Table of contents | |
सौर अपशिष्ट प्रबंधन | |
भारत के वैश्विक दक्षिण विजन के केंद्र में अफ्रीका | |
भारत में फसल विविधीकरण में तेजी लाना | |
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (अफस्पा) |
संदर्भ: हाल ही में आई एक रिपोर्ट जिसका शीर्षक है 'भारत के सौर उद्योग में एक परिपत्र अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाना - सौर अपशिष्ट क्वांटम का आकलन', ने भारत के बढ़ते सौर अपशिष्ट संकट की ओर ध्यान आकर्षित किया है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा एशिया में एक प्रमुख गैर-लाभकारी नीति अनुसंधान संस्थान, ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद के विशेषज्ञों के सहयोग से किए गए इस अध्ययन में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं।
रिपोर्ट की मुख्य बातें:
अनुशंसाएँ:
भारत में सौर अपशिष्ट पुनर्चक्रण की चुनौतियाँ:
भारत में सौर अपशिष्ट के प्रभावी प्रबंधन के लिए कई रणनीतिक उपायों की आवश्यकता है:
संदर्भ: विभिन्न राजकीय यात्राओं के दौरान अफ्रीका के साथ भारत की बढ़ती हुई भागीदारी को प्रमुखता से दर्शाया गया है, जो एक उल्लेखनीय बदलाव को रेखांकित करता है जो एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की उभरती हुई प्रमुखता को दर्शाता है। यह जोर भारत के लिए वैश्विक दक्षिण के हितों की रक्षा करने का अवसर प्रस्तुत करता है।
वैश्विक दक्षिण के लिए भारत का दृष्टिकोण:
आगे बढ़ने का रास्ता
संदर्भ: हाल की रिपोर्टों ने पश्चिम बंगाल के कृषि परिदृश्य में उल्लेखनीय परिवर्तन पर प्रकाश डाला है, विशेष रूप से बांग्लादेश की सीमा से लगे जिलों में, जहां फसल विविधीकरण जोर पकड़ रहा है।
गेहूँ उत्पादन से हटने के पीछे कारण:
फसल विविधीकरण के लाभ:
चिंताओं:
आगे बढ़ने का रास्ता
संदर्भ: हाल ही में आई खबरों में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 को अतिरिक्त छह महीने के लिए बढ़ाए जाने की बात कही गई है।
अफस्पा क्या है?
पृष्ठभूमि:
के बारे में:
पक्ष में तर्क:
के खिलाफ बहस:
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश क्या हैं?
आगे बढ़ने का रास्ता:
जीवन रेड्डी समिति की सिफारिशें:
दूसरी एआरसी सिफारिशें:
संतोष हेगड़े आयोग की सिफारिशें:
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