किसी शब्द को लिखने में प्रयुक्त वर्णों के क्रम को वर्तनी (ग्रामर) या अक्षरी से जाना जाता है ,अंग्रेजी में वर्तनी को स्पेलिंग तथा उर्दू में “हिज्जे” कहते हैं। जिस भाषा की वर्तनी में अपनी भाषा के साथ अन्य भाषाओं की ध्वनि को ग्रहण करने की जितनी अधिक शक्ति होगी, उस भाषा के वर्तनी उतनी ही शक्तिशाली और समर्थ होगी। वर्तनी का सीधा संबंध भाषागत ध्वनियों के उच्चारण से किया जाता है।
हर भाषा में वर्तनी को लिखने का एक तरीका होता है और लिखते-लिखते हम से कई प्रकार की गलतियां भी होती है। इनमें से कई त्रुटियाँ तो इतनी प्रचलित हो जाती हैं कि उन्हें ही सही मान लिया जाता है। सही तरह से लिखा गया शब्द शुद्ध है और वर्तनी में गलती अशुद्ध है। इस लेख में इस प्रकार के शब्दों की सूची दी गयी है जिनसे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि किसी शब्द को शुद्ध रूप से और अशुद्ध रूप से किस प्रकार लिखा जाता है।
शुद्ध और अशुद्ध शब्द में आने वाली शुद्ध वर्तनी लिखने के प्रमुख रुप नीचे दिए गए हैं-
भाषा विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है और शब्द भाषा की सबसे छोटी सार्थक इकाई है। भाषा के माध्यम से ही मानव मौखिक एवं लिखित रूपों में अपने विचारों को अभिव्यक्त करता है। इस वैचारिक अभिव्यक्ति के लिए शब्दों का शुद्ध प्रयोग आवश्यक है। अन्यथा अर्थ का अनर्थ होने में भी देर नहीं लगती। कई बार क्षेत्रीयता, उच्चारण भेद और व्याकरणिक ज्ञान के अभाव के कारण वर्तनी संबंधी अशुद्धियाँ हो जाती हैं।
अशुद्ध शब्द – शुद्ध शब्द
93 videos|318 docs|111 tests
|
1. शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश क्या है? |
2. शुद्ध और अशुद्ध शब्दों में क्या अंतर होता है? |
3. शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश क्यों महत्वपूर्ण है? |
4. शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश कैसे उपयोगी है? |
5. शुद्ध-अशुद्ध शब्दकोश का उपयोग किन क्षेत्रों में किया जा सकता है? |
|
Explore Courses for HPSC (Haryana) exam
|