प्रश्न 1: 'काटी कुंजर पीर' के अनुसार कुंजर की क्या पीड़ा थी और वह कैसे दूर हुई?
उत्तर: मगरमच्छ ने हाथी का एक पैर पकड़ रखा था जिस कारण उसे पीड़ा हो रही थी। परन्तु हाथी उससे अपना पैर नहीं छुड़ा पा रहा था। हाथी ने जब प्रभु का स्मरण किया और विष्णु भगवान ने हाथी का कष्ट दूर करने के लिए मगरमच्छ को मारा था जिससे हाथी की पीड़ा दूर हुई|
प्रश्न 2: कवियत्री का हृदय किसके लिए अधीर है?
उत्तर: मीरा का हृदय अपने प्रिय श्रीकृष्ण के लिए अधीर है। वे श्रीकृष्ण के दर्शन करना चाहती हैं। श्रीकृष्ण के दर्शन प्राप्त न होने के कारण ही उनका हृदय बेचैन हो उठता है।
प्रश्न 3: मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर: मीराबाई कहती हैं कि श्रीकृष्ण के माथे पर मोर के पंखों का मुकुट सुशोभित है और उन्होंने पीले वस्त्र पहने हैं। उनके गले में वैजयंती माला शोभायमान है। श्रीकृष्ण जब बाँसुरी बजाते हैं, तो बहुत मनमोहक लगते हैं।
प्रश्न 4: दासी बनकर मीरा क्या करना चाहती हैं?
उत्तर: दासी बनकर मीरा श्रीकृष्ण के भवन के सामने सुंदर बाग लगाना चाहती हैं। वे वृंदावन के कुंजों और गलियों में उनका गुणगान करना चाहती हैं।
प्रश्न 5: कवियत्री किस रंग की साड़ी पहनना चाहती हैं और क्यों?
उत्तर: कुसुंबी रंग प्रेम का प्रतीक होता है। मीरा कुसुंबी रंग की साड़ी पहनकर श्रीकृष्ण से इसलिए मिलना चाहती हैं ताकि वे अपना प्रेम उनके सामने प्रकट कर सकें।
प्रश्न 6: श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज किस प्रकार बचाई थी?
उत्तर: जब दुःशासन भरी सभा में द्रौपदी का चीर हरने का प्रयास कर रहा था तब श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के वस्त्र को बढ़ाकर उसे अपमानित होने से बचाया था। इस प्रकार श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई थी|
प्रश्न 7: भाव-भक्ति को जागीर क्यों कहा गया है?
उत्तर: मीरा श्रीकृष्ण की सच्ची उपासिका थीं। किसी भी भक्त के लिए उसका आराध्य ही सबसे बड़ी जागीर होता है और उसको पाने का साधन है - भक्ति। मीरा भी अपनी भक्ति के माध्यम से श्रीकृष्ण को पाना चाहती थीं। इसी कारण अपनी भाव-भक्ति को सबसे बड़ी जागीर मानती थीं।
प्रश्न 8: मीरा श्रीकृष्ण की सेवा करके वेतन रूप में क्या पाना चाहती हैं?
उत्तर: मीरा अपने आराध्य श्रीकृष्ण की सेवा करके उनके नाम-स्मरण को वेतन के रूप में पाना चाहती हैं| इससे वे हर समय अपने प्रियतम को याद करती रहें। वे एक क्षण के लिए भी प्रभु से दूर नहीं रहना चाहती हैं।
प्रश्न 9: श्रीविष्णु ने प्रह्लाद की रक्षा किस रूप में की थी?
उत्तर: विष्णु भगवान ने प्रह्लाद की रक्षा नृसिंह का अवतार लेकर की थी। हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद उनका भक्त था। उन्होंने अत्याचारी हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद की रक्षा की थी|
प्रश्न 10: मीराबाई श्रीकृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या करने को तैयार हैं?
उत्तर: मीराबाई श्रीकृष्ण को पाने के लिए उनकी सेविका बनकर निरंतर समीप रहना चाहती हैं। वे बड़े-बड़े महलों का निर्माण करवाकर उनके बीच में खिड़कियाँ बनवाना चाहती हैं ताकि वे श्रीकृष्ण के रूप-सौंदर्य को निहार सकें| वृंदावन की कुंज गलियों में श्रीकृष्ण की लीलाओं का गायन करना चाहती हैं। मीरा कुसुंबी साड़ी में आधी रात को यमुना के तट पर उनके दर्शन करना चाहती हैं|
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1. 'पद' क्या है और इसका महत्व क्या है ? | ![]() |
2. 'पद' में कौन-कौन से प्रकार होते हैं ? | ![]() |
3. 'पद' का प्रयोग किस प्रकार की रचनाओं में किया जाता है ? | ![]() |
4. 'पद' की पहचान कैसे करें ? | ![]() |
5. 'पद' का अध्ययन करने से छात्रों को क्या लाभ होता है ? | ![]() |