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जलाते चलो Chapter Notes | Hindi (Vasant) Class 6 PDF Download

परिचय

'जलाते चलो' कविता द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी द्वारा रचित है। यह कविता अंधकार को मिटाने के लिए प्रेम और प्रकाश के महत्व को उजागर करती है। कवि ने इस कविता के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया है कि हमें स्नेह और प्रेम के दीयों को जलाते रहना चाहिए ताकि किसी दिन धरा का अंधकार अवश्य मिट सके।
जलाते चलो Chapter Notes | Hindi (Vasant) Class 6

कविता का सारांश

पहला पद

जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर
कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा ।
भले शक्ति विज्ञान में है निहित
वह कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा-सी,
मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में
घरी आ रही है अमावस निशा-सी।

कवि कहते हैं कि अगर हम प्रेम से भरे दीपक जलाते रहेंगे, तो एक दिन अंधकार का अंत जरूर होगा। कवि यहां विज्ञान की शक्ति का भी जिक्र करते हैं, जो अमावस्या जैसी अंधेरी रात को भी पूर्णिमा की तरह चमकदार बना सकती है। लेकिन कवि आश्चर्य करते हैं कि आज के समय में, जब दिन में भी उजाला होना चाहिए, वहां अमावस्या जैसी अंधेरी निशा क्यों छा रही है। यह अंधेरा समाज में प्रेम और स्नेह की कमी के कारण हो सकता है।

जलाते चलो Chapter Notes | Hindi (Vasant) Class 6

दूसरा पद

बिना स्नेह विद्युत-दिये जल रहे जो
बुझाओ इन्हें, यों न पथ मिल सकेगा।।
जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की
चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी,
तिमिर की सरित पार करने तुम्हीं ने
बना दीप की नाव तैयार की थी।

कवि कहते हैं कि बिना प्रेम के जो दीपक जल रहे हैं, उन्हें बुझा देना चाहिए, क्योंकि वे रास्ता नहीं दिखा पाएंगे। कवि याद दिलाते हैं कि जब पहली बार अंधकार ने चुनौती दी थी, तो तुमने पहला दीप जलाकर उसे स्वीकार किया था और अंधकार को पार करने के लिए दीप की नाव बनाई थी। यह नाव उस समय से ही हमारे लिए रास्ता दिखाती रही है।

तीसरा पद

बहाते चलो नाव तुम वह निरंतर
कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा।
युगों से तुम्हीं ने तिमिर की शिला पर
दिये अनगिनत है निरंतर जलाए,
समय साक्षी है कि जलते हुए दीप
अनगिन तुम्हारे पवन ने बुझाए।
मगर बुझ स्वयं ज्योति जो दे गए वे
उसी से तिमिर को उजेला मिलेगा।

कवि हमें लगातार प्रयास करने के लिए प्रेरित करते हैं, चाहे मुश्किलें कितनी भी हों। वे कहते हैं कि जब तुम दीप की नाव को लगातार बहाते रहोगे, तो एक दिन अंधकार का किनारा (अंत) जरूर मिलेगा। युगों से तुमने अंधकार की कठिनाइयों पर अनगिनत दीप जलाए हैं, और समय गवाह है कि भले ही कई दीपक बुझ गए हों, लेकिन जो दीपक जलते रहे, उन्होंने अंधकार को उजाला दिया है।

चौथा पद

दिये और तूफ़ान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी,
जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।
रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा।

आखिर में, कवि बताते हैं कि दीपक और तूफान की यह कहानी हमेशा से चली आ रही है और चलती रहेगी। जो दीप पहली बार जला था, वह सोने जैसा चमकदार था और हमेशा जलता रहेगा। अगर धरती पर एक भी दीप जलता रहेगा, तो निशा (रात) को एक दिन सवेरा (सुबह) जरूर मिलेगा। इसका मतलब है कि अंधकार (मुश्किल समय) का अंत होगा और उजाला (अच्छा समय) आएगा।

शब्दावली

  • तिमिर: अंधकार
  • अमावस: बिना चाँद की रात
  • पूर्णिमा: पूर्ण चाँद की रात
  • स्नेह: प्रेम
  • दीप: दिया
  • सरित: नदी
  • निशा: रात
  • ज्योति: प्रकाश
  • पथ: मार्ग
  • पवन: हवा

निष्कर्ष

'जलाते चलो' कविता में कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी ने प्रेम और स्नेह के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने बताया है कि विज्ञान की शक्ति के बावजूद भी, स्नेह और प्रेम के बिना अंधकार को मिटाना संभव नहीं है। हमें स्नेह और प्रेम के दीयों को निरंतर जलाते रहना चाहिए ताकि किसी दिन अंधकार का अंत हो सके और सवेरा हो सके।

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FAQs on जलाते चलो Chapter Notes - Hindi (Vasant) Class 6

1. "जलाते चलो" कविता का क्या अर्थ है?
Ans. "जलाते चलो" कविता का अर्थ है कि हमें अपने जीवन में उत्साह और साहस को बनाए रखना चाहिए। यह कविता हमें प्रेरित करती है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें अपने सपनों की ओर बढ़ते रहना चाहिए और संघर्ष करते रहना चाहिए।
2. "जलाते चलो" कविता के किस तत्व को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है?
Ans. "जलाते चलो" कविता में सबसे महत्वपूर्ण तत्व आशा और सकारात्मकता है। यह हमें सिखाती है कि कठिनाइयों में भी हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए और निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
3. "जलाते चलो" कविता का सारांश क्या है?
Ans. "जलाते चलो" कविता का सारांश यह है कि जीवन में चुनौतियों का सामना करते हुए हमें अपने इरादों को मजबूत बनाए रखना चाहिए। कविता यह संदेश देती है कि हमें अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहने के लिए प्रेरित होना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए।
4. "जलाते चलो" कविता में किन शब्दों का विशेष महत्व है?
Ans. "जलाते चलो" कविता में शब्द जैसे "आशा", "सपने", "संघर्ष" और "परिश्रम" का विशेष महत्व है। ये शब्द हमें उन मूल्यों की याद दिलाते हैं जो जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।
5. "जलाते चलो" कविता से हमें क्या सीखने को मिलता है?
Ans. "जलाते चलो" कविता से हमें यह सीखने को मिलता है कि जीवन में कठिनाइयाँ और विफलताएँ सामान्य हैं, लेकिन हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए। यह हमें प्रेरित करती है कि हमें अपने सपनों के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।
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