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राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन

PIB Summary- 21th June, 2024 (Hindi) | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

प्रसंग

नीति आयोग के एक हालिया बयान के अनुसार, सरकार ने पहले तीन वर्षों में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत 3.85 लाख करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति का मुद्रीकरण किया है, जो 2021-22 से 2024-25 तक की वित्तीय अवधि को कवर करता है।

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी):

  • एनएमपी में सड़क, रेलवे, बिजली, तेल और गैस पाइपलाइनों, दूरसंचार और नागरिक उड्डयन सहित विभिन्न क्षेत्रों में पट्टे के माध्यम से केंद्र सरकार की प्रमुख परिसंपत्तियों का लाभ उठाने के लिए एक व्यापक योजना की रूपरेखा दी गई है।
  • इसका प्राथमिक उद्देश्य चार वर्ष की अवधि (वित्त वर्ष 2022-25) में 6 लाख करोड़ रुपये की कुल मुद्रीकरण क्षमता को अनलॉक करना है।

दायरा और समावेशन:

  • मुद्रीकरण केवल मुख्य परिसंपत्तियों पर केंद्रित है, गैर-मुख्य परिसंपत्तियों के विनिवेश को छोड़कर।
  • वर्तमान में इसमें केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) की परिसंपत्तियां शामिल हैं।

विस्तार योजनाएँ:

  • सरकार राज्यों के साथ समन्वय करके एनएमपी के दायरे का विस्तार करने पर सक्रिय रूप से काम कर रही है ताकि इसमें केन्द्र और राज्य दोनों स्तरों पर परिसंपत्तियां शामिल की जा सकें।
  • इस प्रक्रिया में भूमि, रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे सहित गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण को निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) से वित्त मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) को हस्तांतरित करना शामिल है।

सामरिक संरेखण:

  • एनएमपी रणनीतिक रूप से राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) के साथ संरेखित है, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 25 तक छह वर्षों में कुल 111 ट्रिलियन रुपये का निवेश करना है।
  • एनएमपी की समय-सीमा एनआईपी के अंतर्गत शेष अवधि के साथ समन्वयित की गई है, जिससे समेकित बुनियादी ढांचे का विकास सुनिश्चित हो सके।

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) की आवश्यकता और महत्व:


एनएमपी की आवश्यकता:

  • अतिपूंजीकरण चुनौतियां: कुछ परियोजनाओं में समय अधिक लग जाता है तथा लागत बढ़ जाती है, जिससे वे शुरू में वित्तीय रूप से अव्यवहारिक हो जाती हैं।
  • अकुशल संसाधन उपयोग: सरकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अक्सर इष्टतम इनपुट-आउटपुट अनुपात का अभाव होता है, जिसके कारण अतिपूंजीकरण होता है।
  • एनएमपी के माध्यम से संसाधन अनुकूलन: इसका उद्देश्य बेहतर संसाधन संरेखण के लिए निजी क्षेत्र की दक्षता और बाजार संचालित दृष्टिकोण को लागू करना है।
  • समन्वय संबंधी चुनौतियां: अंतर-मंत्रालयी और अंतर-विभागीय समन्वय संबंधी मुद्दे देरी और अकुशलता में योगदान करते हैं।
  • निजी-सार्वजनिक सहयोग:  सुव्यवस्थित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
  • शासन संबंधी मुद्दों पर ध्यान देना:  श्रम सुधारों को लागू करने में अनिच्छा, खराब निर्णय लेने और अप्रभावी शासन जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना।

एनएमपी का महत्व:

  • आर्थिक वृद्धि और रोजगार:  एक अभूतपूर्व पहल जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने, रोजगार सृजन और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
  • पीएम गति शक्ति के साथ एकीकरण:  पीएम गति शक्ति के साथ संरेखित, भारत में समग्र और एकीकृत बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देना।
  • पहलों के बीच तालमेल:  एनएमपी और पीएम गति शक्ति के बीच पारस्परिक सुदृढ़ीकरण समग्र आर्थिक विकास में योगदान देता है।
  • निष्क्रिय पूंजी को खोलना:  खराब प्रदर्शन करने वाली सरकारी परिसंपत्तियों से पूंजी को निकालने की वकालत करना, वित्तीय दक्षता को बढ़ावा देना।
  • बुनियादी ढांचे में पुनर्निवेश: इसमें मुद्रीकरण से प्राप्त धनराशि को नई परियोजनाओं और ग्रीनफील्ड बुनियादी ढांचे सहित परिसंपत्ति संवर्धन में पुनर्निवेशित करने की परिकल्पना की गई है।

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) से जुड़ी चुनौतियाँ:

  • दोहरे शुल्क की चिंता: करदाता अपनी चिंता व्यक्त करते हैं कि निर्माण के वित्तपोषण के बाद परिसंपत्तियों के उपयोग के लिए उन्हें अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ेगा।
  • सार्वजनिक और निजी भागीदारी में संतुलन:  शुल्कों के कथित दोहराव से निपटना, सार्वजनिक निवेश और निजी परिसंपत्ति प्रबंधन में संतुलन स्थापित करने में एक चुनौती है।
  • परिसंपत्ति मुद्रीकरण का दुष्चक्र:  परिसंपत्तियों के सृजन और तत्पश्चात जब वे सरकारी देनदारियां बन जाएं तो उनका मुद्रीकरण करने की चिंता।
  • बुनियादी ढांचे में क्षमता का कम उपयोग:  चुनौतियों में गैस और पेट्रोलियम पाइपलाइन नेटवर्क में कम क्षमता उपयोग और बिजली क्षेत्र में विनियमित टैरिफ शामिल हैं।
  • निवेशक रुचि और हितधारक जटिलता: चार लेन से कम राष्ट्रीय राजमार्गों में निवेशकों की कम रुचि और संस्थाओं में कई हितधारकों से उत्पन्न जटिलता।
  • एकाधिकार जोखिम: विशेष रूप से राजमार्गों और रेलवे लाइनों में एकाधिकार की संभावना, जिससे प्रतिस्पर्धा में कमी और लागत में वृद्धि की चिंता बढ़ जाती है।

ई-श्रम पोर्टल

प्रसंग

श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव के नेतृत्व में 112वें अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (आईएलसी) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जिनेवा, स्विट्जरलैंड में आईएलसी के दौरान ई-श्रम पोर्टल और इसके वर्तमान एकीकरण और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया।

ई-श्रम पोर्टल के बारे में

  • ई-श्रम पोर्टल की मदद से सरकार का लक्ष्य 38 करोड़ असंगठित श्रमिकों, जैसे निर्माण मजदूर, प्रवासी श्रमिक, रेहड़ी-पटरी विक्रेता और घरेलू कामगारों आदि को पंजीकृत करना है।
  • श्रमिकों को 12 अंकों की विशिष्ट संख्या वाला ई-श्रम कार्ड जारी किया जाएगा, जिससे आगे चलकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल करने में मदद मिलेगी।
  • इससे पहले सरकार डेटाबेस तैयार करने की समयसीमा से चूक गई थी, जिसके कारण उसे सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना का सामना करना पड़ा था।
  • असंगठित श्रमिकों की लक्षित पहचान एक बहुत ही आवश्यक कदम था और यह पोर्टल, जो हमारे राष्ट्र निर्माताओं का राष्ट्रीय डेटाबेस होगा, कल्याणकारी योजनाओं को उनके दरवाजे तक पहुंचाने में मदद करेगा, जो हमारे राष्ट्र के निर्माता हैं।
  • लक्षित वितरण और अंतिम छोर तक वितरण, भारत सरकार की योजनाओं का प्रमुख केंद्र रहा है और असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस (ई-श्रम पोर्टल) इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। 
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FAQs on PIB Summary- 21th June, 2024 (Hindi) - Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC

1. नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन क्या है?
उत्तर: नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य सरकारी संपत्ति को निजी क्षेत्र में निवेश करने के लिए उत्तेजित करना है।
2. ई-श्रम पोर्टल क्या है और इसका उपयोग क्या है?
उत्तर: ई-श्रम पोर्टल एक आधिकारिक पोर्टल है जो मजदूरों के लिए रजिस्ट्रेशन, रोजगार की जानकारी और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।
3. नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन किसने शुरू किया है?
उत्तर: नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन का शुभारंभ भारतीय सरकार ने किया है।
4. ई-श्रम पोर्टल कैसे उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर: ई-श्रम पोर्टल का उपयोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, जॉब सर्च, रोजगार अवसरों की जानकारी और मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए किया जा सकता है।
5. नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के माध्यम से कौन-कौन सी सरकारी संपत्ति निजीकरण के लिए उपलब्ध है?
उत्तर: नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के माध्यम से सड़क, रेलवे, गैस, पानी और विद्युत संयंत्रों जैसी सरकारी संपत्ति निजीकरण के लिए उपलब्ध है।
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