Table of contents |
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परिचय |
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प्रमुख बातें |
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कहानी का सारांश |
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कहानी से शिक्षा |
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शब्दार्थ |
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इस पाठ में हम एक पत्र पढ़ेंगे, जो अमर ने अपने पिताजी को जयपुर से लिखा है। अमर अपनी स्कूल की सैर के बारे में बता रहा है, जिसमें वह जयपुर के दर्शनीय स्थलों को देखने गया। पत्र में वह अपनी यात्रा, जयपुर के स्थानों, और राजस्थान के खाने और नृत्य के बारे में लिखता है। यह कहानी हमें सिखाती है कि नई जगहों को देखना और उनके बारे में लिखना कितना मजेदार हो सकता है।
अमर अपने पिताजी को पत्र लिखता है और बताता है कि वह परसों रात को जयपुर पहुँच गया। उसकी यात्रा बहुत अच्छी रही और अध्यापकों ने उसका बहुत ध्यान रखा। जयपुर का मौसम भी अच्छा है।
अगले दिन सुबह नाश्ता करने के बाद अमर और उसके साथी जयपुर की सैर के लिए निकले। सबसे पहले उन्होंने हवामहल देखा, जो बहुत सुंदर है। इसके पास ही जंतर-मंतर है, जो एक वेधशाला है। इसे राजा सवाई जयसिंह ने बनवाया था। अमर ने जंतर-मंतर को घूम-घूमकर देखा। इसके बाद वे रामनिवास बाग गए, जहाँ एक कला-संग्रहालय है। इस संग्रहालय में जयपुर के राजा-महाराजाओं के कपड़े, हथियार, और चित्र रखे हैं, जो देखने लायक हैं।
जयपुर से 14 किलोमीटर दूर आमेर का दुर्ग है, जो बहुत पुराना और बड़ा है। वहाँ अमर ने शीशमहल देखा, जो बहुत सुंदर है। शीशमहल के पास शिला देवी का मंदिर है, जहाँ अमर ने दर्शन किए। इसके बाद वे जयपुर वापस आए।
रात को अमर ने राजस्थान के लोकनृत्य देखे, जो बहुत रंग-बिरंगे और मजेदार थे। फिर उन्होंने राजस्थान का प्रसिद्ध खाना दाल-बाटी चूरमा खाया। अमर बताता है कि अगले दिन वह उदयपुर जाएगा, जिसे झीलों का नगर कहते हैं। वह अगला पत्र उदयपुर से लिखेगा।
अमर पत्र के अंत में अपनी माँ को प्रणाम और अपनी बहन लता को प्यार भेजता है। वह अपने पिताजी को पत्र लिखने का वादा करता है।
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1. जयपुर से पत्र का मुख्य विषय क्या है? | ![]() |
2. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है? | ![]() |
3. क्या जयपुर का वर्णन करते समय लेखक ने किसी विशेष स्थल का उल्लेख किया है? | ![]() |
4. पत्र के माध्यम से लेखक ने पाठकों को क्या संदेश दिया है? | ![]() |
5. क्या जयपुर के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताये गए हैं? | ![]() |