Table of contents | |
परिचय | |
कविता का सार | |
कविता की मुख्य घटनाएं | |
कविता से शिक्षा | |
निष्कर्ष |
राणा प्रताप का कोड़ा चेतक के तन पर कभी भी नहीं गिरता था, क्योंकि वह इतना समझदार था कि अपने स्वामी की आज्ञा को भली-भाँति समझ जाता था। वह शत्रुओं के मस्तक पर इस तरह से आक्रमण करता था जैसे मानो कोई आसमान से घोड़ा ज़मीन पर उतर आया हो अर्थात वह बहुत तेजी से अपने शत्रुओं के सिर पर प्रहार करता था।
अगर हवा के माध्यम से भी घोड़े की लगाम जरा-सी भी हिल जाती थी तो वह तुरंत अपनी सवारी को लेकर अर्थात राणा प्रताप को लेकर तीव्र गति से उड़ जाता था। अर्थात बहुत तेजी से दौड़ने लगता था । राणा प्रताप को जिस तरह मुड़ना होता वह उनकी आँखों के पुतली के घुमने से पूर्व ही चेतक उस दिशा में मुड़ जाता था, कहने का तात्पर्य यह है कि चेतक अपने स्वामी की हर प्रतिक्रिया को भली-भाँति समझ जाता था।
चेतक अपनी कौशलता और वीरता का परिचय अपनी चाल के द्वारा दिखाता । तीव्र गति से दौड़ना और निडर होकर अपने शत्रुओं पर आक्रमण करना यह उसकी वीरता का स्मारक था। वह निडर होकर युद्ध के समय में भयानक भालों और तलवारों से सुसज्जित सेनाओं के बीच में जाकर उन पर प्रहार करता और नहरों-नालों आदि को पार करता हुआ सरपट अर्थात बहुत तेज गति से बाधाओं में फँसने के बाद भी वह निकल जाता ।
युद्ध के क्षेत्र में ऐसा कोई स्थान नहीं था जहाँ पर चेतक ने अपने शत्रुओं पर प्रहार न किया हो। वह किसी एक स्थान पर दिखता तो पर जैसे ही शत्रु उस पर आक्रमण करने के लिए वहाँ पहुँचते तो वह वहाँ से तुरंत गायब हो जाता फिर वह कहीं दूसरी जगह दिखता। ठीक उसी प्रकार बाद में वहाँ से भी गायब हो जाता। अतः वह युद्ध के सभी स्थलों पर अपनी वीरता का परचम लहराता था ।
वह नदी की लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया। वह जहाँ भी जाता कुछ क्षण के लिए रुक जाता फिर अचानक विकराल, बिजली की चमक की तरह बादल का रूप धारण करके अपने दुश्मनों पर प्रहार करता ।
घोड़े की टापों से दुश्मन पूरी तरह से घायल हो गए। उनके भाले और तरकस सभी ज़मीन पर पड़े थे। चेतक की वीरता का ऐसा पराक्रम देखकर बैरी दल दंग रह गया ।
'चेतक की वीरता' कविता हमें अदम्य साहस, वीरता और निर्भीकता की शिक्षा देती है। यह कविता यह भी सिखाती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें हार नहीं माननी चाहिए और अपने कौशल और साहस के बल पर विजय प्राप्त करनी चाहिए।
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1. चेतक कौन था और उसकी वीरता के बारे में बताइए ? |
2. चेतक की वीरता का महत्व क्या है ? |
3. चेतक की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है ? |
4. हल्दीघाटी की लड़ाई में चेतक की भूमिका क्या थी ? |
5. चेतक की वीरता के किस पहलू को सबसे अधिक सराहा गया है ? |
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