पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक धार्मिक समागम में मची भगदड़, जिसमें 120 से अधिक लोगों की जान चली गई, देश में इस तरह की त्रासदियों की श्रृंखला में नवीनतम है। पिछले 20 वर्षों में कम से कम आधा दर्जन ऐसे मामले सामने आए हैं। इस उदाहरण में, कम से कम एक लाख लोग एक उपदेशक सूरज पाल का संबोधन सुनने के लिए फुलराई गांव में उमड़ पड़े, जिन्हें नारायण साकार हरि या "भोले बाबा" के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी खबरें हैं कि आयोजन स्थल पर 2.5 लाख से अधिक प्रतिभागी थे, जो 80,000 से अधिक नहीं हो सकते थे।
अभिघातजन्य श्वासावरोध: भगदड़ में मृत्यु का सबसे आम कारण, वक्ष और/या ऊपरी पेट के बाहरी संपीड़न के कारण श्वसन की आंशिक या पूर्ण समाप्ति के परिणामस्वरूप होता है।
अन्य कारण:
नियंत्रित प्रवेश: आदर्श रूप से, एक निहित स्थान में प्रवेश करने वाले लोगों की संख्या को सीमित करें।
महत्त्वपूर्ण उपाय:
संचार का महत्व:
भगदड़ को रोकने और सामूहिक समारोहों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी भीड़ प्रबंधन, बेहतर स्थान डिजाइन और सतर्क निगरानी आवश्यक है, खासकर धार्मिक आयोजनों के दौरान।
2222 docs|810 tests
|
2222 docs|810 tests
|
|
Explore Courses for UPSC exam
|