समय: 1 घंटा
पूर्णांक: 30
सभी प्रश्नों का प्रयास करें।
प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न संख्या 12 और 13 प्रत्येक 5 अंक के हैं।
प्रश्न 1: पहली बूँद के धरा पर आने से धरती पर क्या बदलाव आया? (1 अंक)
(क) सूखा
(ख) नयापन
(ग) गर्मी
(घ) ठंड
उत्तर: (ख)
पहली बूँद के धरती पर आने से नयापन आया, जिससे धरती ने नव-जीवन की अनुभूति की।
प्रश्न 2: पहली बूँद गिरने के समय आसमान में क्या दृश्य था? (1 अंक)
(क) साफ आसमान
(ख) बादलों का घेरा
(ग) बिजलियाँ चमक रही थीं
(घ) धूप निकल रही थी
उत्तर: (ग)
पहली बूँद गिरने के समय आसमान में बिजलियाँ चमक रही थीं, जिससे दृश्य और भी आकर्षक हो गया था।
प्रश्न 3: कविता में वर्षा को किसके लिए उपयोगी बताया गया है? (1 अंक)
(क) फूलों के लिए
(ख) पहाड़ों के लिए
(ग) पक्षियों के लिए
(घ) अंकुर फूटने और नई जिंदगी के लिए
उत्तर: (घ)
कविता के प्रारंभिक अंश "वह पावस का प्रथम दिवस जब, पहली बूंद धरा पर अर्ही, अंकुर फूट पड़ा धरती से, नव-जीवन की लो आगाही" में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पहली बूंद अंकुर फूटने और नई जिंदगी की शुरुआत का कारण बनती है। अन्य विकल्पों का उल्लेख कविता में नहीं है।
प्रश्न 4: पहली बूँद गिरने के बाद धरती की क्या स्थिति थी? (1 अंक)
(क) सूखी और बंजर
(ख) हरी-भरी और ललचाई
(ग) बर्फ से ढकी
(घ) बाढ़ से भरी
उत्तर: (ख)
पहली बूँद गिरने के बाद धरती हरी-भरी और ललचाई स्थिति में थी, क्योंकि उसने फिर से जीवन की उम्मीद की।
प्रश्न 5: "आसमां में उड़ता सागर" किसे संदर्भित करता है? (1 अंक)
(क) बादल
(ख) नदी
(ग) समुद्र
(घ) हवा
उत्तर: (क) बादल
प्रश्न 6: अंश 1: (2 अंक)
"वह पावस का प्रथम दिवस जब,
पहली बूंद धरा पर अर्ही
अंकुर फूट पड़ा धरती से,
नव-जीवन की लो आगाही"
(क) इस अंश में "पहली बूंद" का क्या महत्व है?
उत्तर: इस अंश में "पहली बूंद" को वर्षा के प्रारंभ और धरती पर नई जिंदगी के आगमन का प्रतीक माना गया है, जो अंकुर फूटने और नव-जीवन की शुरुआत को दर्शाता है।
(ख)"नव-जीवन की लो आगाही" से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: इसका तात्पर्य है कि पहली बूंद के साथ धरती पर नई जिंदगी और उमंग का संचार होता है, जैसे कि पौधों का अंकुरित होना।
प्रश्न 7: अंश 2: (2 अंक)
"धरती के सूखे अंधेरे पर,
गिरि बूंद अमृत-सी अकारा
वसुधा का रोमावली-सी,
हरी दूब पुलकित-मुस्काई"
(क) "अमृत-सी अकारा" किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर: "अमृत-सी अकारा" पहली बूंद को कहा गया है, क्योंकि यह सूखी धरती के लिए जीवनदायिनी और अमृत के समान मानी गई है।
(ख) "हरी दूब पुलकित-मुस्काई" से क्या भाव प्रकट होता है?
उत्तर: इससे यह भाव प्रकट होता है कि वर्षा की पहली बूंद से धरती की हरी दूब प्रसन्न हो उठती है और उसमें जीवन का आनंद झलकता है।
प्रश्न 8: अंश 3: (2 अंक)
"आसमां में उड़ता सागर,
लगा विजिलियोँ के स्वप्निम पर
बजा नगाड़ा जगा रे हे,
बादल धरती की तलाश में"
(क) "आसमां में उड़ता सागर" किसे दर्शाता है?
उत्तर: यह बादलों को दर्शाता है, जो आकाश में सागर के जल को लेकर उड़ते हैं और वर्षा के रूप में धरती पर लाते हैं।
(ख) "बजा नगाड़ा जगा रे हे" का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि बादलों की गर्जना और वर्षा की शुरुआत ने धरती को जगा दिया, जैसे कोई नगाड़ा बजाकर लोगों को सचेत किया जाए।
प्रश्न 9: कविता में धरती की प्यास और उसके पुनर्जीवन का वर्णन कैसे किया गया है? (3 अंक)
उत्तर:कविता में धरती की प्यास का वर्णन बहुत ही मार्मिक और सजीव ढंग से किया गया है। जैसे ही पहली बारिश की बूँदें धरती पर पड़ती हैं, धरती जीवन की नई संभावनाओं से भर उठती है। इस प्रक्रिया को कवि ने 'करुणा-विगलित अश्रु' के रूप में वर्णित किया है, जिसका अर्थ है कि बारिश की बूँदें धरती की तप्त प्यास को बुझाने के लिए आँसू की तरह गिरती हैं। धरती का पुनर्जीवन इन बूँदों से होता है, जिससे वह हरियाली और जीवन से युक्त हो जाती है। यह वर्णन प्रकृति के प्रति कवि की गहरी संवेदना और सम्मान को दर्शाता है।
प्रश्न 10: कविता में "पहली बूँद धरा पर आई" का महत्व क्या है? (3 अंक)
उत्तर:कविता में "पहली बूँद धरा पर आई" पंक्ति का गहरा महत्व है। यह पंक्ति प्रकृति के नवीनीकरण और जीवन के पुनरुत्थान का संकेत देती है। पहली बारिश की बूँद का धरती पर गिरना न केवल भौतिक रूप से धरती की प्यास बुझाता है, बल्कि यह आशा और नई शुरुआत का प्रतीक भी है। यह बूँद धरती के जीवन चक्र को पुनः सक्रिय करती है, जिससे नई वनस्पतियाँ और जीवन फूट पड़ता है। इस तरह, यह पंक्ति प्रकृति के सतत विकास और उसकी अद्भुत क्षमता को दर्शाती है, जिससे प्रत्येक जीव को नई उम्मीद मिलती है।
प्रश्न 11: कविता में कौन-कौन सी प्राकृतिक छवियाँ प्रस्तुत की गई हैं? उनका क्या अर्थ है? (3 अंक)
उत्तर:कविता में विविध प्राकृतिक छवियाँ जैसे बादल, बारिश की बूँदें, धरती, और हरियाली को प्रस्तुत किया गया है। ये छवियाँ प्रकृति के विविध पहलुओं को दर्शाती हैं और जीवन के नवीकरण का संकेत देती हैं। बादलों का वर्णन आसमान में उड़ता सागर के रूप में किया गया है, जो समृद्धि और जल के महत्व को प्रकट करता है। बारिश की बूँदें धरती की प्यास बुझाने के साथ-साथ नव-जीवन की शुरुआत करती हैं, जबकि हरियाली पुनर्जीवन और विकास का प्रतीक है। ये छवियाँ मिलकर जीवन के संघर्ष और सौंदर्य का चित्रण करती हैं, जो हमें प्रकृति के प्रति आदर और सम्मान की भावना से भर देती हैं।
प्रश्न 12: पहली बूँद के धरती पर आने के साथ प्रकृति में होने वाले परिवर्तन का विस्तार से वर्णन करें। (5 अंक)
उत्तर:पहली बूँद के धरती पर आने से प्रकृति के स्वरूप में कई सकारात्मक बदलाव होते हैं। जैसे ही पहली बूँद धरती पर गिरती है, वह सूखी और प्यासी धरती को नया जीवन प्रदान करती है। यह बूँद धरती की मिट्टी में समा जाती है, जिससे मिट्टी नम हो जाती है और उसमें मौजूद बीज अंकुरित होने लगते हैं। इससे पौधे उगने लगते हैं और हरियाली चारों ओर फैलने लगती है। इसके साथ ही, बारिश की ताजगी से पक्षियों की चहचहाहट बढ़ जाती है और वे नए उत्साह के साथ गाने लगते हैं। जंगली जानवर भी इस नए माहौल का आनंद उठाने के लिए बाहर आते हैं। यह सब मिलकर एक नवीन और जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं, जो कि धरती की पुनर्योजी शक्ति का प्रतीक है।
प्रश्न 13: कविता में मौसम के बदलते प्रभाव और उसकी भावनाओं का संक्षिप्त विश्लेषण करें। (5 अंक)
उत्तर: कविता में मौसम के बदलाव को बहुत ही भावपूर्ण और गहराई से वर्णित किया गया है। मौसम का बदलाव प्रकृति में एक नई उमंग और उत्साह का संचार करता है। बरसात के आगमन से न सिर्फ पर्यावरण में ताजगी आती है, बल्कि मनुष्य के मन में भी खुशियों और नई आशाओं की लहरें दौड़ जाती हैं। मौसम के इस बदलाव को कविता में विभिन्न प्राकृतिक उपमाओं के माध्यम से दर्शाया गया है, जैसे कि बादलों का गरजना, ताजा हवा का बहना, और पेड़ों पर पत्तियों का हिलना। ये सभी तत्व मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाते हैं, जो न केवल भौतिक बल्कि आध्यात्मिक तौर पर भी पुनर्जीवित करने वाला होता है। इस प्रकार, कविता में मौसम के बदलने की यह प्रक्रिया मनुष्य और प्रकृति के बीच गहरे संबंध को भी प्रकट करती है, जिससे हमें प्रकृति की महत्वपूर्णता और उसके प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाई जाती है।
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1. 'पहली बूँद' का क्या अर्थ है और यह क्यों महत्वपूर्ण है? | ![]() |
2. 'पहली बूँद' के संदर्भ में कौन-कौन सी गतिविधियाँ या शौक शामिल हो सकते हैं? | ![]() |
3. 'पहली बूँद' से हम क्या सीख सकते हैं? | ![]() |
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