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PIB Summary- 13th May, 2024 (Hindi) | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता संयुक्त समिति की चौथी बैठक

प्रसंग

एआईटीआईजीए (आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता) की समीक्षा के लिए संयुक्त समिति की चौथी बैठक पुत्राजया, मलेशिया में हुई।

भारत और मलेशिया के अधिकारियों की सह-अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में सभी आसियान देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इसका उद्देश्य व्यापार सुविधा और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाना है, जो 2023-24 में 122.67 बिलियन अमरीकी डॉलर था।

समाचार का विश्लेषण

  • एआईटीआईजीए (आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता) की समीक्षा के लिए संयुक्त समिति की चौथी बैठक 7-9 मई 2024 तक पुत्राजया, मलेशिया में हुई।
  • भारत और सभी 10 आसियान देशों के प्रतिनिधियों ने चर्चा में भाग लिया।

आसियान देश

  • दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) में दस सदस्य देश शामिल हैं: ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।
  • राजनीतिक और आर्थिक सहयोग तथा क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 8 अगस्त 1967 को स्थापित किया गया।
  • आसियान के मूल सिद्धांतों में आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, सर्वसम्मति आधारित निर्णय लेना और संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान शामिल हैं।
  • यह आसियान आर्थिक समुदाय (एईसी) जैसी पहलों के माध्यम से आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देता है, जिसका लक्ष्य एकल बाजार और उत्पादन आधार है।
  • आसियान सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर भी ध्यान देता है तथा शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाता है।
  • एआईटीआईजीए को क्षेत्र में व्यवसायों के लिए अधिक व्यापार-सुविधाजनक और लाभकारी बनाने के लिए मई 2023 में समीक्षा चर्चा शुरू हुई।
  • संयुक्त समिति की चार बार बैठक हुई, तथा पहली दो बैठकों में इसके विचारार्थ विषय और वार्ता संरचना को अंतिम रूप दिया गया।
  • आठ उप-समितियाँ गठित की गईं, जिनमें से पाँच ने समझौते के विभिन्न नीतिगत क्षेत्रों पर चर्चा आरंभ की।
  • भारत के वैश्विक व्यापार में आसियान का हिस्सा 11% है, 2023-24 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 122.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।
  • एआईटीआईजीए को उन्नत करने से भारत और आसियान के बीच द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  • संयुक्त समिति की 5वीं बैठक 29-31 जुलाई 2024 को जकार्ता, इंडोनेशिया में निर्धारित है, जहां आगे की चर्चा होगी।

भारत के लिए आसियान का महत्व और एआईटीआईजीए (आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता):


भारत के लिए आसियान का महत्व:

  • रणनीतिक साझेदारी: आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन) भारत की "एक्ट ईस्ट" नीति के लिए महत्वपूर्ण है, जो रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देता है और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ जुड़ाव बढ़ाता है।
  • व्यापार और आर्थिक सहयोग:  आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और यह क्षेत्र भारत के व्यापार और आर्थिक विविधीकरण प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • क्षेत्रीय स्थिरता:  आसियान एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देता है, जो शांतिपूर्ण और समृद्ध पड़ोस में भारत के हितों के अनुरूप है।
  • कनेक्टिविटी और एकीकरण: आसियान भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना जैसी कनेक्टिविटी पहलों को सुविधाजनक बनाता है, जिससे क्षेत्रीय एकीकरण और आर्थिक सहयोग बढ़ता है।
  • सांस्कृतिक एवं लोगों के बीच संबंध:  आसियान सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देता है, जिससे क्षेत्र में भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और सॉफ्ट पावर मजबूत होती है।
  • बहुपक्षीय मंच:  आसियान भारत के लिए पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) जैसे बहुपक्षीय मंचों में भाग लेने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिससे क्षेत्र में संवाद, सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा मिलता है।

एआईटीआईजीए (आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता):

  • पृष्ठभूमि और आरंभ: सितंबर 2019 में 16वीं आसियान-भारत आर्थिक मंत्रियों की बैठक में हुए समझौतों के बाद, एआईटीआईजीए (आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता) समीक्षा चर्चा मई 2023 में शुरू हुई।
  • उद्देश्य और दायरा: समीक्षा का उद्देश्य व्यापार सुविधा को बढ़ाना, नियमों को सरल बनाना और आपूर्ति श्रृंखलाओं तथा एमएसएमई विकास पर सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें मूल नियमों (आरओओ) को सरल बनाना और मानकों की पारस्परिक स्वीकृति पर विशेष ध्यान दिया गया है।
  • बाजार पहुंच संबंधी चिंताएं: भारत बाजार पहुंच प्रतिबद्धताओं में असंतुलन को दूर करना चाहता है, जिसमें कुछ आसियान देशों की तुलना में भारत द्वारा उच्च टैरिफ उन्मूलन भी शामिल है।

व्यापार रुझान: 
a. निर्यात वृद्धि:  आसियान के लिए भारत का निर्यात 2008-09 में US$ 19.14 बिलियन से बढ़कर 2021-22 में US$ 42.33 बिलियन हो गया, जिसमें 5.83% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) है।
b. आयात उछाल:  आसियान से आयात 2008-09 में US$ 26.2 बिलियन से बढ़कर 2021-22 में US$ 68.07 बिलियन हो गया, जिसमें 7.06% की उच्च CAGR है।
c. व्यापार असंतुलन:  आसियान के साथ भारत का व्यापार घाटा 2008-09 में US$ 7.06 बिलियन से तीन गुना बढ़कर 2021-22 में US$ 25.75 बिलियन हो गया।
d. पूर्वानुमानित रुझान:  पूर्वानुमान इस प्रवृत्ति के जारी रहने का सुझाव देते हैं, जिसमें आयात निर्यात की तुलना में तेजी से बढ़ रहा
है आसियान देशों के साथ घाटा:  2008-09 में भारत का पांच आसियान देशों के साथ घाटा था, जो 2018-19 तक बढ़कर सात हो गया, केवल कंबोडिया, लाओस और फिलीपींस ही भारत के लिए अधिशेष दिखा रहे हैं।

  • क्षेत्रीय विश्लेषण:  कृषि जैसे कुछ क्षेत्रों में वृद्धि देखी गई है, जबकि इस्पात और मशीनरी जैसे अन्य क्षेत्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। आसियान को फार्मास्यूटिकल निर्यात ने अन्य बाजारों की तुलना में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।
  • भविष्य के विचार: समीक्षा में वर्तमान बाजार स्थितियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जिसमें आरसीईपी का प्रभाव और भारत की उभरती एफटीए रणनीति शामिल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बदलते व्यापार परिदृश्य में एआईटीआईजीए प्रासंगिक बना रहे।
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FAQs on PIB Summary- 13th May, 2024 (Hindi) - Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

1. आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता संयुक्त समिति की चौथी बैठक कब हुई थी?
Ans. आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता संयुक्त समिति की चौथी बैठक 13 मई, 2024 को हुई थी।
2. चौथी बैठक में कौन-कौन सक्रिय थे?
Ans. चौथी बैठक में आसियन-भारत वस्तु व्यापार समझौता की संयुक्त समिति के सदस्य देशों के नेता सक्रिय थे।
3. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
Ans. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आसियन-भारत वस्तु व्यापार समझौता के प्रगति पर चर्चा करना और मुद्दों का समाधान करना था।
4. आसियन-भारत वस्तु व्यापार समझौता क्या है और इसका महत्व क्या है?
Ans. आसियन-भारत वस्तु व्यापार समझौता एक मुख्य व्यापार समझौता है जो आसियान के साथ भारत के बीच हस्ताक्षरित किया गया है। इसका महत्व दोनों क्षेत्रों के व्यापार, निवेश, और साझेदारी को बढ़ाने में है।
5. वस्तु व्यापार समझौता संयुक्त समिति क्या है और इसकी भूमिका क्या है?
Ans. वस्तु व्यापार समझौता संयुक्त समिति असियोन-भारत वस्तु व्यापार समझौता के प्रबंधन और निर्धारण के लिए गठित संगठन है। इसकी भूमिका वस्तु व्यापार समझौता के प्रगति पर नजर रखना और समस्याओं का समाधान करना है।
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