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मिठाइयों का सम्मेलन Class 4 Notes Hindi Chapter 9 Free PDF

परिचय

इस पाठ में हम एक मजेदार कहानी पढ़ेंगे, जिसमें मिठाइयाँ एक सम्मेलन करती हैं। यह कहानी हमें बताती है कि मिठाइयाँ कितनी खास हैं, लेकिन हमें इन्हें ज्यादा नहीं खाना चाहिए। कहानी में मिठाइयाँ आपस में बात करती हैं और अपने बारे में सोचती हैं। यह हमें सिखाता है कि हर चीज को संतुलन में रखना जरूरी है।

मिठाइयों का सम्मेलन Class 4 Notes Hindi Chapter 9 Free PDF

प्रमुख बातें

  • छगनलाल हलवाई अपनी दुकान बंद करके घर चले जाते हैं।
  • दुकान में मिठाइयाँ एक सम्मेलन करती हैं और लड्डू दादा को अध्यक्ष बनाती हैं।
  • सम्मेलन में इमरती जी, पेड़ा, बरफ़ी बहन, रसगुल्ला, जलेबी बहन, रबड़ी जी, गुलाबजामुन, मैसूरपाक, रस मलाई, सोनपापड़ी, बालूसाही, कलाकंद भाई, गुझिया, काजू कतली और शक्करपारा शामिल हैं।
  • कलाकंद भाई बताते हैं कि डॉक्टर कुछ लोगों को मिठाइयाँ खाने से मना करते हैं।
  • रसगुल्ला कहता है कि ज्यादा मिठास की वजह से लोग मिठाइयों को कम पसंद करने लगे हैं।
  • गुझिया बताती है कि कुछ लोगों के शरीर में शक्कर की मात्रा बढ़ रही है।
  • रबड़ी जी कहती हैं, “जहाँ अति होती है, वहाँ क्षति होती है,” यानी ज्यादा मिठाई खाने से नुकसान होता है।
  • लड्डू दादा सुझाव देते हैं कि मिठाइयों में शक्कर कम करनी चाहिए और लोगों को अपनी जीभ पर नियंत्रण रखना चाहिए।
  • सम्मेलन यह निर्णय लेता है कि लोग मिठाइयाँ खाएँ, लेकिन ज्यादा नहीं, और शारीरिक श्रम करके स्वस्थ रहें।

कहानी का सारांश

कहानी शुरू होती है छगनलाल हलवाई की दुकान से, जो रात को दुकान बंद करके घर चले जाते हैं। दुकान बंद होने के बाद वहाँ रखी मिठाइयाँ एक सम्मेलन करती हैं, जिसमें लड्डू दादा को अध्यक्ष चुना जाता है। सम्मेलन में कई मिठाइयाँ शामिल होती हैं, जैसे इमरती जी, पेड़ा, बरफ़ी बहन, रसगुल्ला, जलेबी बहन, रबड़ी जी, गुलाबजामुन, मैसूरपाक, रस मलाई, सोनपापड़ी, बालूसाही, कलाकंद भाई, गुझिया, काजू कतली और शक्करपारा।

सम्मेलन में मिठाइयाँ अपने बारे में बात करती हैं। कलाकंद भाई कहते हैं कि आजकल डॉक्टर कुछ लोगों को मिठाइयाँ खाने से मना करते हैं। सोनपापड़ी पूछती है कि ऐसा क्यों हो रहा है। जलेबी बहन, बरफ़ी बहन से जवाब माँगती है, लेकिन बरफ़ी बहन मजाक में टाल देती हैं। मैसूरपाक दोनों को शांत करते हुए कहता है कि मिठाइयों का स्वाद मीठा है और हमें मीठे बोल बोलकर मिठास फैलानी चाहिए।

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रसगुल्ला बताता है कि उनकी ज्यादा मिठास ही लोगों के लिए परेशानी का कारण है। गुलाबजामुन कहता है कि लोग चटोरी जीभ की वजह से बार-बार मिठाइयाँ माँगते हैं, लेकिन ज्यादा खाने से बोर हो जाते हैं। गुझिया बताती है कि कुछ लोगों के शरीर में शक्कर की मात्रा बढ़ रही है, जिससे परेशानी होती है। रबड़ी जी कहती हैं कि ज्यादा मिठाई खाने से नुकसान होता है, क्योंकि “जहाँ अति होती है, वहाँ क्षति होती है।”

लड्डू दादा सुझाव देते हैं कि मिठाइयों में शक्कर की मात्रा कम करनी चाहिए, ताकि लोग उन्हें खा सकें और स्वस्थ रहें। गुलाबजामुन पूछता है कि अगर शक्कर कम होगी, तो उन्हें मिठाई कौन कहेगा? लड्डू दादा जवाब देते हैं कि कम शक्कर से लोगों के मन में मिठास बढ़ेगी। पेड़ा कहता है कि शुभ अवसरों पर मिठाइयाँ बाँटने की परंपरा कोई नहीं बदल सकता।

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अंत में, लड्डू दादा कहते हैं कि लोगों को अपनी जीभ पर नियंत्रण रखना चाहिए। मिठाइयाँ खानी चाहिए, लेकिन ज्यादा नहीं। साथ ही, शारीरिक श्रम करके स्वस्थ रहना चाहिए। इस निर्णय के साथ लड्डू दादा सभी को धन्यवाद देते हैं और सम्मेलन खत्म करते हैं।

कहानी से शिक्षा

  • संतुलन और नियंत्रण: मिठाइयाँ संतुलित मात्रा में खानी चाहिए, और जीभ पर नियंत्रण रखना जरूरी है।
  • स्वास्थ्य: शारीरिक श्रम और संतुलित खान-पान से स्वस्थ रहा जा सकता है।
  • मिठास फैलाना: मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से दूसरों के मन में खुशी लाई जा सकती है।
  • बुद्धिमानी: मिठाइयों की तरह हमें समझदारी से निर्णय लेने चाहिए, जैसे शक्कर कम करना।

शब्दार्थ

  • सम्मेलन: कई लोगों का एक जगह इकट्ठा होना और बात करना।
  • अध्यक्ष: मीटिंग या सम्मेलन का संचालक।
  • मिठास: मीठा स्वाद या मीठी बात।
  • शक्कर: चीनी, जो मिठाइयों को मीठा बनाती है।
  • अति: बहुत ज्यादा।
  • क्षति: नुकसान।
  • जीभ: मुँह का वह हिस्सा, जिससे हम स्वाद चखते हैं।
  • शारीरिक श्रम: शरीर से किया गया काम, जैसे खेलना या व्यायाम करना।
  • चटोरी: जो ज्यादा खाने की इच्छा रखता हो।
  • उपेक्षा: ध्यान न देना या कम पसंद करना।
The document मिठाइयों का सम्मेलन Class 4 Notes Hindi Chapter 9 Free PDF is a part of the Class 4 Course Hindi for Class 4 (वीणा: New NCERT).
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FAQs on मिठाइयों का सम्मेलन Class 4 Notes Hindi Chapter 9 Free PDF

1. मिठाइयों का सम्मेलन क्या है?
Ans. मिठाइयों का सम्मेलन एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ एकत्रित की जाती हैं। इसमें मिठाईयों की विशेषताएँ, उनके स्वाद और बनाने की विधियाँ साझा की जाती हैं। यह बच्चों को मिठाइयों के बारे में जानने और उन्हें बनाने के लिए प्रेरित करने का एक तरीका है।
2. इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
Ans. इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मिठाइयाँ न केवल खाने की चीज़ हैं, बल्कि वे खुशी और सामंजस्य का प्रतीक भी हैं। यह हमें आपसी मेलजोल और दोस्ती को बढ़ावा देने के लिए भी प्रेरित करती है।
3. मिठाइयों का सम्मेलन में कौन-कौन सी मिठाइयाँ शामिल होती हैं?
Ans. मिठाइयों के सम्मेलन में आमतौर पर विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ जैसे लड्डू, बर्फी, गुलाब जामुन, रसगुल्ला आदि शामिल होती हैं। हर मिठाई की अपनी विशेषता और स्वाद होता है, जो उन्हें खास बनाता है।
4. इस कविता का मुख्य भाव क्या है?
Ans. इस कविता का मुख्य भाव मित्रता और साझा करने की भावना है। यह दर्शाती है कि मिठाइयाँ हमें एक साथ लाने का काम करती हैं और हम सबको एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशी मनाने का अवसर देती हैं।
5. बच्चों के लिए मिठाइयाँ बनाने की प्रक्रिया क्यों महत्वपूर्ण है?
Ans. बच्चों के लिए मिठाइयाँ बनाने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें रचनात्मकता, धैर्य और टीमवर्क सिखाती है। इसके अलावा, इसे बनाते समय बच्चे विभिन्न सामग्री के बारे में भी सीखते हैं और अपने खाने के प्रति जागरूक होते हैं।
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