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PIB Summary- 23th May, 2024 (Hindi) | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने साइबर सुरक्षा-2024 अभ्यास में भाग लिया

प्रसंग

लेख में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की 'अभ्यास साइबर सुरक्षा - 2024' में भागीदारी की रिपोर्ट दी गई है, जिसमें भारत की साइबर रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया है।
रक्षा साइबर एजेंसी द्वारा आयोजित यह अभ्यास सैन्य और राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच सहयोग और एकीकरण पर जोर देता है।

समाचार का विश्लेषण:

  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने 22 मई, 2024 को 'अभ्यास साइबर सुरक्षा - 2024' में भाग लिया और भारत की साइबर रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • रक्षा साइबर एजेंसी द्वारा 20-24 मई तक आयोजित व्यापक साइबर रक्षा अभ्यास का उद्देश्य सभी साइबर सुरक्षा संगठनों की साइबर रक्षा क्षमता को बढ़ाना है।
  • यह अभ्यास विभिन्न सैन्य और राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिभागियों के बीच सहयोग और एकीकरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
  • सीडीएस ने साइबर क्षेत्र में हितधारकों के बीच एकजुटता के महत्व पर प्रकाश डाला और उभरते साइबर खतरों से निपटने के लिए सहयोगात्मक वातावरण बनाने की पहल की सराहना की।
  • 'अभ्यास साइबर सुरक्षा - 2024' का उद्देश्य प्रतिभागियों को उनके साइबर रक्षा कौशल को बढ़ाकर, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करके और एकीकृत साइबर रक्षा स्थिति की दिशा में काम करके सशक्त बनाना है।
  • यह साइबर रक्षा ढांचे की योजना और तैयारी में संयुक्तता और तालमेल को बढ़ावा देता है, तथा साइबर क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

बढ़ते साइबर खतरे और राष्ट्रीय सुरक्षा:


बढ़ते साइबर खतरों के कारण:

  • तीव्र डिजिटलीकरण : भारत के तीव्र डिजिटल परिवर्तन ने आक्रमण की संभावनाओं का विस्तार किया है, जिससे साइबर अपराधियों को कमजोरियों का फायदा उठाने के अधिक अवसर मिले हैं।
  • परिष्कृत हमले : साइबर अपराधी व्यक्तियों, संगठनों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए रैनसमवेयर, फ़िशिंग और जीरो-डे एक्सप्लॉइट सहित तेजी से परिष्कृत तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।
  • राज्य प्रायोजित साइबर युद्ध : राष्ट्र-राज्य और राज्य प्रायोजित अभिनेता संवेदनशील जानकारी चुराने, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बाधित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने के लिए साइबर युद्ध में संलग्न होते हैं।
  • अपर्याप्त साइबर सुरक्षा उपाय : कमजोर पासवर्ड, पुराने सॉफ्टवेयर और साइबर सुरक्षा जागरूकता की कमी सहित अपर्याप्त साइबर सुरक्षा उपाय, व्यक्तियों और संगठनों को साइबर खतरों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं।
  • नई प्रौद्योगिकियों का उदय : IoT, AI और 5G जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का प्रसार साइबर सुरक्षा के लिए नए आक्रमण मार्ग और चुनौतियां प्रस्तुत करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव:

  • महत्वपूर्ण अवसंरचना की भेद्यता:  विद्युत ग्रिड, परिवहन प्रणालियों और वित्तीय संस्थानों सहित महत्वपूर्ण अवसंरचना को लक्ष्य करने वाले साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।
  • डेटा उल्लंघन : डेटा उल्लंघन से सरकारी गोपनीयता, सैन्य खुफिया जानकारी और व्यक्तिगत डेटा सहित संवेदनशील जानकारी से समझौता होता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा होता है।
  • आर्थिक प्रभाव: साइबर हमले आर्थिक गतिविधियों को बाधित करते हैं, व्यवसायों को नुकसान पहुंचाते हैं, तथा जनता के विश्वास को नष्ट करते हैं, जिससे भारत की आर्थिक वृद्धि और स्थिरता प्रभावित होती है।
  • सामरिक खतरा: साइबर खतरे जासूसी, तोड़फोड़ और प्रभावकारी कार्रवाइयों सहित सामरिक चुनौतियां उत्पन्न करते हैं, जो भारत के भू-राजनीतिक हितों और सुरक्षा को कमजोर कर सकते हैं।

आगे बढ़ने का रास्ता:

  • उन्नत साइबर सुरक्षा:  साइबर खतरों को कम करने और महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे, नीतियों और प्रथाओं को मजबूत करना।
  • प्रौद्योगिकी में निवेश : साइबर हमलों का पता लगाने, रोकने और उनका प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए उन्नत साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकियों, खतरे की खुफिया जानकारी और साइबर रक्षा क्षमताओं में निवेश करें।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी : सामूहिक साइबर सुरक्षा रक्षा के लिए खतरे की जानकारी, सर्वोत्तम प्रथाओं और संसाधनों को साझा करने के लिए सरकार, उद्योग, शिक्षा और नागरिक समाज के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।
  • साइबर सुरक्षा जागरूकता: व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकारी एजेंसियों को सुरक्षित प्रथाओं और व्यवहारों को अपनाने के लिए सशक्त बनाने हेतु साइबर सुरक्षा जागरूकता और शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: साइबर खतरों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी को मजबूत करना, जिसमें सूचना साझा करना, क्षमता निर्माण और कानून प्रवर्तन सहयोग शामिल है।
  • कानूनी और नियामक ढांचा: साइबर अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और साइबर हमलों को रोकने के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा कानून, विनियमन और मानकों का विकास और प्रवर्तन करना।
  • लचीलापन निर्माण:  घटना प्रतिक्रिया योजनाओं को लागू करके, नियमित साइबर सुरक्षा ऑडिट आयोजित करके और साइबर लचीलापन रणनीतियों को बढ़ाकर साइबर खतरों के खिलाफ लचीलापन बनाएं।
  • सतत निगरानी और अनुकूलन : उभरते साइबर खतरों और कमजोरियों से आगे रहने के लिए सतत निगरानी और अनुकूली साइबर सुरक्षा रणनीतियों को लागू करना।

इस संबंध में भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम:

  • राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति:  भारत ने साइबर सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति शुरू की।
  • सीईआरटी-इन की स्थापना:  भारत सरकार ने साइबर खतरों और घटनाओं पर प्रतिक्रिया के समन्वय के लिए कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम-भारत (सीईआरटी-इन) की स्थापना की।
  • साइबर स्वच्छता केंद्र: नागरिकों और संगठनों को साइबर सुरक्षा के लिए निःशुल्क उपकरण और सेवाएं प्रदान करने के लिए साइबर स्वच्छता केंद्र पहल की शुरुआत की गई।
  • साइबर समन्वय केंद्र: साइबर अपराधों से निपटने और साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना की गई।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: वैश्विक साइबर सुरक्षा क्षमता केंद्र (जीसीएससीसी) जैसी पहलों के माध्यम से साइबर खतरों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और सहयोग में संलग्न होना।
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FAQs on PIB Summary- 23th May, 2024 (Hindi) - Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

1. सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने किस अभ्यास में भाग लिया?
Ans. सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने साइबर सुरक्षा-2024 अभ्यास में भाग लिया।
2. क्या है साइबर सुरक्षा-2024 अभ्यास का महत्व?
Ans. साइबर सुरक्षा-2024 अभ्यास का महत्व इंटरनेट पर सुरक्षा को मजबूत करना है और साइबर हमलों से बचाव करना है।
3. साइबर सुरक्षा क्या है और इसका महत्व क्या है?
Ans. साइबर सुरक्षा इंटरनेट और संदेशों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि सुरक्षित इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की निजी और सांख्यिकीय जानकारी को सुरक्षित रखता है।
4. साइबर सुरक्षा क्यों जरूरी है?
Ans. साइबर सुरक्षा जरूरी है क्योंकि इंटरनेट पर बढ़ती डेटा हैकिंग और साइबर अपराधों के खतरे हैं जिनसे सुरक्षित रहना आवश्यक है।
5. क्या सीडीएस जनरल अनिल चौहान के भाग लेने से साइबर सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा?
Ans. हां, सीडीएस जनरल अनिल चौहान के भाग लेने से साइबर सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि उनकी विशेषज्ञता साइबर सुरक्षा में मजबूती लाएगी और इसके लिए जागरूकता फैलाएगी।
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