जब पापा छोटे थे, तो उनसे अक्सर पूछा जाता था कि बड़े होकर वह क्या बनेंगे। उनके जवाब हमेशा अलग-अलग होते थे क्योंकि वह नई-नई चीज़ों से प्रभावित होते रहते थे। पहले पापा चौकीदार बनना चाहते थे। उन्हें यह सोचकर अच्छा लगता था कि जब सब सो रहे होंगे, तो वह जागकर चौकीदारी करेंगे और शोर मचा सकते हैं। उन्हें यकीन था कि वह बड़े होकर चौकीदार बनेंगे।
फिर एक दिन पापा ने आइसक्रीम वाले को देखा और सोचा कि आइसक्रीम बेचने वाला बनना मजेदार होगा। उन्हें लगा कि वह जितनी चाहे उतनी आइसक्रीम खा सकते हैं और छोटे बच्चों को मुफ्त में आइसक्रीम दे सकते हैं। यह विचार उन्हें बहुत अच्छा लगा, और उन्होंने ठान लिया कि वह आइसक्रीम बेचने वाला बनेंगे।
इसके बाद, एक दिन पापा ने रेलवे स्टेशन पर एक आदमी को देखा जो रेलगाड़ियों के डिब्बों को इधर-उधर कर रहा था। पापा को यह काम बहुत रोमांचक लगा और उन्होंने सोचा कि शंटिंग करने वाला बनना सबसे मजेदार काम होगा। पापा ने फिर ठान लिया कि वह शंटिंग करने वाले बनेंगे। उन्होंने सोचा कि वह आइसक्रीम बेचने और शंटिंग करने दोनों का काम एक साथ करेंगे, लेकिन जब उन्होंने यह बात सबको बताई, तो सब हँस पड़े।
पापा की इच्छाएँ यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने वायुयान चालक बनने की भी सोची, फिर अभिनेता बनने का विचार किया, जहाज़ी बनने की भी इच्छा जताई, और यहाँ तक कि चरवाहा बनकर गायों के पीछे घूमने का सपना भी देखा। एक दिन पापा को लगा कि वह कुत्ता बनना चाहते हैं। उन्होंने दिन भर चारों हाथ-पैरों पर चलकर कुत्ते की तरह भौंकना शुरू कर दिया। यहाँ तक कि एक बूढ़ी महिला ने जब उनके सिर पर हाथ फेरना चाहा, तो उन्होंने काटने की भी कोशिश की। लेकिन जब वह अपने पैर से कान के पीछे खुजाने की कोशिश कर रहे थे और सफल नहीं हो पाए, तब उन्हें लगा कि कुत्ता बनना भी मुश्किल काम है।
फिर एक दिन, पापा को एक फ़ौजी अफ़सर ने देखा और उनसे पूछा कि वह क्या कर रहे हैं। जब पापा ने बताया कि वह कुत्ता बनने की कोशिश कर रहे हैं, तो फ़ौजी ने उनसे पूछा कि इंसान किसे कहते हैं। पापा को इसका जवाब नहीं पता था, और फ़ौजी ने उन्हें सोचने को कहा। पापा ने बहुत सोचा और उन्हें समझ आया कि बार-बार अपनी इच्छा बदलना ठीक नहीं है। आखिरकार, उन्होंने तय किया कि सबसे अच्छा जवाब यह है कि वह एक अच्छा इंसान बनना चाहते हैं। और यही जवाब उन्होंने सबको दिया।
कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में कई इच्छाएँ होती हैं, लेकिन सबसे पहले हमें एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि यही सबसे महत्वपूर्ण है।
इस कहानी से हम सीखते हैं कि जीवन में कई तरह के सपने और इच्छाएँ हो सकती हैं, लेकिन सबसे जरूरी यह है कि हम एक अच्छे इंसान बनें। अपनी इच्छाओं में स्थिरता रखना और सही निर्णय लेना भी महत्वपूर्ण है।
17 videos|43 docs|20 tests
|
1. कहानी में क्या है? |
2. कठिन शब्दों के अर्थ क्या हैं? |
3. इस कहानी में कौन-कौन से सीख हैं? |
4. पापा जब बच्चे थे कहानी का संदेश क्या है? |
5. इस कहानी के मुख्य पात्र कौन-कौन हैं? |
|
Explore Courses for Class 4 exam
|