Table of contents | |
परिचय | |
कहानी का सार | |
कहानी की मुख्य घटनाएं | |
कहानी से शिक्षा | |
शब्दावली | |
निष्कर्ष |
कहानी "हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान" में लेखक रामधारी सिंह 'दिनकर' अपने मॉरिशस यात्रा के अनुभवों को साझा करते हैं। लेखक की यात्रा दिल्ली से 15 जुलाई को शुरू होती है। वे 16 जुलाई को मुंबई से और 17 जुलाई को नैरोबी (केन्या) से मॉरिशस के लिए रवाना होते हैं। नैरोबी में उनके पास एक रात और दो दिन ठहरने का समय मिलता है, इसलिए वे नैरोबी के नेशनल पार्क में घूमने जाते हैं।
नैरोबी का नेशनल पार्क एक विशाल जंगल है, जहाँ पेड़ों की कमी और घास की बहुतायत है। यहाँ वे सिंहों को देखने की कोशिश करते हैं। काफी समय तक सफर करने के बाद वे एक जगह पहुँचते हैं, जहाँ सिंह आराम कर रहे होते हैं। सिंहों की गतिविधियों को देखकर लेखक को एहसास होता है कि ये सिंह पर्यटकों की उपस्थिति से बिल्कुल अप्रभावित हैं। इसी दौरान कुछ दूर हिरनों का एक झुंड दिखता है, जिनके बीच एक जिराफ खड़ा होता है। जैसे ही सिंहों की नजर हिरनों पर पड़ती है, वे शिकार की तैयारी करने लगते हैं। हिरनों के झुंड में हलचल होती है, लेकिन वे तुरंत भागने के बजाय सतर्क होकर खड़े रहते हैं।
मॉरिशस एक छोटा-सा द्वीप है जो हिंद महासागर में स्थित है। लेखक ने मॉरिशस को ‘हिंद महासागर का मोती’ और ‘भारत-सागर का सबसे खूबसूरत सितारा’ कहा है। मॉरिशस का क्षेत्रफल लगभग 720 वर्गमील है और यह द्वीप चारों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। मॉरिशस की अधिकांश जनसंख्या भारतीय मूल की है, जिनमें से 67 प्रतिशत लोग भारतीय वंश के हैं और उनमें से अधिकांश हिंदू हैं। इस कारण मॉरिशस को ‘छोटा-सा हिंदुस्तान’ भी कहा जा सकता है।
मॉरिशस में भारतीय संस्कृति का गहरा प्रभाव है। यहां के लोग भारतीय त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जैसे दशहरा, और वे धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। मॉरिशस के मध्य में स्थित ‘गंगा-तालाब’ नामक झील एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां पर भक्तगण कांवड़ लेकर जाते हैं और वहां की पवित्र जल को अपने गांव के मंदिरों में चढ़ाते हैं। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।
मॉरिशस में मुख्य भाषा फ्रेंच है, लेकिन अधिकांश भारतीय मूल के लोग भोजपुरी बोलते हैं, जो वहां की दूसरी सबसे प्रमुख भाषा है। यहां की भोजपुरी भाषा में फ्रेंच के शब्द भी मिलते हैं, जिससे यह भाषा और भी अनोखी बन जाती है। भारतीय मूल के लोगों ने मॉरिशस की कृषि, विशेषकर गन्ने की खेती और चीनी उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
लेखक ने मॉरिशस को भारत का एक हिस्सा माना है, क्योंकि वहां के लोग भारतीय संस्कृति और परंपराओं का पालन करते हैं। मॉरिशस में भारतीय संस्कृति को देखने के बाद लेखक को गर्व महसूस होता है, और वह इस बात को रेखांकित करते हैं कि भारतीय संस्कृति कितनी जीवंत और स्थायी है।
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2. इस कहानी में कौन-कौन से प्रमुख पात्र हैं? |
3. कहानी की मुख्य घटनाएँ क्या हैं? |
4. इस कहानी से हमें कौन-सी महत्वपूर्ण शिक्षा मिलती है? |
5. "हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान" कहानी के ऐतिहासिक संदर्भ क्या हैं? |
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