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Short & Long Question Answers: गोल | Short & Long Answer Questions for Class 6 PDF Download

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1: ध्यानचंद ने कब और कैसे ‘हॉकी’ खेलना शुरू किया?
उत्तर: 
मेजर ध्यानचंद ने 16 वर्ष की आयु में ‘फर्स्ट ब्राह्मण रेजिमेंट’ में एक साधारण सिपाही के रूप में भर्ती होकर हॉकी खेलना शुरू किया। रेजिमेंट के सूबेदार मेजर तिवारी ने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में वे नौसिखिए की तरह खेलते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनके खेल में निखार आता गया और वे एक उत्कृष्ट खिलाड़ी बन गए।

प्रश्न 2: ‘माइनर्स टीम के खिलाड़ी ने ध्यानचंद के सिर पर स्टिक क्यों मारी?
उत्तर: ‘माइनर्स’ टीम के खिलाड़ी ने गुस्से में आकर ध्यानचंद के सिर पर हॉकी स्टिक से वार कर दिया क्योंकि खेल के दौरान वह बार-बार ध्यानचंद से गेंद छीनने की कोशिश कर रहा था, लेकिन असफल हो रहा था। ध्यानचंद की उत्कृष्ट खेल क्षमता से परेशान होकर उसने यह आक्रामक कदम उठाया।

प्रश्न 3: ध्यानचंद का बदला लेने का ढंग क्या था?
उत्तर: ध्यानचंद ने अपने खेल कौशल से बदला लिया। सिर पर चोट लगने के बावजूद उन्होंने खेल जारी रखा। पट्टी बंधवाने के बाद मैदान में लौटकर उन्होंने उस खिलाड़ी से कहा कि वे अपनी चोट का बदला जरूर लेंगे। इसके बाद, ध्यानचंद ने जोश और उत्साह के साथ लगातार छह गोल कर ‘सैंपर्स एंड माइनर्स’ टीम को हरा दिया। उनका बदला लेने का तरीका आक्रामक नहीं बल्कि खेल भावना से भरा हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी प्रतिभा और कौशल से जवाब दिया।

प्रश्न 4: ध्यानचंद की सफलता का राज क्या था?
उत्तर: ध्यानचंद की सफलता का राज उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन और खेल के प्रति समर्पण था। उन्होंने लगन और अभ्यास से अपने खेल को निखारा। टीम भावना और ईमानदारी भी उनकी सफलता के महत्वपूर्ण कारण थे।

Short & Long Question Answers: गोल | Short & Long Answer Questions for Class 6
प्रश्न 5: ध्यानचंद को ‘हॉकी के जादूगर’ की उपाधि क्यों मिली?
उत्तर: सन् 1936 में बर्लिन ओलंपिक में जब उन्हें कप्तान बनाया गया तो वे सेना में ‘लांस नायक’ के पद पर थे। लोग उनके खेलने के ढंग से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ कहने लगे।

प्रश्न 6: ध्यानचंद में अच्छे खिलाड़ी होने के कौन-से विशेष गुण थे?
उत्तर: 
ध्यानचंद में अच्छे खिलाड़ी होने के निम्नलिखित गुण थे:

  • वे लगन, साधना और पूर्ण खेल भावना से खेलते थे।
  • वे जीतने का श्रेय स्वयं न लेकर पूरी टीम को देते थे।
  • वे अपना नहीं बल्कि अपने देश का नाम करना चाहते थे।

प्रश्न 7: मेजर ध्यानचंद का भारतीय हॉकी में क्या योगदान था?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद का भारतीय हॉकी में योगदान अद्वितीय था। उन्होंने अपने उत्कृष्ट खेल कौशल से भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और भारत को कई महत्वपूर्ण मैचों में जीत दिलाई।

प्रश्न 8: ध्यानचंद ने हॉकी खेलने की प्रेरणा कहाँ से प्राप्त किया?
उत्तर: ध्यानचंद ने हॉकी खेलने की प्रेरणा अपनी रेजिमेंट 'ब्राह्मण रेजिमेंट' के सूबेदार मेजर तिवारी से प्राप्त की, जिन्होंने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया और उन्हें अपने खेल को सुधारने में मदद किया।

प्रश्न 9: मेजर ध्यानचंद की खेल भावना को कैसे प्रदर्शित किया गया है?
उत्तर: ध्यानचंद की खेल भावना अद्वितीय थी, उन्होंने न केवल खुद गोल किए, बल्कि टीम की सफलता के लिए अपने साथियों को भी मौके दिए। उन्होंने हमेशा टीम की जीत को व्यक्तिगत जीत से ऊपर रखा।

प्रश्न 10: लेखक कब तक नौसिखिया खिलाड़ी था?
उत्तर: सैनिक जब चाहे मैदान में पहुँच जाते और अभ्यास शुरू कर देते थे। उस समय तक लेखक एक नौसिखिया खिलाड़ी था ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1: मेजर ध्यानचंद के जीवन की मुख्य घटनाओं का वर्णन करें।
उत्तर: 
मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1904 को प्रयाग में हुआ था। वे 16 साल की उम्र में 'ब्राह्मण रेजिमेंट' में भर्ती हुए, जहाँ से उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया। उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण 1936 का बर्लिन ओलंपिक था, जहाँ उन्होंने भारतीय टीम का नेतृत्व किया और शानदार जीत हासिल की। ध्यानचंद के अद्वितीय खेल कौशल की वजह से उन्हें "हॉकी का जादूगर" कहा गया। उनकी खेल भावना और नेतृत्व क्षमता के कारण भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।

प्रश्न 2: बर्लिन ओलंपिक 1936 में भारतीय टीम की जीत में ध्यानचंद की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर:
1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम का नेतृत्व ध्यानचंद ने किया। फाइनल मैच में भारतीय टीम ने जर्मनी के खिलाफ खेला और 8-1 से जीत हासिल की। इस मैच में ध्यानचंद ने न केवल अपने कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि पूरी टीम को भी जीत की ओर प्रेरित किया। इस जीत ने ध्यानचंद को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और भारतीय हॉकी की धाक जमाई।

प्रश्न 3: ध्यानचंद की खेल भावना और नेतृत्व क्षमता को कैसे प्रदर्शित किया गया है?
उत्तर: 
ध्यानचंद की खेल भावना अद्वितीय थी। उन्होंने हमेशा टीम की जीत को व्यक्तिगत जीत से अधिक महत्व दिया। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने बर्लिन ओलंपिक 1936 में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने खेल में उत्कृष्टता दिखाई, और टीम के हर सदस्य को मौका देकर सामूहिकता का महत्व समझाया। उनकी नेतृत्व क्षमता ने भारतीय टीम को सफलता के शिखर पर पहुँचाया।

प्रश्न 4: ध्यानचंद के जीवन से हम व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में क्या सीख सकते हैं?
उत्तर:
ध्यानचंद के जीवन से हम यह सीख सकते हैं कि समर्पण, अनुशासन, और टीम भावना किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने हमेशा टीम की सफलता को प्राथमिकता दी और अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को पीछे रखा। उनकी जीवनशैली और खेल के प्रति समर्पण हमें सिखाता है कि कड़ी मेहनत और अनुशासन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 5: ध्यानचंद के खेल में तकनीकी कुशलता और रणनीतिक सोच का क्या महत्व था?
उत्तर: 
ध्यानचंद के खेल में तकनीकी कुशलता और रणनीतिक सोच का अत्यधिक महत्व था। उनकी गेंद पर पकड़ और खेल को पढ़ने की क्षमता उन्हें एक अद्वितीय खिलाड़ी बनाती थी। वे हमेशा टीम के हित में खेलते थे और अपने साथियों को भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते थे। उनकी रणनीतिक सोच ने उन्हें "हॉकी का जादूगर" की उपाधि दिलाई।

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FAQs on Short & Long Question Answers: गोल - Short & Long Answer Questions for Class 6

1. गोल क्या है और इसके विभिन्न प्रकार क्या हैं?
Ans. गोल एक ज्यामितीय आकृति है जो सभी दिशा में समान दूरी पर होती है। इसके विभिन्न प्रकारों में वृत्त (circle), गोलाकार (spherical), और अर्धगोल (semicircle) शामिल हैं।
2. गोल की विशेषताएँ क्या हैं?
Ans. गोल की मुख्य विशेषताएँ हैं: 1) सभी बिंदुओं का केंद्र से समान दूरी पर होना, 2) व्यास (diameter) और परिधि (circumference) का संबंध, और 3) 360 डिग्री का कोण होना।
3. गोल का क्षेत्रफल और परिधि कैसे निकालते हैं?
Ans. गोल का क्षेत्रफल (Area) निकालने के लिए सूत्र है: A = πr², जहाँ r गोल का त्रिज्या (radius) है। गोल की परिधि (Circumference) निकालने के लिए सूत्र है: C = 2πr या C = πd, जहाँ d गोल का व्यास है।
4. गोल के उपयोग क्या हैं?
Ans. गोल का उपयोग कई क्षेत्रों में होता है जैसे विज्ञान में ग्रहों का अध्ययन, खेलों में बॉल की आकृति, और कला में गोलाकार डिजाइन बनाने के लिए।
5. गोल और अन्य ज्यामितीय आकृतियों में क्या अंतर है?
Ans. गोल एक सममित आकृति है जिसमें कोई कोण नहीं होता, जबकि अन्य ज्यामितीय आकृतियों जैसे त्रिकोण और चौकोर में कोण और भिन्न भिन्न आकार होते हैं। गोल में सभी बिंदुओं की दूरी समान होती है, जबकि अन्य आकृतियों में यह भिन्न हो सकती है।
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