केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। केशव और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को वहाँ आते-जाते देखा करते। सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहुँच जाते और चिड़ा और चिड़िया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मज़ा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी। दोनों के दिल में तरह-तरह के सवाल उठते । अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे ? कितने होंगे ? क्या खाते होंगे ? उनमें से बच्चे किस तरह निकल आएँगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे? घोंसला कैसा है ? लेकिन इन बातों का जवाब देने वाला कोई नहीं। न अम्माँ को घर के काम-धंधों से फुरसत थी, न बाबू जी को पढ़ने-लिखने से । दोनों बच्चे आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे लिया करते थे।
प्रश्न 1: चिड़िया ने अण्डे कहाँ दिए ?
उत्तर: केशव के घर कार्निस के ऊपर चिड़िया ने अण्डे दिए।
प्रश्न 2: अण्डों को कौन ध्यान से देख रहा था ?
उत्तर: केशव और उसकी बहन श्यामा अण्डों को ध्यान से देख रहे थे।
प्रश्न 3: उनके दिल में कैसे सवाल उठते थे ?
उत्तर: केशव और श्यामा के मन में ये सवाल उठते कि अण्डे कितने बड़े होंगे, किस रंग के होंगे, कितने होंगे, क्या खाते होंगे आदि।
प्रश्न 4: उन्हें किस चीज़ की सुध नहीं रहती थी ?
उत्तर: अण्डे देखने में वे बच्चे इतने लीन रहते कि उन्हें नाश्ते में मिलने वाले दूध-जलेबी की सुध भी नहीं रहती।
प्रश्न 1: बच्चों के मन में अंडे देखकर क्या-क्या प्रश्न उत्पन्न होते थे ?
उत्तर: बच्चों के मन में प्रश्न आते थे कि अंडे कितने बड़े होंगे; वे किस रंग के होंगे; कितने होंगे; क्या खाते होंगे; उनसे बच्चे किस तरह बाहर निकलेंगे; घोंसला कैसा है होगा |
प्रश्न 2. बच्चों के प्रश्नों के उत्तर माता-पिता क्यों नहीं देते थे ?
उत्तर: माता को घर के काम-काज से फुरसत नहीं थी और पिता हर समय पढ़ने-लिखने में लगे रहते थे।
प्रश्न 3: दोनों चिड़ियाँ बार-बार कार्निस पर क्यों आती थीं और वहाँ बैठे बिना ही क्यों जाती थीं ?
उत्तर: कार्निस पर चिड़िया ने अण्डे दिए थे। चिड़ा और चिड़िया बार-बार उन अण्डों को देखने के लिए आती थी लेकिन जब अण्डे ही न रहे तो वहाँ अण्डों को न पाकर वे वहाँ बैठे बिना ही उड़ जाती थी।
प्रश्न 4: केशव को देखते ही चिड़िया क्यों उड़ गई थी?
उत्तर: केशव कार्निस पर चढ़ा तो चिड़िया केशव को देखकर डर गई और अपने बच्चों को छोड़ कर उड़ गई।
प्रश्न 5: केशव और उसकी बहन के सामने चारे की क्या मुसीबत आई थी?
उत्तर: बेचारी चिड़िया इतना दाना कहां से जुटा पाएगी वह तो भूखों मर जाएगी इसी सवाल से दोनों भाई -बहन परेशान थे।
प्रश्न 6: माँ ने केशव को क्या समझाया?
उत्तर: माँ ने केशव को समझाया कि यदि चिड़िया के अंडे कोई अन्य व्यक्ति या जानवर छू ले तो वह उसको सेती नहीं हैं।
प्रश्न 7: अंडे के लिए गद्दी किस चीज की बनाई गई थी?
उत्तर: केशव के मन में ख्याल आया कि अंडे बेचारे नीचे तिनके पर पड़े हुए हैं तो उसने श्यामा की पुरानी धोती के एक टुकड़े को कई तह कर के अंडों के लिए गद्दी बनाई थी।
प्रश्न 1: केशव और श्यामा के बीच चिड़िया के अंडों को लेकर क्या बातचीत होती थी ?
उत्तर: केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों के बारे में सोचते थे कि कितने बड़े होंगे, इनका रंग क्या होगा, इनमें से बच्चे कैसे निकलेंगे, इनके पंख कैसे आएँगे, ये क्या खाएँगे, इनका घोंसला कैसा होगा? श्यामा पूछती थी कि क्या बच्चे निकलकर फुर्र से उड़ जाएँगे तो केशव उसे समझाता था कि पहले इनके पर निकलेंगे।
प्रश्न 2: केशव और उसकी बहन चिड़िया के बच्चों के खाने-पीने के विषय में क्यों परेशान थे और उन्होंने इस विषय में क्या सोचा ?
उत्तर: केशव और उसकी बहन चिड़िया के बच्चों के खाने-पीने के विषय में इसलिए परेशान थे कि कहीं भूख व प्यास से बच्चे मर न जाएँ।उन्होंने इसके विषय में यह सोचा कि यदि कुछ चावल के दाने, एक कटोरी में पानी और घोंसले के ऊपर छाया कर दी जाए तो चिड़िया को परेशान नहीं होना पड़गा।
प्रश्न 3: केशव की बहन को क्यों लगा कि उसका भाई बहुत होशियार है?
उत्तर: कूड़ा फेंकने वाली टोकरी जिससे घोसले पर छत बनानी थी उस में सुराख था जब श्यामा ने केशव से कहा कि इससे तो धूप आएगी तब केशव ने कागज की पुड़िया बना कर सुराख को बंद कर दिया।यह देखकर शाम को लगा कि उसका भाई बहुत होशियार है।
प्रश्न 4: केशव ने जब पहली बार कार्निस देखा तो वहां क्या-क्या पढ़ा हुआ था?
उत्तर: केशव टेबल और नहाने की चौकी का इस्तेमाल कर के कार्निस पर चढ़ा तो उसने वहा देखा कि चिड़िया और उसके तीनों अंडे ऐसे ही धूप में पड़े हुए थे।थोड़े बहुत घास के तिनको पर अंडे नीचे ऐसे ही पड़े हुए थे। यह देख कर उसको दया आ गई और उसने उनके लिए गद्दी बनाने की सोची और घोसले पर छांव किस तरह से हो इसके बारे में योजना बनाई।
प्रश्न 5: चिड़िया के लिए दोनों ने क्या-क्या किया?
उत्तर: चिड़िया को आराम देने के लिए दोनों भाई बहन ने खाने के लिए चावल के दानों का प्रबंध किया और धूप से बचाने के लिए कूड़ा फेंकने वाली टोकरी से उनके घोसले पर छत बनाई।पीने के पानी के लिए एक प्याला रखा।जो अंडे ऐसे ही नीचे पड़े हुए थे उनके लिए पुरानी धोती के कपड़े से गद्दी बनाई।चिड़िया और उनके अंडों के लिए दोनों ने बहुत मेहनत की।
प्रश्न 6: श्यामा ने मां से कौन सी बात छुपाई थी? और क्यों छुपाई थी?
उत्तर: श्यामा और केशव के बीच सहमति हुई थी कि केशव उसे भी अंडे देखने देगा।मगर केशव ने ऐसा नहीं किया तो श्यामा आँखों में आँसू लिए केशव से बोली कि चोरी-छिपे जो काम तुम चिड़िया के लिए कर रहे हो वह सब काम वह माँ को बता देगी।मगर वह जानती थी कि माँ केशव की पिटाई करने लगेगी इस डर से उसने यह बात अपनी मां को नहीं बताई।
प्रश्न 7: केशव की माँ को किस बात पर हँसी आ गई थी?
उत्तर: चिड़िया ने अंडे को गिराकर फोड़ दिया था यह बात जब केशव से उसकी माँ ने पूछी कि सच बता “तूने तो कुछ नहीं किया “? तो केशव रोनी सूरत बनाकर अपनी माँ से बोला कि उसने कुछ नहीं किया सिर्फ अंडों को तिनको से उठाकर धोती से बनी गद्दी पर रख दिया था।
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