Class 6 Exam  >  Class 6 Notes  >  Sanskrit for class 6  >  Chapter Notes: शूरा: वयं धीरा: वयम्

शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6 PDF Download

इस पाठ में बताया गया है कि हम सब भारतीय वीर और धैर्यवान हैं। हम सब भारतीय गुणशाली, बलशाली और विजय प्राप्त करने वाले हैं। हम सब दृढ़ संकल्प से युक्त, लोभ रहित और साहसी हैं। हम सब भारतवासी उत्तम भाव से लोगों की सेवा करते हैं। हम भारतीयों के मन में अधिक धन की, सुख की और कपट की भावना नहीं है। हम सब निडर हैं। युद्ध के मैदान में भी हमेशा विजय की इच्छा रखते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हे ईश्वर! आप हम सभी को गौरवशाली एवं विजयी बनाएँ।

शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6

(1)
छात्र: : श्रीमन्! अहम् अद्य ‘शूरा वयं धीरा वयम्’ इति गीतं श्रुतवान्।
अध्यापकः : अस्तु ! शोभनम्।
छात्रः : श्रीमन् ! अहमपि एतत् गीतं श्रुतवान् । सुन्दरं गीतम् अस्ति ।
अध्यापकः : छात्राः! “शूरा वयं धीरा वयम्” अत्र ‘वयम्’ इति शब्दः केषां कृते प्रयुक्तः?
छात्रा : वयं शब्दः भारतीयानां कृते अस्ति इति चिन्तयामि ।
छात्र: : श्रीमन् ! वयं भारतीयाः शूराः वीराः च स्मः।
अध्यापक : सत्यम्। वयं भारतीयाः शूराः वीराः च। एतत् एव सस्वरं मिलित्वा गायामः।

शब्दार्था: (Word Meanings):

  • अद्य – आज ( Today),
  • शूराः – पराक्रमी (Brave),
  • शोभनम् – सुन्दर (Good),
  • गीतं – गीत को (To the song),
  • श्रुतवान्-सुना (Listened),
  • चिन्तयामि – सोचता हूँ (Think),
  • भारतीयाः- भारत के निवासी (Indian) ।

सरलार्थ-

एक छात्र : श्रीमानजी! मैंने आज ‘हम सब वीर और धैर्यवान हैं’ इस गीत को सुना।
अध्यापक : अच्छा। बहुत अच्छा।
एक छात्र : श्रीमान जी ! मैंने भी इस गीत को सुना । सुन्दर गीत है।
अध्यापक : छात्रो ! ” हम सब वीर हैं, हम सब धैर्यवान हैं” यहाँ ‘हम सब यह शब्द किनके लिए प्रयोग किया गया है?
एक छात्रा : ‘हम सब’ शब्द भारतीयों के लिए है, ऐसा मैं सोचती हूँ ।
एक छात्र : श्रीमानजी! हम सब भारतीय शूरवीर और धैर्यवान हैं।
अध्यापक : सच है। हम सब भारतीय शूरवीर और धैर्यवान हैं। यही हम सब मिलकर सस्वर गाएँगे ।

(2)
शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6शब्दार्था: (Word Meanings):

  • नितराम् – अत्यधिक रूप से (Abundantly),
  • दृढमानसाः – दृढ़ मन वाले (Determined),
  • गतलालसाः-लालच रहित (Without greed),
  • प्रियसाहसा:- साहसप्रिय (Brave ),
  • गुणशालीनः – गुणों से युक्त (Virtuous),
  • बलशालीनः :- बल से युक्त (Powerful ),
  • नियतम् – निश्चित (Certainly) ।

सरलार्थ-

हम शक्तिशाली वीर और बहुत बहादुर हैं। हम गुणशाली, बलशाली और निरन्तर जय को प्राप्त करने वाले हैं || 1 || हम शक्तिशाली हैं । । हम भारतीय बहुत मजबूत इच्छा शक्तिवाले हैं, हमारे मन में कोई स्वार्थ नहीं है; हम अत्यधिक साहसी लोग हैं। हम लोगों की सेवा करने वाले हैं, हम सबके दुख में दुखी होने वाले हैं और हम सब भला (शुभ) सोचने वाले हैं ||2|| हम शक्तिशाली हैं ।।

(3)
शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6

शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6

शब्दार्था: (Word Meanings):

  • ऊर्जस्वला : – फुर्तीले (Energetic),
  • वर्चस्वला : – तेजस्वी (Radiant),
  • अतिनिश्चलाः – दृढ़ निर्णय वाले (Determined),
  • गतभीतयः – भयरहित (Fearless),
  • धृतनीतयः – नीतिमान् (Righteous),
  • दृढशक्तयः- शक्तिमान् (Powerful),
  • निखिला – संपूर्ण (All),
  • याम: – जाते / जाती हैं (We are going)
  • समरांगणम् – युद्ध का मैदान (Battlefield),
  • विजयार्थिनः – विजय चाहने वाले (Those who want victory),
  • सकलेश – सभी के ईश (Supreme God),
  • परमोज्ज्वलं – परम उज्ज्वल (Extremely bright),
  • न:- हमें (Us),
  • देहि- दीजिये (Give) ।

सरलार्थ-
हमें धन की इच्छा नहीं है, हम संसार के सुख भी नहीं चाहते, हमारे हृदय में किसी के लिए कोई धोखा या कपट नहीं है। हम शुद्ध चित्त वाले हैं। हम फुर्तीले (ऊर्जावान ) हैं। हम तेजस्वी हैं, दृढ संकल्प के साथ विजय प्राप्त करने वाले हैं । | 3 || हम शक्तिशाली हैं ।।
हम निडर हैं, नीतिवान हैं और सम्पूर्ण दृढ – शक्तियों से युक्त हैं। हम ( माँ भारती के) बालक जब भी युद्ध के मैदान में जाते हैं, जीत प्राप्त करने की इच्छा वाले होते हैं ।। 4 ।। हम शक्तिशाली हैं ।।
हे संसार के स्वामी! हे परम ईश्वर ! आप देवों के भी देव और सर्व शक्तिमान हैं। हे परमात्मा आप सभी कार्यों में हमें मंगल एवं विजय दें || 5 || हम सब शक्तिशाली हैं ।।

गीतस्य भावार्थ:
भावार्थ- वयं सर्वे भारतीयाः शूराः वीराः, धैर्यशालिनः च स्मः । सर्वे गुणशालिनः बलशालिनः विजेतारः च स्मः । वयं दृढसंकल्पयुक्ताः लोभरहिताः साहसयुक्ताः च स्मः । वयं सर्वे भारतवासिन: उत्तमभावेन जनानां सेवां सर्वेषां शुभचिन्तनं च कुर्मः । अस्माकं हृदये धनस्य अधिककामनाः, सुखस्य विषये वासना, कपटभावना च न सन्ति । तेजोयुक्ताः वयं भारतीयाः ऊर्जापूर्वकं दृढतया च कार्यं कुर्मः। वयं भारतीयाः निर्भयाः दृढशक्त्या च युक्ताः युद्धक्षेत्रे सर्वदा नीतिपूर्वकं विजयम् इच्छामः । अतः इयं प्रार्थना अस्ति यत् – हे संसारस्य स्वामिन्! हे परमेश ! हे सकलेश ! हे भगवन्! भवान् अस्माकं कृते सर्वेषु कार्येषु उज्ज्वलं शुभं च विजयं प्रयच्छतु इति।

सरलार्थ
हम सब भारतीय शूरवीर, पराक्रमी और धैर्यशाली हैं। हम सभी गुणों से युक्त, बलशाली और जीतने वाले हैं। हम सब दृढ़ इच्छा शक्ति वाले लोभरहित और बहुत साहसी हैं। हम सब भारतवासी बहुत ही अच्छे मन से और उत्तम भाव से लोगों की सेवा करते हैं और सबका भला सोचते हैं। हमारे हृदय में धन की अधिक इच्छा नहीं है, ज्यादा सुख की भी इच्छा नहीं है और किसी भी प्रकार के कपट या धोखे की भावना नहीं है।

हम सब भारतीय तेजस्वी, उत्साहपूर्वक और दृढ़ता से सब काम करते हैं। हम सब भारतीय निडरता और दृढ़ इच्छा शक्ति से युक्त हैं और युद्ध के मैदान में हमेशा नीतिपूर्वक (सही नीतियों पर चलकर) विजय पाना चाहते हैं। इसलिए यह प्रार्थना है कि – हे संसार के स्वामी! हे परम ईश्वर ! हे सम्पूर्ण जगत के स्वामी! हे भगवन्! आप हमारे लिए सब कामों में उज्ज्वल, शुभ और विजय दें।

अवधेयांश: (ध्यान देने योग्य बातें)

 ‘रामः, सः, सीता, देवालयः, पीतः, बलशालिनः’ इति एतानि | पदानि नामपदानि सन्ति ।
‘राम:’ इति पदस्य मूलम् अस्ति ‘राम’ । नामपदस्य मूलरूपं ‘प्रातिपदिकम् ‘ इति कथ्यते ।
अधः विद्यमाने कोष्ठके प्रातिपदिकस्य प्रथमा – विभक्तेः रूपाणि पठन्तु।

अर्थ – ‘रामः, स : (वह), सीता, देवालयः (मंदिर), पीतः (पीला), बलशाली’- ये सारे पद नामपद हैं।
‘राम:’ इस पद का मूल ‘राम’ है। नाम / पद का मूल रूप ‘प्रातिपदिक’ कहा जाता है।
नीचे दिए गए कोष्ठक में प्रतिपदिक के प्रथमा विभक्ति के रूप को पढ़ें-
शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6

The document शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6 is a part of the Class 6 Course Sanskrit for class 6.
All you need of Class 6 at this link: Class 6
30 videos|62 docs|15 tests

FAQs on शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes - Sanskrit for class 6

1. "शूरा: वयं धीरा: वयम्" पाठ का मुख्य विषय क्या है?
Ans."शूरा: वयं धीरा: वयम्" पाठ का मुख्य विषय साहस, धैर्य और दृढ़ता है। यह पाठ हमें यह सिखाता है कि कठिनाइयों का सामना करने के लिए हमें साहसी होना चाहिए और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
2. इस पाठ में शूरा का क्या अर्थ है?
Ans. "शूरा" का अर्थ है साहसी या वीर। इस पाठ में शूरा का उल्लेख उन लोगों के लिए किया गया है जो कठिन परिस्थितियों में भी साहस नहीं खोते और अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते हैं।
3. पाठ में धीरता का क्या महत्व बताया गया है?
Ans. पाठ में धीरता का महत्व यह बताया गया है कि धैर्य रखने से हम कठिन समय में भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। धीरता हमें निर्णय लेने में सक्षम बनाती है और हमें अनुशासन में रहने में मदद करती है।
4. पाठ में दी गई प्रेरणादायक बातें किस प्रकार की हैं?
Ans. पाठ में दी गई प्रेरणादायक बातें हमें प्रेरित करती हैं कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें अपने सपनों के लिए हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए।
5. "शूरा: वयं धीरा: वयम्" पाठ से हमें क्या सीख मिलती है?
Ans. "शूरा: वयं धीरा: वयम्" पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि साहस और धैर्य ही सफलता की कुंजी हैं। हमें अपने भीतर की शक्ति को पहचानना चाहिए और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
Related Searches

Summary

,

Previous Year Questions with Solutions

,

pdf

,

practice quizzes

,

शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6

,

Sample Paper

,

Objective type Questions

,

Exam

,

ppt

,

study material

,

video lectures

,

mock tests for examination

,

शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6

,

Important questions

,

Viva Questions

,

शूरा: वयं धीरा: वयम् Chapter Notes | Sanskrit for class 6

,

shortcuts and tricks

,

Free

,

past year papers

,

Semester Notes

,

Extra Questions

,

MCQs

;