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शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश - 1 | HPSC Preparation: All subjects - HPSC (Haryana) PDF Download

किसी शब्द को लिखने में प्रयुक्त वर्णों के क्रम को वर्तनी (ग्रामर) या अक्षरी से जाना जाता है ,अंग्रेजी में वर्तनी को स्पेलिंग तथा उर्दू में “हिज्जे” कहते हैं। जिस भाषा की वर्तनी में अपनी भाषा के साथ अन्य भाषाओं की ध्वनि को ग्रहण करने की जितनी अधिक शक्ति होगी, उस भाषा के वर्तनी उतनी ही शक्तिशाली और समर्थ होगी। वर्तनी का सीधा संबंध भाषागत ध्वनियों के उच्चारण से किया जाता है। 

शुद्ध और अशुद्ध शब्द क्या है?

हर भाषा में वर्तनी को लिखने का एक तरीका होता है और लिखते-लिखते हम से कई प्रकार की गलतियां भी होती है। इनमें से कई त्रुटियाँ तो इतनी प्रचलित हो जाती हैं कि उन्हें ही सही मान लिया जाता है। सही तरह से लिखा गया शब्द शुद्ध है और वर्तनी में गलती अशुद्ध है। इस लेख में इस प्रकार के शब्दों की सूची दी गयी है जिनसे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि किसी शब्द को शुद्ध रूप से और अशुद्ध रूप से किस प्रकार लिखा जाता है।

शुद्ध वर्तनी लिखने के प्रमुख रुप

शुद्ध और अशुद्ध शब्द में आने वाली शुद्ध वर्तनी लिखने के प्रमुख रुप नीचे दिए गए हैं-

  • हिंदी में विभक्ति चिन्ह स्वर्ण नाम के अलावा शेष सभी शब्दों से अलग लिखे जाते हैं।
    उदाहरण – मोहन ने पुत्र को कहा। शाम को रुपए दे दो।
  • परंतु सर्वनाम के साथ विभक्ति चिह्न हो तो उसे सर्वनाम से मिलाकर लिखा जाता है।
    जैसे:- हमने ,उसने ,मुझसे ,उसको, तुमसे हमको ,किसको, किसने आदि।
  • सर्वनाम और उसकी विभक्ति के बीच ‘ही ‘और ‘तक’ आदि अव्यय हो तो विभक्ति सर्वनाम से अलग लिखी जाती है। जैसे: आप ही के लिए ,आप तक को ,मुझ तक को ,उसी के लिए आदि।
  • सर्वनाम के साथ दो विभक्ति चिन्ह होने पर पहला विभक्ति चिन्ह सर्वनाम में मिलकर लिखा जाता है एवं दूसरा अलग लिखा जाता है। जैसे : आपके लिए ,उसके लिए, इनमें से, आपमें से, हममें से आदि। संयुक्त क्रियाओं में से सभी अंग भूत क्रियाओं को अलग-अलग लिखा जाना अनिवार्य है। जैसे: जाया करता है ,पढ़ा करता है ,जा सकते हो ,खा सकते हो आदि।
  • पूर्वकालिक प्रत्यय ‘ कर ‘ को क्रिया से मिलाकर लिखा जाता है। जैसे : सो कर, उठ कर , गाकर, मिलाकर , खाकर, पीकर आदि द्वंद समास में पदों के बीच योजन चिन्हा (-) हाई-फन लगाया जाता है। जैसे: माता- पिता ,राधा -कृष्णा ,शीव- पार्वती ,मां- बेटा आदि। आदि अव्ययो को पृथक लिखा जाना चाहिए। जैसे : मेरे साथ ,हमारे साथ ,यहां तक, अभी तक आदि। ‘जैसे ‘तथा ‘सा’ ऐसे कई  सारुपय  वाचको के पहले( -) योजक चिन्ह का प्रयोग करना अनिवार्य है। जैसे: चाकू -सा , दिखा- सा , आप -सा, प्यारा -सा आदि।
  • जब वर्णमाला के किसी वर्ग के पंचम अक्षर के बाद उसी वर्ग के प्रथम चारों वर्णों में से कोई वर्ण हो तो पंचम वर्ण के स्थान पर अनुस्वार (ं) का प्रयोग करना चाहिए। जैसे – कंकर ,गंगा ,चंचल ,नंदन आदि। परंतु जब नासिक्य व्यंजन  (वर्ग का पंचम वर्ण)  उसी वर्ग के प्रथम चार वर्णों के अलावा अन्य किसी वर्ण के पहले आता है तो उसके साथ उस पंचम मन का आधा रूप लिखा जाता है । जैसे : पन्ना ,अन्य ,जगह, सम्मान, परंतु ठंडा, घंटा ऐसे शब्द अशुद्ध होता है।
  • अ,ऊ एवं आ मात्रा वाले वर्णों के साथ अनुनासिक चिन्ह (ँ ) को चंद्रबिंदु के रूप में लिखा जाता है। जैसे : आँख, जाँच, पाँच, अँगना, दाँया, बाँया आदि परंतु अन्य कुछ मात्राओं के साथ अनुनासिक के रूप में भी लिखा जाता है। जैसे: मैंने, नहीं ,खींचना आदि। अंग्रेजी में हिंदी में आये जिन शब्दों में आधे ‘ओ’ (आ  एवं  ओ के बीच की ध्वनि ऑ) ध्वनि का प्रयोग होता है। उनके ऊपर अर्थ चंद्र लगाया जाता है। जैसे कालेज, डॉक्टर, कॉफ़ी हॉल आदि।
  • संस्कृत मूल के तत्सम शब्दों को वर्तनी में संस्कृत वाला रूप ही लिखा जाना चाहिए, परंतु कुछ शब्दों के नीचे हलंत लगाने का प्रचलन हिंदी में कुछ समय से समाप्त हो चुका है। अतः उनके नीचे हलंत नहीं लगाया जाता है- उदाहरण : महान ,जगत विद्वान परंतु संधि, छंद को समझाते हेतु नीचे हलंत लगाना अनिवार्य है।
  • संस्कृत भाषा के ऐसे शब्द जिनके आगे भी : विसर्ग लगाते हैं, यदि हिंदी में तत्सम रूप में प्रयोग किए जाए तो उनमें (:) विसर्ग लगाना अनिवार्य होता है जैसे- दुःख, प्रातः, मूलतः, अंततः आदि। विसर्ग के पश्चात श स,स आए तो विसर्ग को यथावत लिखा जाना चाहिए जैसे दु:+  शासन :-दु:शासन या दुश्शासन।

शब्द शुद्धि क्या है?

भाषा विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है और शब्द भाषा की सबसे छोटी सार्थक इकाई है। भाषा के माध्यम से ही मानव मौखिक एवं लिखित रूपों में अपने विचारों को अभिव्यक्त करता है। इस वैचारिक अभिव्यक्ति के लिए शब्दों का शुद्ध प्रयोग आवश्यक है। अन्यथा अर्थ का अनर्थ होने में भी देर नहीं लगती। कई बार क्षेत्रीयता, उच्चारण भेद और व्याकरणिक ज्ञान के अभाव के कारण वर्तनी संबंधी अशुद्धियाँ हो जाती हैं।

शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश


शुद्ध और अशुद्ध शब्द के शब्दकोश नीचे दिए गए हैं-
अशुद्ध शब्द - शुद्ध शब्द

  • अंगुर - अंगूर
  • अकांक्षा - आकांक्षा
  • अतिथी - अतिथि
  • अत्मा - आत्मा
  • सुर्य - सूर्य
  • शांती - शांति
  • लड़ायी - लड़ाई
  • मुनी - मुनि
  • पोधा - पौधा
  • पत्नि - पत्नी
  • देस - देश
  • दवाइ - दवाई
  • तिथी - तिथि
  • ठिक - ठीक
  • जरुरी - जरूरी
  • घनटे - घंटे
  • गनित - गणित
  • खन - खून
  • प्रतिनिध - प्रतिनिधि

अ शब्द वाले  शुद्ध अशुद्ध शब्द

  • अर्पण    अरपन
  • आहार    अहार
  • अपराह्न    अपरान्ह
  • अनभिज्ञ    अनभिग्य
  • अभिषेक    अभिसे

अन्य शब्दों के कुछ महत्वपूर्ण अशुद्ध व शुद्ध शब्द

अशुद्ध शब्द – शुद्ध शब्द

  • इश्वर – ईश्वर
  • इसाई – ईसाई
  • इस्कूल – स्कूल
  • ईच्छा – इच्छा
  • ईमारत – इमारत
  • ईसलिए – इसलिए
  • उंगली – ऊँगली
  • उंतीस – उनतीस
  • उज्वल – उज्जवल
  • उदघाटन – उद्घाटन
  • उद्दत – उद्यत
  • उधम – ऊधम
  • उधाहरण – उदाहरण
  • उनंचास – उनचास
  • उपजाउ – उपजाऊ
  • उपरोक्त – उपयुर्क्त
  • उपलक्ष – उपलक्ष्य
  • उमरना – उमड़ना
  • उष्मा – ऊष्मा
  • उहापोह – ऊहापोह
  • ऊँगलियाँ – उँगलियाँ
  • एंकर – ऐंकर
  • एंजसी – एजेंसी
  • एंपायर – अंपायर
  • एकत्रित – एकत्र
  • एक्ट – ऐक्ट
  • एच्छिक – ऐच्छिक
  • एतिहासिक – ऐतिहासिक
  • एनकाउन्टर – एनकाउंटर / एनकाउण्टर
  • ऐहतियात – एहतियात
  • ऒपचारिक – औपचारिक
  • कंप्युटर – कंप्यूटर
  • कठिनाईयाँ – कठिनाइयाँ
  • कनिष्ट – कनिष्ठ
  • करिएगा – कीजिएगा
  • करीए – कीजिए
  • कवियत्री – कवयित्री
  • कवी – कवि
  • कसोटी – कसौटी
  • काग़ज़ातों – काग़ज़ात
  • काबिलयत – क़ाबिलियत
  • काराग्रह – कारागृह
  • कार्यवाई – कार्रवाई
  • कालीदास – कालिदास
  • कुमुदनी – कुमुसिनी
  • कूआँ – कुआँ / कुँआ
  • कूबत – क़ूवत
  • कृत्यकृत्य – कृतकृत्य
  • कृप्या – कृपया
  • केंद्रिय – केंद्रीय
  • केबिनेट – कैबिनेट
  • केस – केश
  • कोटी – कोटि
  • कौव्वा – कौआ
  • क्योंकी – क्योंकि
  • क्षत्रीय – क्षत्रिय
  • क्षमत – क्षमता
  • खटायी – खटाई
  • खन – खून
  • ख़बरनबीस – ख़बरनवीस
  • खरोच – खरोंच
  • खलवाट – खल्वाट
  • ख़ुबानी – ख़ूबानी
  • खूँखर – खूँखार
  • ख्याल – ख़याल
  • गँठजोड – गठजोड
  • गदगद – गद्गद
  • गनित – गणित
  • गलाघोंटू – गलघोंटू
  • गवाँना / गवाना – गँवाना
  • गीतांजली – गीतांजलि
  • गीनती – गिनती
  • गुरू – गुरु
  • गृहणी – गृहिणी
  • गैरसम्मानजनक – असम्मानजनक
  • गोड़ा – घोड़ा
  • ग्रहकार्य – गृहकार्य
  • घनिष्ट – घनिष्ठ
  • घन्टे – घंटे / घण्टे
  • घबड़ाना – घबराना
  • घरोंदा – घरौंदा
  • घूट – घूँट
  • चहिए – चाहिए
  • चारागाह – चरागाह
  • चित – चित्त
  • चिन्ह – चिह्न
  • चेष्ठा – चेष्टा
  • छिपकिली – छिपकली
  • छूआछूत – छुआछूत
  • छेंड़छाड़ / छेड़छाँड़ – छेड़छाड़
  • जंडा – झंड़ा
  • जबाव – जवाब
  • जमीन – ज़मीन
  • जयंति – जयंती
  • ज़रुरी – ज़रूरी
  • जाँति- पाँति / जाति – पाति – जाति- पाँति / जात – पाँत
  • जीर्णोंद्धार – जीर्णोद्धार
  • जुआड़ी – जुआरी
  • ज्योतिषि – ज्योतिषी
  • ज्योत्सना – ज्योत्स्ना
  • झपना – झँपना
  • झाँग – झाग
  • झुझलाना – झुँझलाना
  • झूठा (खाना) – जूठा (खाना)
  • झोका – झोंका
  • झौपड़ी – झोंपडी
  • टिप्पड़ी – टिप्पणी
  • टेलिविज़न – टेलीविज़न
  • ठिक – ठीक
  • डाकूओं – डाकुओं
  • ड्राईवर – ड्राइवर
  • ढकेला – धकेला
  • ढाँकना – ढाँकना
  • ढूँढना – ढूँढ़ना
  • तत्कालिक – तात्कालिक
  • तत्व – तत्त्व
  • तत्वाधान – तत्त्वावधान
  • तबियत – तबीयत
  • ताकी – ताकि
  • ताबुत – ताबूत
  • तिथी – तिथि
  • तिलस्म – तिलिस्म
  • तीनतरफा – तिनतरफ़ा
  • तुफान – तूफ़ान
  • तुम्हारे को – तुम्हें, तुमको
  • तुष्टिकरण – तुष्टीकरण
  • तृकालदर्शी – त्रिकालदर्शी
  • तैतीस – तैंतीस
  • त्योरी – त्यौरी
  • त्यौहार – त्योहार
  • त्रितीय – तृतीय
  • थरमाकोल – थर्माकोल
  • थिगली – थेगली
  • थिसिस – थीसीस
  • थुकना – थूकना
  • थुत्कार – थूत्कार
  • थ्यौरी – थ्योरी
  • थ्रीलर – थ्रिलर
  • दंपत्ति – दंपति / दंपती
  • दमाद – दामाद
  • दयालू – दयालु
  • दरियायी – दरियाई
  • दवाइ – दवाई
  • दवाईयाँ – दवाइयाँ
  • दस्ताबेज – दस्तावेज़
  • दायित्त्व – दायित्व
  • दावपेच – दाँवपेंच
  • दिजिए – दीजिए
  • दिपक – दीपक
  • दिवानगी – दीवानगी
  • दिवाली – दीवाली
  • दुकाने – दुकानें
  • दुनियाँ – दुनिया
  • दुरदर्शन – दूरदर्शन
  • दुरावस्था – दुरवस्था
  • दुरुपयोग – दुरुपयोग
  • दुरुह – दुरूह
  • दुल्हे – दूल्हे
  • दुसरे – दूसरे
  • दृष्टा – द्रष्टा
  • दृष्य – दृश्य
  • देस – देश
  • दोपहिया – दुपहिया
  • द्वंद – द्वंद्व
  • धातूएँ – धातुएँ
  • धुरंदर – धुरंधर
  • धौकनी – धौंकनी
  • धौस – धौंस
  • ध्ररति – धरती
  • ध्रूपद – ध्रुपद
  • नकारा – नाकारा
  • नक्षर्त – नक्षत्र
  • नगद – नक़द
  • नदान – नादान
  • नपथ्य – नेपथ्य
  • नबाब – नवाब
  • नयी – नई
  • नराज – नाराज़
  • नर्क – नरक
  • नवरात्री – नवरात्र
  • नही – नहीं
  • नाकोंदम – नाकोदम
  • नास – नाश
  • निरमल – निर्मल
  • निरूपम – निरुपम
  • निरोग – नीरोग
  • निर्माणधीन – निर्माणाधीन
  • निलंवित – निलंबित
  • निशुल्क – नि:शुल्क
  • नुकसानदेय – नुकसानदेह
  • नुपुर – नूपुर
  • नेस्तनाबूत – नेस्तनाबूद
  • नोकरी – नौकरी
  • नौसीखिया – नौसिखिया
  • न्यालय – न्यायालय
  • न्यौछावर – न्योछावर
  • न्यौता – न्योता
  • पक्षीगण – पक्षिगण
  • पजामा – पाजामा
  • पड़ौस – पड़ोस
  • पत्नि – पत्नी
  • परखच्चे – परखचे
  • परणाम – प्रणाम
  • परलौकिक – पारलौकिक
  • परिपेक्ष्य – परिप्रेक्ष्य
  • परिवारिक – पारिवारिक
  • परिशिष्ठ – परिशिष्ट
  • परिस्थित – परिस्थिति
  • परीक्शा – परीक्षा
  • परीचय – परिचय
  • परीवार – परिवार
  • पर्देश – प्रदेश
  • पश्चाताप – पश्चात्ताप
  • पांचवा – पाँचवाँ
  • पांडे – पांडेय
  • पितांबर – पीतांबर
  • पुर्णिमा – पूर्णिमा
  • पुर्नजन्म – पुनर्जन्म
  • पुर्नमतदन – पुनर्मतदान
  • पुर्नवास – पुनर्वास
  • पुर्नुत्थान – पुनरुत्थान
  • पुष्पांजली – पुष्पांजलि
  • पुसतक – पुस्तक
  • पूँछकर – पूछकर
  • पूँछना – पूछना
  • पूज्यनीय – पूजनीय
  • पूर्ती – पूर्ति
  • पूर्वार्द – पूर्वार्ध (पूर्वार्द्ध)
  • पेंचीदा – पेचीदा
  • पोधा – पौधा
  • प्रकृतिक – प्राकृतिक
  • प्रक्रति – प्रकृति
  • प्रतिक्षा – प्रतीक्षा
  • प्रतिनिध – प्रतिनिधि
  • प्रदर्शिनी – प्रदर्शनी
  • प्रदेस – प्रदेश
  • प्रमाणिक – प्रामाणिक
  • प्रमात्मा – परमात्मा
  • प्रर्दशन – प्रदर्शन
  • प्रविन – प्रवीण
  • प्रविष्ठ – प्रविष्ट
  • प्रसंस्करित – प्रसंस्कृत
  • प्राचीनतम् – प्राचीनतम
  • प्रान – प्राण
  • प्रोढ़ – प्रौढ़
  • फासी – फाँसी
  • फिट – फुट
  • फेहरिश्त – फ़ेहरिस्त
  • बंगला – बांग्ला (भाषा)
  • बंदरबाट – बंदरबाँट
  • बइमान – बेईमान
  • बकायदा – बाक़ायदा
  • बजाए – बजाय
  • बज़ार – बाज़ार
  • बढ़ौत्तरी – बढ़ोतरी
  • बदाम – बादाम
  • बनिस्पत – बनिस्बत
  • बर्दाश्त/बर्दास्त – बरदाश्त
  • बल्व – बल्ब
  • बहु – बहू
  • बहुब्रीही – बहुव्रीहि
  • बानर – वानर
  • बारात – बरात
  • बारीश – बारिश
  • बावत – बाबत
  • बिकराल – विकराल
  • बिमार – बीमार
  • बियोग – वियोग
  • बिलास – विलास
  • बिसवा – बिस्वा
  • बिहार – विहार
  • बीबी – बीवी (पत्नी)
  • बेंचना – बेचना
  • बेफ़ज़ूल – फ़ज़ूल
  • ब्रम्ह – ब्रह्म
  • ब्रह्मण – ब्राह्मण
  • भडकाऊँ – भड़काऊ
  • भागवत्प्रेम – भगवत्प्रेम
  • भागेदारी – भागीदारी
  • भारतिय – भारतीय
  • भार्तिय – भारतीय
  • भालूओं – भालुओं
  • भाषाऐं – भाषाएँ
  • भाष्कर – भास्कर
  • भासकर – भास्कर
  • भूखमरी – भुखमरी
  • भेंड़ – भेड़
  • भोंक – भौंक
  • मंजू – मंजु
  • मंत्रीपरिषद – मंत्रिपरिषद
  • मंत्रोचार – मंत्रोच्चार
  • मँहगा – महँगा
  • मजबूर – मज़बूर
  • मनुश्य – मनुष्य
  • मसतक – मस्तक
  • महत्व – महत्त्व
  • महाबलि – महाबली
  • महारथ – महारत
  • माँस – मांस
  • माखौल – मखौल
  • मालन – मालिन
  • मालुम – मालूम
  • मिठइयाँ – मिठाइयाँ
  • मिष्ठान – मिष्टान्न
  • मीत्र – मित्र
  • मुकंद – मुकुंद
  • मुकदमें – मुकदमे
  • मुखालिफत – मुख़ालफ़त
  • मुनी – मुनि
  • मुनीनण – मुनिनण
  • मुल्य – मूल्य
  • मुल्याकन – मूल्यांकन
  • मुहूर्त्त – मुहूर्त
  • मैथली – मैथिली
  • मोलवी – मौलवी
  • यथावत – यथावत्
  • यथेष्ठ – यथेष्ट
  • यथोचित् – यथोचित
  • यानि – यानी
  • योगीराज – योगिराज
  • रणबाकुरे – रणबाँकुरे
  • रबिंद्र – रवींद्र
  • रवीवार – रविवार
  • रसायनिक – रासायनिक
  • राजस्तान – राजस्थान
  • रात्री – रात्रि
  • रामायन – रामायण
  • रामायन – रामायण
  • राशीफल – राशिफल
  • राष्ट्रिय – राष्ट्रीय
  • रुखा – रूखा
  • रुठ – रूठ
  • रुपये/ रूपए – रुपये
  • रूपहला – रुपहला
  • रेणू – रेणु
  • रेतिला – रेतीला
  • रेस्तरा – रेस्तराँ
  • लक्षदीप – लक्षद्वीप
  • लड़ायी – लड़ाई
  • लब्धप्रतिष्ठित – लब्धप्रतिष्ठ
  • लहुलुहान – लहूलुहान
  • लाखो – लाखों
  • लिपी – लिपि
  • लिवर – लीवर
  • लेकीन – लेकिन
  • लैश – लैस
  • लोगसभा – लोकसभा
  • वधु – वधू
  • वरश – वर्ष
  • वरिष्ट – वरिष्ठ
  • वरूण – वरुण
  • वर्शा – वर्षा
  • वर्षगाठ – वर्षगाँठ
  • वस्तूओं – वस्तुओं
  • वापिस – वापस
  • वाल्मीकी – वाल्मीकि
  • विएतनाम – वियतनाम
  • विजई – विजयी
  • विज्ञानक – वैज्ञानिक
  • विपत्ती – विपत्ति
  • विरक्श – वृक्ष
  • विरहणी – विरहिणी
  • विराजमान् – विराजमान
  • विश्य – विषय
  • विषेश – विशेष
  • विस्वास – विश्वास
  • वीजय – विजय
  • वृज – व्रज
  • वेश्यागमन – वेश्यागमन
  • वेषभूषा – वेशभूषा
  • व्यकरण – व्याकरण
  • व्यक्ती – व्यक्ति
  • व्यवसायिक – व्यावसायिक
  • शंभू – शंभु
  • शक्ती – शक्ति
  • शमशान – श्मशान
  • शशीकांत – शशिकांत
  • शांतमय – शांतिमय
  • शांती – शांति
  • शारीरीक – शारीरिक
  • शिखिर – शिखर
  • शिवर – शिविर
  • शिशू – शिशु
  • शिषर्क – शीर्षक
  • शीघ्रत – शीघ्रता
  • शीर्वाद – आशीर्वाद
  • शुन्य – शून्य
  • शुरूआत – शुरुआत
  • शैया – शय्या
  • श्रीमति – श्रीमती
  • श्रृगांर – श्रृंगार
  • षड़यंत्र – षड्यंत्र
  • षष्ठ – षष्टि
  • षष्ठिपूर्ति – षष्टिपूर्ति
  • संक्या – संख्या
  • संग्रहित – संग्रहीत
  • संत्रांश – सत्रांश
  • संदेस – संदेश
  • संपत्ती – संपत्ति
  • संमान – सम्मान
  • संवर्दन – संवर्धन/ संवर्द्धन
  • संसारिक – सांसारिक
  • सदृश्य – सदृश
  • सन्न्यास – सन्न्यास
  • सन्यासी – संन्यासी
  • सन्सार – संसार
  • सपादक – संपादक
  • सप्ताहिक – साप्ताहिक
  • समाधी – समाधि
  • समान – सामान
  • समानलिंगी – समलिंगी
  • सम्मानीत – सम्मानित
  • सम्वाद – संवाद
  • सरवनाम – सर्वनाम
  • सरीर – शरीर
  • सर्तक – सतर्क
  • सशक्तिकरण – सशक्तीकरण
  • साईबर – साइबर
  • सात्यिक – साहित्यिक
  • साधू – साधु
  • साम – शाम
  • सामर्थ – सामर्थ्य
  • सायकिल – साइकिल
  • साशक – शासक
  • सिंहवाहनी – सिंहवाहिनी
  • सिकाई – सिंकाई
  • सिमित – सीमित
  • सिस्य – शिष्य
  • सीरीज़ – सिरीज़
  • सुचारू – सुचारु
  • सुन्ना – सुनना
  • सुबेदार – सूबेदार
  • सुमेरू – सुमेरु
  • सुरज – सूरज
  • सुर्य – सूर्य
  • सूचि – सूची
  • सूचिबद्ध – सूचीबद्ध
  • सूनसान – सुनसान
  • सूनामी – सुनामी
  • सेवानिवृत्त – सेवानिवृत्त
  • सोचेंगें – सोचेंगे
  • सौंदर्यता – सौंदर्य
  • स्कुल – स्कूल
  • स्तब्धत – स्तब्धता
  • स्थाई – स्थायी
  • स्थिती – स्थिति
  • स्मरन – स्मरण
  • स्वछ – स्वच्छ
  • स्वप्नदृष्टा – स्वप्नद्रष्टा
  • स्वालंबन – स्वावलंबन
  • स्वालंबी – स्वावलंबी
  • स्वास्थ – स्वास्थ्य
  • स्वास्थय – स्वास्थ्य
  • हमारे पर – हम पर
  • हरोईन – हेरोइन
  • हस्र – हश्र (ह+श्+र)
  • हाऊस – हाउस
  • हाथि – हाथी
  • हाथिनी – हथिनी
  • हिंदि – हिंदी
  • हिंदूओं – हिंदुओं
  • हिन्सा – हिंसा
  • हिमांचल – हिमाचल
  • हृदय – हृदय
  • हेतू – हेतु
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FAQs on शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश - 1 - HPSC Preparation: All subjects - HPSC (Haryana)

1. शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश क्या है?
उत्तर: शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश एक शब्दकोश है जो शब्दों के शुद्ध और अशुद्ध रूपों का संग्रह करता है। यह लोगों को शब्दों के सही रूप को समझने और उपयोग करने में मदद करता है।
2. शुद्ध और अशुद्ध शब्दों में क्या अंतर होता है?
उत्तर: शुद्ध शब्द वह शब्द होता है जो व्याकरण, उच्चारण और वर्तनी के नियमों के अनुसार सही होता है, जबकि अशुद्ध शब्द वह शब्द होता है जो व्याकरण, उच्चारण और वर्तनी के नियमों के अनुसार गलत होता है। अशुद्ध शब्दों में वर्तनी और व्याकरण की गलतियाँ हो सकती हैं।
3. शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोगों को शब्दों के सही रूप को समझने और उपयोग करने में मदद करता है। इसके माध्यम से लोग अपनी वर्तनी और व्याकरण द्वारा ज्ञान को सुधार सकते हैं और सही अर्थ को समझ सकते हैं।
4. शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश कैसे उपयोगी है?
उत्तर: शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश उपयोगी है क्योंकि यह लोगों को शब्दों के सही रूप को समझने और उपयोग करने में मदद करता है। इसके माध्यम से लोग शब्दों के शुद्ध और अशुद्ध रूपों की पहचान कर सकते हैं और उन्हें सुधार सकते हैं। यह शिक्षार्थियों, परीक्षार्थियों और व्यावसायिक लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है।
5. शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश का उपयोग किन क्षेत्रों में किया जा सकता है?
उत्तर: शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश का उपयोग शिक्षा, परीक्षा, भाषा, व्याकरण, पत्रिका-लेखन, अनुवाद, व्यावसायिक लेखन और संचार क्षेत्र में किया जा सकता है। इसके माध्यम से लोग अपनी वर्तनी और व्याकरण द्वारा गलतियों को सुधार सकते हैं और सही भाषा और व्याकरण का उपयोग कर सकते हैं।
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