Table of contents |
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कवि परिचय |
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मुख्य विषय |
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कविता का सार |
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कविता की व्याख्या |
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कविता से शिक्षा |
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शब्दार्थ |
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दुष्यंत कुमार हिंदी के प्रसिद्ध कवि और लेखक थे। उनका जन्म 1933 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुआ था। उन्होंने कम समय में ही अपनी रचनाओं से हिंदी साहित्य को बहुत कुछ दिया। उनकी भाषा जीवंत और सरल थी, जिसे लोग बहुत पसंद करते थे। उनका सबसे लोकप्रिय गज़ल संग्रह "साये में धूप" है। उनकी सभी रचनाएँ "दुष्यंत कुमार रचनावली" के चार खंडों में प्रकाशित हैं। उनका निधन 1975 में हुआ।दुष्यंत कुमार
इस कविता में कवि एक बच्चे को आशीर्वाद देते हैं कि उसके सपने बड़े हों। वह अच्छी बातें सीखे, कभी-कभी रूठे, कुछ पाने की कोशिश करे और अपने पैरों पर खड़ा हो। कविता में यह संदेश है कि हर बच्चे को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए।
इस कविता में कवि किसी छोटे बच्चे को आशीर्वाद दे रहा है। वह चाहता है कि बच्चे के सपने बड़े हों और वह हमेशा खुश रहे। कवि कहता है कि बच्चे के सपने कल्पना की दुनिया से निकलकर सच बनें और वह ज़मीन पर अपने पैरों पर चलना सीखे।
वह कहता है कि बच्चा कभी-कभी सपनों को पाने के लिए रूठे या ज़िद भी करे, और कठिनाइयों का सामना करना सीखे। जैसे दीये की रोशनी देखकर वह आकर्षित हो, वैसे ही वह सीखते-सीखते छोटी गलतियाँ करे और अपने अनुभव से मजबूत बने। कवि का यह आशीर्वाद है कि बच्चा बड़ा होकर अपने पैरों पर खड़ा हो और अपने सपनों को पूरा करे।
जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों
भावना की गोद से उतरकर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें
चाँद-तारों-सी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए
रूठना-मचलना सीखें
हँसें
मुसकराएँ
गाएँ
हर दीये की रोशनी देखकर ललचाएँ
उँगली जलाएँ
अपने पाँवों पर खड़े हों।
जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों।
व्याख्या: इन पंक्तियों में कवि किसी बच्चे या नवयुवक को आशीर्वाद दे रहा है कि उसके सपने बहुत बड़े हों। वह चाहता है कि ये सपने केवल सोच तक ही सीमित न रहें, बल्कि भावना की दुनिया से बाहर निकलकर सच्ची ज़िंदगी में उतरें। जैसे छोटा बच्चा धीरे-धीरे चलना सीखता है, वैसे ही यह व्यक्ति भी अपने सपनों को हकीकत में बदलना सीखे। कवि यह भी चाहता है कि जब कोई सपना पूरा न हो तो वह रूठे, मचले और कोशिश करता रहे। उसे हर दीये की रोशनी (उम्मीद) अच्छी लगे, भले ही उंगली जल जाए, यानी कठिनाइयाँ आएँ, फिर भी वह अपनी कोशिश न छोड़े और खुद पर भरोसा रखे। आखिर में कवि फिर से आशीर्वाद देता है कि उसके सपने बड़े हों और वे पूरे हों।
इस कविता से हमें सीख मिलती है कि हमें अपने सपने बड़े रखने चाहिए और उन्हें पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। मुश्किलें आएँ तो डरना नहीं चाहिए, बल्कि उनसे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए। यह कविता हिम्मत, मेहनत और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देती है।
1. 'एक आशीर्वाद' कविता किस कवि द्वारा लिखी गई है और उनका परिचय क्या है? | ![]() |
2. 'एक आशीर्वाद' कविता का मुख्य विषय क्या है? | ![]() |
3. 'एक आशीर्वाद' कविता का सार क्या है? | ![]() |
4. 'एक आशीर्वाद' कविता की व्याख्या कैसे की जा सकती है? | ![]() |
5. 'एक आशीर्वाद' कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है? | ![]() |