हाल के वर्षों में, अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं। विभिन्न देश पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रणनीतिक रूप से वीजा नीतियों मे बदलाव कर रहे हैं। हाल ही मे मलेशिया ने भारतीय नागरिकों को 30 दिनों की अवधि के लिए 31 दिसंबर, 2024 तक वीजा मुक्त यात्रा सुविधा का निर्णय लिया है। यह कदम विशेष रूप से कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बाद अपने पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए मलेशिया की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारतीय यात्रियों को इस तरह के विशेषाधिकार देने में मलेशिया श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों की सूची में शामिल हो गया है।
भारत में पर्यटन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो स्थलों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बढाने के साथ उनके संरक्षण को सुविधाजनक बनाता है। सांस्कृतिक संरक्षण के अलावा, पर्यटन क्षेत्रीय विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है, इससे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में पर्याप्त धन का निवेश होता है। यह न केवल समावेशी विकास को बढ़ावा देता है बल्कि उद्योगों की कमी वाले क्षेत्रों में सामाजिक समानता को भी बढ़ाता है।
वैश्विक स्तर पर, पर्यटन किसी क्षेत्र विशेष के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और उसके सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर प्रकाश डालता है। इस उद्योग का विस्तार सेवा क्षेत्र को भी प्रोत्साहित करता है। साथ ही पर्यटन का विकास समग्र विकास के लिए एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है, इसमे बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता होती है, जो उत्तराखंड में मोबाइल पर्यटन कारवां जैसी पहलों से स्पष्ट है।
इसके अलावा, पर्यटन रेल मार्ग, विमानन, अचल संपत्ति और सेवा उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों के विकास में योगदान देता है। यह विदेशी निवेश के अवसर प्रदान करता है, जिससे पर्यटन क्षेत्रों में छोटी कंपनियों को लाभ होता है। परिणामतः पर्यटन संचालन और आतिथ्य उद्योग में रोजगार के अवसर सृजित होते है।
आर्थिक योगदान के अलावा, पर्यटन भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाता है, जो अन्य देशों के साथ संबंधों को बढ़ावा देता है। इसके अतिरिक्त, पर्यटन भारत की जैव विविधता और वन्यजीवों संरक्षण को बढ़ावा देने में सहायक है, जो वैश्विक स्तर पर संरक्षण प्रयासों की ओर ध्यान आकर्षित करता है।
इसके महत्व के बावजूद, पर्यटन क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। विशिष्ट मौसमों पर निर्भरता पूरे वर्ष कई क्षेत्रों के लिए राजस्व अंतराल का कारण बनती है। विनिमय दर में अस्थिरता, अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड स्वीकृति की कमी और उच्च कर एक महंगे गंतव्य के रूप में भारत को स्थापित करते हैं।
पर्यटन स्थलों पर कुशल पेशेवर, अंग्रेजी बोलने वाले गाइड और बुनियादी सुविधाएं अपर्याप्त हैं। भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाएँ जोखिम पैदा करती हैं। 2013 मे केदारनाथ मे बादल फटने की घटना ने क्षेत्र मे पर्यटन उद्योग पर काफी नकारात्मक प्रभाव डाला था। वन्यजीव पर्यटन कमजोर प्रजातियों को प्रभावित करता है साथ इससे जंगल में आग लगने का खतरा बढता है, इसके अलावा अंधाधुंध कचरा फेंकना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।
वीजा आवश्यकताएँ, कागजी कार्रवाई और यात्री प्रसंस्करण में देरी इस क्षेत्र की चुनौतियों को बढ़ाती हैं। राज्यों में पर्यटकों का असमान वितरण कुछ क्षेत्रों में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता का संकेत देता है। अनुकूल रैंकिंग के बावजूद, समग्र पर्यटक प्रतिस्पर्धा में भारत का 34वां स्थान इस उद्योग के अल्प विकास का संकेत देता है।
सरकार ने चुनौतियों से निपटने और पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें संचालित की है। स्वदेश दर्शन योजना विषय-आधारित परिपथों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में राज्य सरकारों का समर्थन करती है। हाल ही में स्वदेश दर्शन के तहत 1,200 करोड़ रुपये के बजट आवंटन का लक्ष्य पूर्वोत्तर राज्यों मे पर्यटन सर्किट बनाना है।
स्वदेश दर्शन और प्रसाद जैसी योजनाएं वन्यजीव, रोमांच, कल्याण और धार्मिक यात्रा सहित विशेष पर्यटन बाजारों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। स्वच्छ भारत आंदोलन राष्ट्रीय ऐतिहासिक स्मारकों के आसपास स्वच्छता पर जोर देता है। अखिल भारतीय परमिट नियम 2021 पर्यटक वाहन संचालन को सुव्यवस्थित करता है, और "देखो अपना देश" वेबिनार श्रृंखला भारत को एक साहसिक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करती है।
यद्यपि कई चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन सरकारी पहल पर्यटन के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ावा देने और सतत एवं समावेशी विकास के लिए संबंधित चिंताओं को दूर करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।
वीजा नीतियों का वैश्विक परिदृश्य गतिशील है, जिसमें देश पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक रूप से इन नियमों का लाभ उठा रहे हैं। भारतीय नागरिकों को वीजा मुक्त यात्रा की पेशकश करने का मलेशिया का निर्णय एक व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाता है जहां राष्ट्र अपने पर्यटन क्षेत्रों को सुधारना और मजबूत करना चाहते हैं। जबकि इस तरह की पहल यात्रियों के लिए सुविधा प्रदान करती है। सुरक्षा संबंधी विचार और भू-राजनीतिक कारक भी इन विशेषाधिकारों की स्थिरता को प्रभावित करते हैं। जैसे-जैसे भारत के पासपोर्ट की संख्या बढ़ेगी और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा अधिक सुलभ होगी, वीजा नीतियों की गतिशीलता विकसित होती रहेगी। पर्यटन और वीजा नीतियों के बीच संबंध राजनयिक संबंधों, आर्थिक पुनरुद्धार और समग्र वैश्विक यात्रा परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण पहलू बना हुआ है। अंत में, वीजा-मुक्त यात्रा का भविष्य और भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए राष्ट्रों द्वारा नियोजित व्यापक रणनीतियों को सुविधा, सुरक्षा और आर्थिक विचारों के बीच एक नाजुक संतुलन द्वारा आकार दिया जाना चाहिए।
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1. वीजा-मुक्त यात्रा क्या है? |
2. वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा कैसे कार्य करेगी? |
3. वीजा-मुक्त यात्रा के चलते क्या चुनौतियां हो सकती हैं? |
4. सरकारी पहलों में वीजा-मुक्त यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है? |
5. वीजा-मुक्त यात्रा के लिए कौन-कौन सी सरकारी पहलें हो सकती हैं? |
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