका मिलता वह उसकी कापियों पर तस्वीरें बनाने लगती थी। बस एक दादी ही थी जिन्होंने कभी भी किसी बात पर उसका दिल नहीं दुखाया था। वह रात को भी उसे बहराम डाकू, अनार परी, बारह बुर्ज, अमीर हमज़ा, गुलबकावली, हातिमताई, पंच फुल्ला रानी की कहानियाँ सुनाया करती थी। इससे स्पष्ट होता है कि बच्चे प्यार के भूखे होते हैं। और वे उसी के होकर रह जाते हैं, जिनसे उन्हें प्यार मिलता है। जिस तरह इफ़्फ़न को भी अपनी दादी से सबसे ज्यादा प्यार था।

प्रश्न 3: कुछ बच्चों को अपने माता-पिता के पद और हैसियत का कुछ ज्यादा ही घमंड हो जाता है। ‘टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: 
इफ़्फ़न के पिता कलेक्टर थे। उनका तबादला हो जाने के कारण उनके स्थान पर नए कलेक्टर हरनाम सिंह आए। वे उसी बँगले में रहने लगे जिसमें इफ़्फ़न का परिवार रहता था। जब इफ़्फ़न को याद करके टोपी उस बँगले में पहुँचा तो, माली और चपरासी टोपी को पहचानते थे, इसलिए चौकीदार ने उसे अंदर जाने दिया। वहाँ नए कलेक्टर के तीनों बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे। उन्होंने टोपी से अभद्रता से बातचीत ही नहीं की बल्कि मारपीट भी की।
इतना ही नहीं, उन्होंने टोपी पर अपना अलसेशियन कुत्ता भी छोड़ दिया जिसके कारण टोपी को सात सुइयाँ लगवानी पड़ीं। ऐसा उन्होंने अपने कलेक्टर पिता के पद और हैसियत के घमंड में किया। क्योंकि उन्हें पता था कि वे चाहे कुछ भी करे कोई उन्हें कुछ नहीं कर सकता, उनके पिता उनकी सभी गलतियों पर पर्दा डाल सकते हैं इसलिए उनका जो मन चाहे वे कर सकते हैं या किसी को भी नुक्सान पहुँचा सकते हैं।

प्रश्न 4: इफ़्फ़न की परदादी और दादी मुस्लिम होते हुए भी कौन से हिन्दू धर्म का अनुसरण करती थी?
उत्तर: 
इफ़्फ़न की परदादी नियमित रूप से नमाज पढ़ने वाली बीबी थीं। करबला, नजफ़, खुरासान, काज़मैन और न जाने कहाँ-कहाँ की यात्रा कर के आई थीं। परन्तु जब कोई घर से जाने लगता तो वह दरवाज़े पर पानी का एक घड़ा जरूर रखवातीं और माश का एक टोटका भी जरूर उतरवातीं। यह एक हिन्दू रीती-रिवाज़ के अंतर्गत आता है। इफ़्फ़न की दादी भी नमाज़-रोज़े का नियम के अनुसार पालन करने वाली थी।
परन्तु जब इकलौते बेटे को चेचक के दाने निकले तो वह चारपाई के पास एक टाँग पर खड़ी हुई और बोली कि माता मेरे बच्चे को माफ़ कर दो।  ऐसा इसलिए कहा क्योंकि हिन्दू धर्म में चेचक को माता कहा जाता है। इसके अलावा जब उनके बेटे की शादी के दिन आए तो गाने बाजाने के लिए उनका दिल तड़पने लगा, परन्तु इस्लाम के आचार्यों के घर गाना-बजाना भला कैसे हो सकता था? बेचारी का दिल उदास हो गया। लेकिन इफ़्फ़न के जन्म के छठे दिन के स्नान/पूजन/उत्सव पर उन्होंने जी भरकर उत्सव मना लिया था।

प्रश्न 5: ऐसी कौन सी बात हो गई थी, जिसने टोपी को मुसीबत में डाल दिया था?
उत्तर: 
एक दिन जब टोपी अपने परिवार के साथ खाना खा रहा था तो, उस दिन ऐसा हुआ कि टोपी को बैंगन का भुरता ज़रा ज्यादा अच्छा लगा। टोपी की माँ खाना परोस रही थी। टोपी ने कह दिया कि अम्मी, ज़रा बैंगन का भुरता। अम्मी! यह शब्द सुनते ही मेज़ पर बैठे सभी लोग चौंक गए, उनके हाथ खाना खाते-खाते रुक गए। वे सभी लोग टोपी के चेहरे की ओर देखने लगे। सभी यह सोच रहे थे कि यह “अम्मी” शब्द इस घर में कैसे आया।
ऐसा लग रहा था जैसे रीति-रिवाजों की दीवार हिलने लगी हो। टोपी की दादी ने टोपी से सवाल किया कि ये लफ़्ज़ उसने कहाँ से सीखा? टोपी ने उत्तर दिया कि यह उसने इफ़्फ़न से सीखा है। इफ़्फ़न का नाम सुनते ही टोपी की माँ बोल पड़ी कि कहीं किसी मियाँ यानि मुस्लिम के लड़के से तो दोस्ती नहीं कर ली है। उस दिन टोपी की बड़ी बुरी दशा हुई थी। टोपी की दादी तो उसी वक्त खाने की मेज़ से उठ गई थी और टोपी की माँ ने टोपी को फिर बहुत मारा था।

प्रश्न 6: टोपी ने अपना कोट नौकरानी के बेटे को क्यों दिया और इसका खामयाज़ा टोपी को कैसे भुगतना पड़ा?
उत्तर: 
ठण्ड के दिन थे और मुन्नी बाबू के लिए कोट का नया कपड़ा आया और भैरव के लिए भी नया कोट बना लेकिन टोपी को मुन्नी बाबू का पुराना कोट मिला। वैसे कोट बिलकुल नया ही था क्योंकि जब वह बनाया गया तब वह मुन्नी बाबू को पसंद नहीं आया था। फिर भी बना तो उन्हीं के लिए था। भले ही वह उसे ना पहनते हो। इसी वजह से टोपी ने वह कोट उसी वक्त नौकरानी के बेटे को दे दिया। वह खुश हो गया। नौकरानी के बच्चे को दे दी गई कोई भी चीज़ वापिस तो ली नहीं जा सकती थी, इसलिए तय हुआ कि टोपी ठण्ड ही खाएगा।
टोपी छोटा था इसलिए ठण्ड खाने का अर्थ समझा नहीं और भोलेपन से बोला कि वह कोई ठण्ड नहीं खाएगा। वह तो भात खाएगा। इस पर टोपी की दादी बोली कि वह तो जूते खाएगा। टोपी उनकी इस बात पर झट से बोल पड़ा कि क्या उन्हें इतना भी नहीं पता कि जूता खाया नहीं जाता बल्कि पहना जाता है। टोपी के इस तरह बोलने पर मुन्नी बाबू गुस्से से टोपी को डाँटते हुए बोले कि वह दादी का अपमान क्यों कर रहा है? इस पर भी टोपी उल्टा जवाब देता हुआ बोला कि तो क्या वह उनकी पूजा करे? यह सुनते ही दादी ने बहुत अधिक शोर मचाना शुरू कर दिया और टोपी की माँ ने टोपी को पीटना शुरू कर दिया।

प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: ‘अम्मी’ शब्द पर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर: 
अम्मी! यह शब्द सुनते ही खाने की मेज़ पर बैठे सभी लोग चौंक गए, उनके हाथ खाना खाते-खाते रुक गए। वे सभी लोग टोपी के चेहरे की ओर देखने लगे। ‘अम्मी’ शब्द उर्दू का था और टोपी हिन्दू था, उसके मुँह से यह शब्द सुन कर ऐसा लग रहा था जैसे रीति-रिवाजों की दीवार हिलने लगी हो। टोपी की दादी सुभद्रादेवी तो उसी वक्त खाने की मेज़ से उठ गई और टोपी की माँ रामदुलारी ने टोपी को बहुत मारा। 

प्रश्न 2: दस अक्तूबर सन पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्त्व रखता है?
उत्तर:
दस अक्तूबर सन पैंतालीस का ऐसे तो कोई महत्त्व नहीं है परन्तु टोपी के जीवन के इतिहास में इस तारीख का बहुत अधिक महत्त्व है, क्योंकि इस तारीख को इफ़्फ़न के पिता बदली पर मुरादाबाद चले गए। इफ़्फ़न की दादी के मरने के थोड़े दिनों बाद ही इफ़्फ़न के पिता की बदली हुई थी। टोपी दादी के मरने के बाद तो अपनेआप को अकेला महसूस कर ही रहा था और अब इफ़्फ़न के चले जाने पर वह और भी अकेला हो गया था। इसीलिए टोपी ने दस अक्तूबर सन पैंतालीस को कसम खाई कि अब वह किसी भी ऐसे लड़के से कभी भी दोस्ती नहीं करेगा जिसके पिता कोई ऐसी नौकरी करते हो जिसमें बदली होती रहती हो।

प्रश्न 3: टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?
उत्तर:
इफ़्फ़न के घर में टोपी का सबसे अधिक मेलमिलाप उसकी दादी से था। दादी की बोली उसे बहुत पसंद थी और टोपी की माँ की बोली भी वही थी। टोपी को इफ़्फ़न की दादी का हर एक शब्द शक़्कर की तरह मीठा लगता था। पके आम के रस को सूखाकर बनाई गई मोटी परत की तरह मज़ेदार लगता। तिल के बने व्यंजनों की तरह अच्छा लगता और वह दादी की डाँट सुन कर चुपचाप उनके पास चला आता। टोपी को अपनी दादी बिलकुल भी अच्छी नहीं लगती थी। इसीलिए टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात कही।

प्रश्न 4: पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह क्यों था?
उत्तर: 
इफ़्फ़न को अपनी दादी से बहुत ज्यादा प्यार था। प्यार तो उसे अपने अब्बू, अम्मी, बड़ी बहन और छोटी बहन नुज़हत से भी था परन्तु दादी से वह सबसे ज्यादा प्यार किया करता था। अम्मी तो कभी-कभार इफ़्फ़न को डाँट देती थी और कभी-कभी तो मार भी दिया करती थी। बड़ी बहन भी अम्मी की ही तरह कभी-कभी डाँटती और मारती थी। अब्बू भी कभी-कभार घर को न्यायालय समझकर अपना फैसला सुनाने लगते थे। नुजहत को जब भी मौका मिलता वह उसकी कापियों पर तस्वीरें बनाने लगती थी। बस एक दादी ही थी जिन्होंने कभी भी किसी बात पर उसका दिल नहीं दुखाया था। यही कारण था कि पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह था।

प्रश्न 5: इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा क्यों लगा?
उत्तर: 
टोपी और दादी में एक ऐसा सम्बन्ध हो चूका था जिसे शायद अगर इफ़्फ़न के दादा जीवित होते तो वह भी बिलकुल उसी तरह न समझ पाते जैसे टोपी के घरवाले न समझ पाए थे। दोनों अलग-अलग अधूरे थे। एक ने दूसरे को पूरा कर दिया था। दोनों ही प्यार के प्यासे थे और एक ने दूसरे की इस प्यास को बुझा दिया था।
दोनों अपने-अपने घरों में अजनबी और भरे घर में अकेले थे क्योंकि दोनों को ही उनके घर में कोई समझने वाला नहीं था। दोनों ने एक दूसरे के अकेलापन को दूर कर दिया था। दादी जितना प्यार इफ़्फ़न से करती थी उतना ही टोपी से भी करती थी। दादी दोनों को ही कहानियाँ सुनाया करती थी।  इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा इसलिए भी लगा क्योंकि टोपी इफ़्फ़न के घर में केवल दादी से ही मिलने जाया करता था। 

प्रश्न 6: टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मज़हब और जाति के थे पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। इस कथा के आलोक में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
टोपी हिन्दू धर्म से था और इफ़्फ़न की दादी मुस्लिम थी। परन्तु टोपी और दादी का रिश्ता इतना अधिक अटूट था कि टोपी को इफ़्फ़न के घर जाने के लिए मार भी पड़ी थी परन्तु टोपी दादी से मिलने, उनकी कहानियाँ सुनाने और उनकी मीठी पूरबी बोली सुनने रोज इफ़्फ़न के घर जाता था।
दादी रोज उसे कुछ-न-कुछ खाने को देती पर टोपी कभी नहीं खता था। उसे तो दादी का हर एक शब्द गुड़ की डली की तरह लगता था। टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मज़हब और जाति के थे पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। दोनों एक दूसरे को खूब समझते थे।

प्रश्न 7: टोपी नवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया। बताइए:
(क) ज़हीन होने के बावजूद भी कक्षा में दो बार फ़ेल होने के क्या कारण थे?
उत्तर:
वह पढ़ाई में बहुत तेज़ था परन्तु उसे कोई पढ़ने ही नहीं देता था। जब भी टोपी पढ़ाई करने बैठता, तो कभी उसके बड़े भाई मुन्नी बाबू को कोई काम याद आ जाता या उसकी माँ को कोई ऐसी चीज़ मँगवानी पड़ जाती जो नौकरों से नहीं मँगवाई जा सकती थी। अगर ये सारी चीज़े न होती तो कभी उसका छोटा भाई भैरव उसकी कापियों के पन्नों को फाड़ कर उनके हवाई जहाज़ बना कर उड़ाने लग जाता। यह तो थी पहले साल की बात। दूसरे साल उसे टाइफ़ाइड हो गया था। जिसके कारण वह पढ़ाई  नहीं कर पाया और दूसरी साल भी फेल हो गया।

(ख) एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
उत्तर:
मास्टरों ने उसकी ओर ध्यान देना बिलकुल ही छोड़ दिया था, कोई सवाल किया जाता और जवाब देने के लिए जब टोपी भी हाथ उठाता, तो कोई मास्टर उससे जवाब नहीं पूछता था। वहीद जो कक्षा का सबसे तेज़ लड़का था, उसने टोपी से कहा कि वह उन लोगों के साथ क्यों खेलता है। उसे तो आठवीं कक्षा वालों से दोस्ती करनी चाहिए क्योंकि वे लोग तो आगे दसवीं कक्षा में चले जाएँगे और टोपी को तो आठवीं वालों के साथ ही रहना है तो उनसे दोस्ती करना टोपी के लिए अच्छा होगा। टोपी ने किसी न किसी तरह एक साल को झेल लिया। परन्तु जब सन इक्यावन में भी उसे नवीं कक्षा में ही बैठना पड़ा तो वह बिलकुल गीली मिट्टी का पिंड हो गया, क्योंकि अब तो दसवीं में भी कोई उसका दोस्त नहीं रह गया था। जो विद्यार्थी सन उनचास में आठवीं कक्षा में थे वे अब दसवीं कक्षा में थे। जो सन उनचास में सातवीं कक्षा में थे, वे टोपी के साथ पहुँच गए थे। उन सभी के  बीच में वह अच्छा-ख़ासा बूढ़ा दिखाई देने लगा था।

(ग) टोपी की भावनात्मक परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुझाइए।
उत्तर: 
बच्चे फ़ेल होने पर मानसिक रूप से परेशान हो जाते हैं। वे उसी कक्षा में अपने से छोटे विद्यार्थियों के साथ बैठने में शर्म महसूस करते हैं। अध्यापको को चाहिए की वे फेल हुए बच्चों पर भी उतना ही ध्यान दें, जितना दूसरे बच्चों पर दिया जाता है। बच्चों को केवल किताबी ज्ञान पर ही नहीं परखना चाहिए।

प्रश्न 8: इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर कस्टोडियन में क्यों चला गया?
उत्तर:
कस्टोडियन अर्थात सरकारी कब्ज़ा। इफ़्फ़न की दादी के मायके वाले जब कराची में रहने चले गए तो उनके पुराने घर की देखभाल के लिए कोई नहीं रह गया था। उनका उनके घर पर कोई मालिकाना हक़ भी नहीं रहा था। इसी कारण इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर कस्टोडियन में चला गया।

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FAQs on Worksheet Solutions: टोपी शुक्ला - 2 - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. टोपी शुक्ला - 2 कक्षा 10 के बारे में क्या है?
उत्तर: "टोपी शुक्ला - 2" एक पाठ्यपुस्तक है जो 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में उपलब्ध है। यह पाठ्यपुस्तक टोपी शुक्ला के लेखक द्वारा लिखी गई है और इसमें विभिन्न कहानियाँ, कविताएं और नाटक शामिल हैं। यह पाठ्यपुस्तक कक्षा 10 के छात्रों के लिए सिलेबस के हिसाब से तैयार की गई है।
2. टोपी शुक्ला - 2 पाठ्यपुस्तक का विषय क्या है?
उत्तर: "टोपी शुक्ला - 2" पाठ्यपुस्तक के विषय में विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है। इसमें कहानियाँ, कविताएं, नाटक और अन्य गैर-कथनक कहानियाँ शामिल हैं। इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और मानविक विषयों पर विचारों का प्रस्तुतिकरण किया गया है।
3. टोपी शुक्ला - 2 पाठ्यपुस्तक किस भाषा में उपलब्ध है?
उत्तर: "टोपी शुक्ला - 2" पाठ्यपुस्तक हिंदी भाषा में उपलब्ध है। यह पाठ्यपुस्तक हिंदी माध्यम के कक्षा 10 के छात्रों के लिए तैयार की गई है।
4. "टोपी शुक्ला - 2" पाठ्यपुस्तक क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: "टोपी शुक्ला - 2" पाठ्यपुस्तक कक्षा 10 के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे छात्रों को हिंदी भाषा में पढ़ाई करने का अवसर मिलता है। इस पाठ्यपुस्तक में विभिन्न विषयों पर विचारों का प्रस्तुतिकरण किया गया है, जो छात्रों के विचारधारा और सामाजिक ज्ञान को विकसित करने में मदद करता है।
5. "टोपी शुक्ला - 2" पाठ्यपुस्तक की अध्याय सूची में कौन-कौन से अध्याय शामिल हैं?
उत्तर: "टोपी शुक्ला - 2" पाठ्यपुस्तक की अध्याय सूची में कई अध्याय शामिल हैं। कुछ अध्यायों के नाम हैं "अक्का और बक्का", "आज की तारीख", "स्पर्श", "हरियाली की वैभवता" और "गर्मी की छुट्टियाँ"। इन अध्यायों में विभिन्न कहानियाँ और उपन्यास शामिल हैं जो छात्रों को हिंदी भाषा में पढ़ाई करने का अवसर प्रदान करते हैं।
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