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Short & Long Question Answers: स्वदेश | Hindi Class 8 PDF Download

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1: कवि ने अपने देश को क्यों महत्वपूर्ण माना है?
उत्तर: कवि ने अपने देश को महत्वपूर्ण माना है क्योंकि उन्होंने बताया कि यह देश हमें जन्म, संस्कार और जीवन की समृद्धि देता है। देश के लिए प्रेम और समर्पण की भावना जीवन का उद्देश्य होनी चाहिए।

Short & Long Question Answers: स्वदेश | Hindi Class 8
प्रश्न 2: कवि ने "पत्थर" शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया है?
उत्तर: कवि ने "पत्थर" शब्द का प्रयोग उस व्यक्ति के लिए किया है जिसमें देशप्रेम और भावना नहीं है। उस व्यक्ति का दिल कठोर और निर्जीव होता है, जैसे पत्थर।

प्रश्न 3: कवि का "साहस और आत्मविश्वास" पर क्या विचार है?
उत्तर: कवि का मानना है कि साहस और आत्मविश्वास के बिना कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। जो व्यक्ति डर से साहस छोड़ देता है, वह कभी सफलता नहीं पा सकता।

प्रश्न 4: कवि ने "सच्चे नागरिक" का क्या चित्रण किया है?
उत्तर: कवि ने सच्चे नागरिक के रूप में उस व्यक्ति को चित्रित किया है, जो निडर होकर देश की सेवा करता है और अपनी जिम्मेदारी निभाने का साहस रखता है।

प्रश्न 5: कविता में "स्वदेश का प्यार" का क्या महत्व है?
उत्तर: कविता में स्वदेश का प्यार जीवन का आधार माना गया है। यह देशप्रेम ही व्यक्ति को प्रेरित करता है कि वह अपने देश के लिए कार्य करे और उसे समर्पण से प्यार करे।

Short & Long Question Answers: स्वदेश | Hindi Class 8
प्रश्न 6: "मिट्टी" शब्द का क्या संदर्भ है?
उत्तर: "मिट्टी" शब्द का संदर्भ उस देश से है, जिसमें हम जन्मे हैं। यह हमें भोजन, पानी और संस्कृति प्रदान करता है, और हम इसके ऋणी होते हैं।

प्रश्न 7: कवि के अनुसार, समाज का भला क्यों आवश्यक है?
उत्तर: कवि के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति ने समाज का भला नहीं किया तो उसका अपना भला भी नहीं हो सकता। समाज और देश की सेवा करना एक सच्चे नागरिक का कर्तव्य है।

प्रश्न 8: कवि ने "समाज और देश की सेवा" क्यों महत्वपूर्ण बताई है?
उत्तर: कवि का मानना है कि समाज और देश की सेवा से ही जीवन का उद्देश्य पूरा होता है। यह कर्तव्य व्यक्ति को नैतिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1: "जगमग छटा निराली, पग-पग पर छहर रही है" पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का आशय भारत की अद्वितीय और विविध प्राकृतिक सुंदरता से है। कवि ने भारत के हर कोने में बिखरी प्राकृतिक और सांस्कृतिक सुंदरता का वर्णन किया है। भारत की नदियाँ, पहाड़, झरने और हरियाली पूरी दुनिया में अपनी अनूठी पहचान रखते हैं। इस पंक्ति से यह संदेश मिलता है कि हर कदम पर भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक समृद्धि का एहसास होता है। यह सुंदरता केवल भारत की धरती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति को अपना हिस्सा बनने का आमंत्रण देती है।

प्रश्न 2: भारत को पुण्यभूमि और स्वर्णभूमि क्यों कहा गया है?
उत्तर: भारत को पुण्यभूमि कहा गया है क्योंकि यहाँ सैकड़ों महान संतों, ऋषियों और महापुरुषों ने जन्म लिया है जिन्होंने मानवता, सत्य और अहिंसा का प्रचार किया। यहाँ की नदियाँ जैसे गंगा और यमुना भी पवित्र मानी जाती हैं। स्वर्णभूमि का नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यहाँ की भूमि बेहद उपजाऊ है, जो समृद्धि और समृद्ध फसलों का प्रतीक है। भारत ने दुनिया को महान संत, विचारक और दार्शनिक दिए हैं। यह देश सोने की तरह मूल्यवान है क्योंकि यहाँ की संस्कृति, सभ्यता और दर्शन पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त हैं।

प्रश्न 3: कवि ने "भारत की भूमि को युद्धभूमि और बुद्धभूमि क्यों कहा है"?
उत्तर: कवि ने भारत की भूमि को युद्धभूमि और बुद्धभूमि इसलिए कहा है क्योंकि यह भूमि न केवल ऐतिहासिक युद्धों का साक्षी रही है, बल्कि यहाँ महात्मा बुद्ध जैसे महान संत का जन्म हुआ था, जिन्होंने मानवता के लिए शांति का संदेश दिया। युद्धभूमि से तात्पर्य है कि भारत ने अनेक आक्रमणों और संघर्षों का सामना किया, लेकिन उसने अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचाए रखा। बुद्धभूमि के रूप में भारत वह भूमि है जहाँ बुद्ध ने शांति, करुणा और अहिंसा का उपदेश दिया, जो आज भी दुनिया भर में आदर्श के रूप में लिया जाता है।

प्रश्न 4: कवि ने "भारत की भूमि को धर्मभूमि और कर्मभूमि" क्यों कहा है?
उत्तर: कवि ने भारत की भूमि को धर्मभूमि और कर्मभूमि कहा है क्योंकि यहाँ प्राचीन काल से ही धर्म, संस्कृति और नैतिकता का विकास हुआ है। यह भूमि महात्मा गांधी, राम, कृष्ण, और बुद्ध जैसे महान व्यक्तियों की भूमि रही है, जिन्होंने सत्य, अहिंसा, और प्रेम का संदेश दिया। इसके अलावा, भारत की भूमि कर्मभूमि है क्योंकि यहाँ के लोग सदियों से अपने कर्मों के द्वारा समाज और राष्ट्र के लिए योगदान दे रहे हैं। भारत ने अपने कर्म से ही दुनिया को अनेक महान विचारक और संत दिए हैं।

Short & Long Question Answers: स्वदेश | Hindi Class 8
प्रश्न 5: कविता में "वह हृदय नहीं है पत्थर" पंक्ति का संदेश क्या है?
उत्तर: इस पंक्ति का संदेश यह है कि यदि किसी व्यक्ति के दिल में अपने देश के लिए प्यार और सम्मान नहीं है, तो उसका हृदय पत्थर की तरह कठोर है। ऐसे व्यक्ति का जीवन व्यर्थ है क्योंकि वह न तो समाज के लिए कुछ करता है और न ही अपने देश के लिए। कविता हमें यह सिखाती है कि देशप्रेम और समाजसेवा सबसे बड़ा उद्देश्य है, क्योंकि यही किसी व्यक्ति को सच्चा नागरिक बनाता है।

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FAQs on Short & Long Question Answers: स्वदेश - Hindi Class 8

1. स्वदेश का क्या अर्थ है और यह किस प्रकार की भावना को दर्शाता है?
Ans. स्वदेश का अर्थ है 'अपने देश' या 'अपनी मातृभूमि'। यह एक ऐसी भावना को दर्शाता है जिसमें व्यक्ति अपने देश के प्रति प्रेम, निष्ठा और जिम्मेदारी का अनुभव करता है। स्वदेश की भावना नागरिकों को अपने देश की संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को सहेजने के लिए प्रेरित करती है।
2. स्वदेश पर आधारित महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ कौन सी हैं?
Ans. स्वदेश पर आधारित कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ हैं, जैसे स्वतंत्रता संग्राम, जहां लोगों ने अपने देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया। इसके अलावा, स्वदेशी आंदोलन भी एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसमें भारतीयों ने विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार कर स्वदेशी सामान के प्रयोग को बढ़ावा दिया।
3. स्वदेश की भावना को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
Ans. स्वदेश की भावना को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे शिक्षा में राष्ट्रीयता के महत्व को जोड़ना, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण करना, और स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता फैलाना। इसके अलावा, युवा पीढ़ी को अपने देश के इतिहास और संस्कृति से परिचित कराना भी आवश्यक है।
4. स्वदेश के संदर्भ में महात्मा गांधी की भूमिका क्या थी?
Ans. महात्मा गांधी ने स्वदेश की भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने भारतीयों को विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करने और स्वदेशी वस्त्रों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना था कि केवल स्वदेशी उत्पादों के माध्यम से ही भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
5. स्वदेश का महत्व आज के संदर्भ में क्या है?
Ans. आज के संदर्भ में स्वदेश का महत्व और भी बढ़ गया है। वैश्वीकरण के इस युग में, अपने देश की पहचान और संस्कृति को बनाए रखना आवश्यक है। स्वदेश की भावना लोगों को एकजुट करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और राष्ट्रीयता का सम्मान करने में मदद करती है। यह व्यक्तियों को अपने देश के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करती है।
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