इस अध्याय में हम सिमरन की कहानी पढ़ेंगे, जो अपनी पढ़ाई से थक गई है और चाहती है कि वह भी उड़ने वाली एक मधुमक्खी बन जाए। यह कहानी हमें बताती है कि हर काम में मेहनत होती है, चाहे वह पढ़ाई हो या फिर मधुमक्खी का उड़ना।
सिमरन हमेशा पढ़ाई में व्यस्त रहती है जिसे वाह थक जाती है इसलिए उसने एक दिन उसने सोचा कि काश वह भी मधुमक्खी की तरह खुले आसमान में उड़ सकती। उसे लगा कि मधुमक्खियों का जीवन कितना आसान होगा, सिर्फ उड़ते रहना और फूलों से शहद इकट्ठा करना।
लेकिन जब सिमरन ने गौर से देखा तो उसे समझ में आया कि मधुमक्खियों को भी बहुत मेहनत करनी पड़ती है। वे दिन भर फूलों से फूलों तक उड़ती रहती हैं और शहद बनाने के लिए पराग को इकट्ठा करती हैं। यह काम इतना आसान नहीं होता जितना सिमरन ने सोचा था।
इसके बाद सिमरन ने पेड़ की ओर देखा और सोचा कि पेड़ होना कितना आरामदायक होता। लेकिन पेड़ ने उसे बताया कि वह भी बिना रुके काम करता है, उसकी जड़ें पानी खींचती हैं और पत्तियां भोजन बनाती हैं।
फिर सिमरन ने चिड़ियों को देखा, जो दाना खोजने में दिनभर उड़ती रहती थीं। चिड़िया ने बताया कि उसे एक-एक दाना खोजने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है और घोंसला बनाने के लिए भी बहुत परिश्रम करना पड़ता है।
यह सब जानने के बाद, सिमरन को समझ आया कि हर कोई अपने-अपने काम में मेहनत करता है। चाहे वह मधुमक्खी हो या पेड़, हर किसी का काम महत्वपूर्ण और मेहनत भरा होता है। सिमरन ने सोचा कि अगर सभी मेहनत करते हैं, तो उसे भी अपनी पढ़ाई में मन लगाना चाहिए और पूरी मेहनत से अपना काम करना चाहिए।
इस कहानी से सिमरन ने सीखा कि हर काम मेहनत से होता है। चाहे मधुमक्खी हो या पेड़, सबको अपना काम करने में मेहनत करनी पड़ती है। सिमरन को समझ आया कि पढ़ाई भी मेहनत का काम है और उसे मन लगाकर करनी चाहिए। इस कहानी से हम सीखते हैं कि मेहनत और धैर्य से ही सफलता मिलती है।
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1. "अपना अपना काम" का मुख्य संदेश क्या है ? |
2. इस पाठ में बच्चों को कौन-कौन से काम करने के लिए प्रेरित किया गया है ? |
3. बच्चों को अपने काम में मदद करने का क्या महत्व है ? |
4. इस पाठ से बच्चों को कौन-सी नैतिक शिक्षा मिलती है ? |
5. पाठ में दिए गए उदाहरणों का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है ? |
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