यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) का विचार समय-समय पर सामने आता रहता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण वैश्विक स्तर पर नौकरियों की वृद्धि कैसे पिछड़ रही है, और भारत में युवा बेरोजगारी की बड़ी समस्या पर ध्यान दिया गया है। बेरोजगारी वृद्धि की घटना, जहां उत्पादकता बढ़ती है लेकिन रोजगार सृजन पिछड़ जाता है और असमानता में खतरनाक प्रवृत्ति में योगदान देता है, ने दुनिया भर में सामाजिक सुरक्षा जाल के एक घटक के रूप में यूबीआई में रुचि को फिर से जगा दिया है।
सार्वभौमिक बुनियादी आय (यूबीआई)
यूनिवर्सल बेसिक इनकम एक सामाजिक और आर्थिक नीति है जिसके तहत हर नागरिक को सरकार से नियमित भुगतान मिलता है। यह भुगतान सभी को दिया जाता है, चाहे उनकी नौकरी की स्थिति कैसी भी हो या उनके पास कितना भी पैसा क्यों न हो।
उद्देश्य
यूबीआई का मुख्य लक्ष्य वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और गरीबी को कम करने में मदद करना है। यह सुनिश्चित करके कि सभी को एक निश्चित राशि मिले, इसका उद्देश्य सभी व्यक्तियों के लिए सुरक्षा जाल बनाना है।
प्रमुख विशेषताऐं
सफल क्रियान्वयन के लिए सावधानीपूर्वक, चरण-दर-चरण तथा सुविचारित योजना आवश्यक है।
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