UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly  >  The Hindi Editorial Analysis- 15th March 2024

The Hindi Editorial Analysis- 15th March 2024 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

सीएए और न्यायिक कार्यवाही

The Hindi Editorial Analysis- 15th March 2024 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

संदर्भ -

2019 में भारतीय संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) महत्वपूर्ण बहस और विवाद का विषय रहा है। हाल ही में, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सीएए को लागू करने के लिए नियमों को अधिसूचित किया है, जिससे नए सिरे से पुनः चर्चा और कानूनी चुनौतियां शुरू हो गई हैं। 

सीएए के निहितार्थ

  • सीएए का उद्देश्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के विशिष्ट धार्मिक समुदायों से संबंधित अनिर्दिष्ट अप्रवासियों को त्वरित नागरिकता प्रदान करना है। इन समुदायों में हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसाई और जैन शामिल हैं। यह कानून नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करता है, जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले योग्य प्रवासियों को नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है।
  • हालांकि, सीएए के संभावित भेदभावपूर्ण प्रभाव के विषय में चिंता जताई गई है, विशेष रूप से जब इसे भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर(NRIC) जैसे प्रस्तावित उपायों के साथ देखा जाता है। यह शंका व्यक्त की जा रही है, कि गैर-मुसलमानों को सीएए से लाभ हो सकता है, लेकिन मुसलमानों को एनआरआईसी के तहत बहिष्कार का सामना करना पड़ सकता है, जिससे मुस्लिम समुदाय पर असमान प्रभाव पड़ेगा। इसके अतिरि,क्त, ऐसी आशंकाएं हैं कि सीएए असम में नागरिकता निर्धारित करने के मानदंडों में बदलाव करके 1985 के असम समझौते को कमजोर कर सकता है।
  • इसके अलावा, सीएए की बहिष्कृत प्रकृति के लिए भी आलोचना की जा रही है, विरोधियों का तर्क है कि यह धर्म को नागरिकता के लिए एक मानदंड बनाकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है। इस कानून की बांग्लादेश से, विशेष रूप से असम में अवैध प्रवास के मुद्दे को संभावित रूप से बढ़ाने के लिए भी आलोचना की जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट का जवाब

  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सीएए की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दायर की गई हैं। यद्यपि सरकार ने पड़ोसी देशों से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से एक सौम्य उपाय के रूप में सीएए का बचाव किया है, लेकिन याचिकाकर्ताओं ने अधिनियम के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग की है।
  • उच्चतम न्यायालय ने अभी तक सीएए पर रोक लगाने वाला कोई भी निर्णय पारित नही किया है, इसके बजाय अभी तक उच्चतम न्यायालय दोनों पक्षों की दलीलें सुन रहा है। अदालत ने अंतिम निर्णय लेने से पहले कानून के प्रावधानों की गहन जांच की आवश्यकता पर बल दिया है।
  • 6 अक्टूबर, 2022 को, पूर्व सीजेआई उदय यू ललित की एक बेंच ने एक आदेश पारित करते हुए कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई 6 दिसंबर, 2022 को शुरू होगी। हालाँकि, तब से मामला सूचीबद्ध नहीं किया गया है। उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट के अनुसार, याचिकाएं वर्तमान में न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध हैं।

नए अधिसूचित नियमों की चुनौतियां

  • गृह मंत्रालय द्वारा सीएए को लागू करने के लिए नियमों की हालिया अधिसूचना को विभिन्न समूहों द्वारा कानूनी चुनौती दी गई। आलोचकों का तर्क है, कि ये नियम नागरिकता आवेदनों की जांच के लिए स्थापित प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हैं, जिससे नागरिकता देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता के विषय में चिंता बढ़ जाती है।
  • इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं ने नियमों के कार्यान्वयन के समय पर भी सवाल उठाया है और सरकार से इसे आगे बढ़ने से पहले सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा करने का आग्रह किया है। उनका तर्क है कि, यह नियम न्यायिक प्रक्रिया को कमजोर करते हैं, और प्रभावित व्यक्तियों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।

निष्कर्ष


अंत मेंनागरिकता संशोधन अधिनियम भारतीय राजनीति और न्यायशास्त्र में एक विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। जहाँ एक तरफ समर्थक इसके मानवीय उद्देश्यों और संवैधानिक वैधता के के पक्ष में तर्क प्रस्तुत कर रहे हैंवहीँ आलोचक इसकी भेदभावपूर्ण प्रकृति और संभावित प्रभावों के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में चल रही कानूनी लड़ाई सीएए की जटिलताओं और विवादों को रेखांकित करती हैजिसमें अंतिम परिणाम के रूप में भारत की नागरिकता नीतियों और कानून के समक्ष समानता के सिद्धांतों के लिए दूरगामी परिणाम होने की संभावना है।
संविधान के संरक्षक के रूप मेंअधिनियम के प्रावधानों का विश्लेषण करने और इसकी संवैधानिकता का आकलन करने की जिम्मेदारी सर्वोच्च न्यायालय की है। इसमें यह निर्धारित करना शामिल है कि क्या अधिनियम में किया गया वर्गीकरण अनुच्छेद 14 के खिलाफ जांच करने पर उचित है।
भारत का नैतिक दायित्व हैकि वह अपने पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का सामना कर रहे लोगों की रक्षा करे। हालांकिनियोजित तरीकों को संविधान के सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए।
इसके अलावापूर्वोत्तर के लोगों के साथ अधिक सक्रिय रूप से जुड़ना आवश्यक हैताकि उन्हें आश्वस्त किया जा सके कि क्षेत्र के निवासियों की भाषाईसांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को बरकरार रखा जाएगा। 
The document The Hindi Editorial Analysis- 15th March 2024 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC is a part of the UPSC Course Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly.
All you need of UPSC at this link: UPSC
2325 docs|814 tests

Top Courses for UPSC

FAQs on The Hindi Editorial Analysis- 15th March 2024 - Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

1. सीएए और न्यायिक कार्यवाही में क्या अंतर है?
उत्तर: सीएए यानी सिविल इंजनीयरिंग अपील, सरकारी निर्णयों के खिलाफ एक आपील या उसकी रोकथाम के लिए यातायात करने की सरकारी प्रक्रिया है, जबकि न्यायिक कार्यवाही का मतलब है किसी कानूनी मुद्दे पर न्यायिक प्रक्रिया चलाना।
2. सीएए का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: सीएए का मुख्य उद्देश्य न्यायिक निर्णयों के खिलाफ आपील करना है और सरकारी प्रक्रिया में न्याय के लिए सुन्नंद मिलना है।
3. क्या सरकार किसी न्यायिक कार्यवाही के खिलाफ आपील कर सकती है?
उत्तर: हां, सरकार किसी न्यायिक कार्यवाही के खिलाफ आपील कर सकती है यदि वह न्यायिक निर्णय से संतुष्ट नहीं है।
4. सीएए प्रक्रिया में कितने स्तर होते हैं?
उत्तर: सीएए प्रक्रिया में सामान्यत: तीन स्तर होते हैं - पहला स्तर हाईकोर्ट, दूसरा स्तर सुप्रीम कोर्ट और तीसरा स्तर राष्ट्रपति या गवर्नर का।
5. सीएए और न्यायिक कार्यवाही में क्या हैं वे अहम बिंदुएं जो जानना जरुरी है?
उत्तर: सीएए और न्यायिक कार्यवाही दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं जो न्यायिक निर्णयों के खिलाफ आपील और न्यायिक प्रक्रिया चलाना के लिए किया जाता है। इन दोनों क्षेत्रों में सही समझदारी और जानकारी की आवश्यकता होती है।
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Weekly & Monthly - UPSC

,

study material

,

Important questions

,

Viva Questions

,

practice quizzes

,

shortcuts and tricks

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

Extra Questions

,

Objective type Questions

,

Free

,

mock tests for examination

,

Summary

,

pdf

,

The Hindi Editorial Analysis- 15th March 2024 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

The Hindi Editorial Analysis- 15th March 2024 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

video lectures

,

Sample Paper

,

The Hindi Editorial Analysis- 15th March 2024 | Current Affairs (Hindi): Daily

,

MCQs

,

Exam

,

ppt

,

Weekly & Monthly - UPSC

,

past year papers

,

Semester Notes

;