Table of contents | |
ऑनलाइन गेमिंग पर नैतिक परिप्रेक्ष्य | |
भारत में बढ़ता वैज्ञानिक कदाचार | |
Case study 1 | |
Case study 2 |
महाराष्ट्र के पुणे में एक पुलिस उप-निरीक्षक (Police Sub-Inspector- PSI) के निलंबन का हालिया मामला सामने आया है जो ऑनलाइन गेमिंग तथा एक कानून प्रवर्तन अधिकारी के उत्तरदायित्वों से संबंधित जटिल नैतिक चिंताओं को उजागर करता है।
ऑनलाइन गेमिंग में अधिकारी की भागीदारी के पक्ष में तर्क
शामिल नैतिक मुद्दे:
इंडिया रिसर्च वॉचडॉग के एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय शोध में प्रत्यावर्तन की बढ़ती संख्या ने भारत में वैज्ञानिक कदाचार से संबंधित महत्त्वपूर्ण चिंताओं को जन्म दिया है।
प्रश्न: हाल ही में आप केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक नियुक्त हुए हैं। आपके प्रभाग के मुख्य आर्किटेक्ट, जो छह महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर उत्साहपूर्वक कार्य कर रहे हैं, जिसका सफल समापन उनके बचे हुए जीवन में एक स्थायी प्रतिष्ठा हासिल करेगा।
मैनचेस्टर आर्किटेक्चर स्कूल, यूके से प्रशिक्षित, एक नई महिला आर्किटेक्ट, सीमा ने आपके प्रभाग में बतौर वरिष्ठ आर्किटेक्ट कार्यभार सँभाला है। इस प्रोजेक्ट के बारे में विवरण देने के दौरान सीमा ने कुछ सुझाव दिये, जो न केवल प्रोजेक्ट में मूल्य वृद्धि करेंगे, बल्कि प्रोजेक्ट की समापन अवधि भी घटा देंगे। इससे मुख्य आर्किटेक्ट असुरक्षित हो गए और सारा श्रेय सीमा को प्राप्त होने की उन्हें लगातार चिंता होने लगी। नतीजतन, उन्होंने सीमा के प्रति एक निष्क्रिय एवं आक्रामक व्यवहार अपना लिया, जो सीमा के लिये अपमानजनक हो गया। सीमा उलझन में पड़ गई, क्योंकि मुख्य आर्किटेक्ट उसे नीचा दिखाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं। वह अक्सर दूसरे सहयोगियों के सामने सीमा को गलत ठहराते तथा उससे ऊँची आवाज़ में बात करते। इस लगातार उत्पीड़न से सीमा आत्मविश्वास और आत्मसम्मान खोने लगी। वह लगातार तनाव, चिंता एवं दबाव महसूस करती। ऐसा प्रतीत हुआ कि सीमा मुख्य आर्किटेक्ट से डर भरे विस्मय में थी क्योंकि वह एक लंबे समय से कार्यालय में थे तथा उनके पास इस कार्य क्षेत्र में व्यापक अनुभव था।
सीमा की उत्कृष्ट शैक्षणिक योग्यता और पूर्व संस्थाओं में कॅरियर रिकॉर्ड से आप अवगत हैं। हालाँकि आपको डर है कि इस उत्पीड़न से सीमा को इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट में अत्यंत आवश्यक योगदान पर समझौता करना पड़ सकता है तथा यह उसकी भावात्मक कुशलता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। आपको अपने समकक्ष लोगों से भी पता चला है कि वह त्यागपत्र देने के बारे में सोच रही है।
(a) उपर्युक्त मामले में कौन-से नैतिक मुद्दे शामिल हैं?
(b) प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये तथा सीमा को संस्था में बनाए रखने हेतु आपके पास क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
(c) सीमा की दुर्दशा के लिये आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? संस्था में ऐसी घटनाएँ रोकने के लिये आप क्या कदम उठाएंगे?
(250 शब्द, UPSC मुख्य परीक्षा 2023)
उत्तर:
मुख्य भाग:
प्रश्न: शनिवार की शाम 9 बजे संयुक्त सचिव रशिका अपने कार्यालय में अब भी अपने काम में व्यस्त थी। उसके पति विक्रम किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यपालक हैं और अपने काम के सिलसिले में अकसर वे शहर से बाहर रहते हैं। उनके दो बच्चे क्रमशः 5 और 3 साल के हैं जिनकी देखभाल घरेलू सहायिका द्वारा होती है। रशिका के उच्च अधिकारी श्रीमान सुरेश ने उसे शाम 9ः30 बजे बुलाया और उन्होंने मंत्रालय की बैठक में चर्चा होने वाले किसी ज़रूरी मुद्दे पर एक विस्तृत टिप्पणी तैयार करने के लिये कहा। उसे लगा कि उसके उच्च अधिकारी द्वारा दिये गए इस अतिरिक्त काम को पूरा करने के लिये उसे रविवार को काम करना होगा।
वह स्मरण करती है कि कैसे वह इस पोस्टिंग के प्रति उत्सुक थी और इसे हासिल करने के लिये उसने कई महीने देर-देर तक काम किया था। उसने अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन में लोगों के कल्याण को सर्वाेपरि रखा था। उसे महसूस होता है कि उसने अपने परिवार के साथ पर्याप्त न्याय नहीं किया है और आवश्यक सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में कर्त्तव्यों को पूरा नहीं किया है। यहाँ तक कि अभी पिछले महीने उसे अपने बीमार बच्चे को आया की देखभाल में छोड़ना पड़ा था क्योंकि उसे दफ्तर में काम करना था। अब उसे लगता है कि उसे एक रेखा खींचनी चाहिये, जिसमें अपनी पेशेवर ज़िम्मेदारियों की तुलना में प्रथमतः निजी जिंदगी को महत्त्व मिलना चाहिये। वह सोचती है कि समय की पाबंदी, कड़ी मेहनत,कर्त्तव्यों के प्रति समर्पण और निःस्वार्थ सेवा जैसे कार्य नैतिकता की समुचित सीमाएँ होनी चाहिये।
(a) इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिये।
(b) महिलाओं के लिये एक स्वस्थ, सुरक्षित और न्यायसंगत कार्य परिवेश मुहैया कराने के संदर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए कम-से-कम चार कानूनों का संक्षेप में वर्णन कीजिये।
(c) कल्पना कीजिये कि आप भी ऐसी ही स्थिति में हों। आप उक्त कामकाजी परिस्थितियों को हल्का करने के लिये क्या सुझाव देंगे?
उत्तर:
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