समय: 1 घंटा
पूर्णांक: 30
निर्देश: सभी प्रश्नों का प्रयास करें।
- प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
- प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
- प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
- प्रश्न संख्या 12 और 13 प्रत्येक 5 अंक का प्रश्न है।
प्रश्न 1: विश्वनाथ और रेवती किस समस्या से सबसे ज्यादा परेशान हैं? (1 अंक)
(i) बच्चों की पढ़ाई
(ii) गर्मी और छोटा मकान
(iii) नौकरी की तलाश
(iv) पड़ोसियों की मदद
उत्तर: (ii)
गर्मी और छोटा मकान विश्वनाथ और रेवती की मुख्य परेशानी है, क्योंकि मकान में हवा नहीं है और गर्मी से वे बहुत त्रस्त हैं।
प्रश्न 2: नन्हेमल और बाबूलाल कहाँ से आए हैं? (1 अंक)
(i) मुरादाबाद
(ii) शिमला
(iii) बिजनौर
(iv) दिल्ली
उत्तर: (iii)
नन्हेमल और बाबूलाल कहते हैं कि वे बिजनौर से आए हैं।
प्रश्न 3: रेवती का भाई किस तरह से घर पहुँचता है? (1 अंक)
(i) ट्रेन से
(ii) बस से
(iii) पैदल
(iv) टेलीग्राम भेजकर
उत्तर: (iv)
रेवती का भाई टेलीग्राम भेजकर घर पहुँचता है, हालाँकि विश्वनाथ को तार नहीं मिलता।
प्रश्न 4: पड़ोसी की शिकायत का कारण क्या है? (1 अंक)
(i) मेहमानों का शोर
(ii) छत पर गंदा पानी फैलना
(iii) खाना माँगना
(iv) बच्चों का खेलना
उत्तर: (ii)
पड़ोसी शिकायत करता है कि मेहमानों ने उसकी छत पर गंदा पानी फैलाया।
प्रश्न 5: कहानी का अंत किसके आगमन से होता है? (1 अंक)
(i) नन्हेमल
(ii) बाबूलाल
(iii) रेवती का भाई
(iv) कविराज रामलाल
उत्तर: (iii)
कहानी का अंत रेवती के भाई के आगमन से होता है, जो असली मेहमान है।
प्रश्न 6: विश्वनाथ और रेवती मेहमानों की खातिरदारी क्यों करते हैं, भले ही वे परेशान हों? (2 अंक)
उत्तर: विश्वनाथ और रेवती भारतीय मेहमाननवाजी की परंपरा के कारण मेहमानों की खातिरदारी करते हैं। भारतीय संस्कृति में मेहमान को भगवान माना जाता है, इसलिए वे नन्हेमल और बाबूलाल को भूखा नहीं रख सकते और उनकी सेवा में जुट जाते हैं, भले ही वे स्वयं गर्मी और छोटे मकान की परेशानियों से जूझ रहे हों।
प्रश्न 7: नन्हेमल और बाबूलाल की अस्पष्ट बातों से विश्वनाथ और रेवती को क्या शक होता है? (2 अंक)
उत्तर: नन्हेमल और बाबूलाल अपनी पहचान और आने के उद्देश्य के बारे में ठीक-ठीक नहीं बताते। वे कहते हैं कि वे बिजनौर से आए हैं और संपतराम या सेठ जगदीशप्रसाद के रिश्तेदार हैं, लेकिन विश्वनाथ को ये लोग याद नहीं। उनकी अस्पष्ट बातें और कोई चिट्ठी न लाना विश्वनाथ और रेवती को शक पैदा करता है कि कहीं ये मेहमान गलत मकान में तो नहीं आए।
प्रश्न 8: कहानी में पड़ोसी का स्वार्थी व्यवहार कैसे दर्शाया गया है? (2 अंक)
उत्तर: पड़ोसी का स्वार्थी व्यवहार इस बात से दर्शाया गया है कि वह विश्वनाथ के बच्चों को अपनी छत पर सोने की जगह नहीं देता। इसके अलावा, जब मेहमानों द्वारा छत पर गंदा पानी फैलता है, तो वह तुरंत शिकायत करने आता है और विश्वनाथ को बार-बार मेहमानों के आने पर ताने मारता है। यह दिखाता है कि वह दूसरों की परेशानियों के प्रति असंवेदनशील है।
प्रश्न 9: कहानी में मध्यवर्गीय जीवन की कठिनाइयों को कैसे दर्शाया गया है? (3 अंक)
उत्तर: कहानी में मध्यवर्गीय जीवन की कठिनाइयों को कई तरह से दर्शाया गया है। विश्वनाथ और रेवती छोटे मकान में रहते हैं, जहाँ गर्मी और हवा की कमी के कारण परेशानी होती है। पानी गर्म होने से प्यास नहीं बुझती, और ठंडा पानी लाने के लिए नौकर भी नहीं टिकता। परिवार की आर्थिक स्थिति तंग है, क्योंकि विश्वनाथ दो साल से बेहतर मकान ढूँढ़ रहा है, लेकिन उसे कोई अच्छा मकान नहीं मिलता। बच्चों की बीमारी, जैसे टाइफाइड, और छुट्टी न मिलने की समस्या भी उनकी आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों को दर्शाती है। फिर भी, वे मेहमानों की खातिरदारी में कोई कमी नहीं रखते।
प्रश्न 10: नन्हेमल और बाबूलाल के गलत मकान में आने से कहानी में हास्य कैसे उत्पन्न होता है? (3 अंक)
उत्तर: नन्हेमल और बाबूलाल के गलत मकान में आने से कहानी में हास्य उत्पन्न होता है, क्योंकि वे अपनी पहचान और उद्देश्य के बारे में अस्पष्ट और भ्रामक बातें करते हैं। वे कहते हैं कि वे बिजनौर से आए हैं और संपतराम या सेठ जगदीशप्रसाद के रिश्तेदार हैं, लेकिन विश्वनाथ को ये लोग या नाम याद नहीं। उनकी बार-बार बदलती कहानियाँ, जैसे कृष्णा गली का गलत पता और चिट्ठी न लाना, हास्य पैदा करता है। अंत में, जब पता चलता है कि वे कविराज रामलाल के यहाँ जाना चाहते थे, तो यह गलतफहमी हास्यपूर्ण स्थिति बनाती है, क्योंकि विश्वनाथ और रेवती बेकार में उनकी खातिरदारी में जुटे थे।
प्रश्न 11: रेवती का भाई के प्रति रेवती का व्यवहार मेहमाननवाजी की परंपरा को कैसे दर्शाता है? (3 अंक)
उत्तर: रेवती का भाई के प्रति व्यवहार भारतीय मेहमाननवाजी की परंपरा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। भले ही रेवती गर्मी और सिरदर्द से परेशान हो, जब उसका भाई अचानक आता है, तो वह उसे भूखा नहीं सोने देना चाहती। वह जिद करती है कि वह खाना बनाएगी और उसे ठंडा पानी व नहाने का इंतजाम देती है। यह दिखाता है कि वह अपने पारिवारिक कर्तव्यों और मेहमाननवाजी की परंपरा को प्राथमिकता देती है, भले ही वह स्वयं थकी हुई हो। यह व्यवहार भारतीय संस्कृति में मेहमान को भगवान मानने की भावना को रेखांकित करता है।
प्रश्न 12: कहानी "नए मेहमान" से हमें क्या सीख मिलती है? विस्तार से समझाइए। (5 अंक)
उत्तर: कहानी "नए मेहमान" से हमें कई महत्वपूर्ण सीख मिलती हैं। पहली सीख यह है कि जीवन में अनजान परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जैसे नन्हेमल और बाबूलाल का गलत मकान में आना, और हमें धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए। दूसरी सीख मेहमाननवाजी की परंपरा से है, जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। विश्वनाथ और रेवती, भले ही परेशान हों, मेहमानों की सेवा करते हैं, जो दर्शाता है कि मेहमानों का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। तीसरी सीख यह है कि मध्यवर्गीय जीवन की कठिनाइयों, जैसे छोटा मकान, गर्मी, और आर्थिक तंगी, के बावजूद परिवार आपसी सहयोग और विनम्रता बनाए रखता है। अंत में, कहानी यह सिखाती है कि मुश्किल समय में हँसी-मज़ाक और धैर्य से परिस्थितियों को संभालना सच्ची समझदारी है। यह कहानी हमें सहानुभूति, धैर्य और पारिवारिक जिम्मेदारियों का महत्व समझाती है।
प्रश्न 13: कहानी में विश्वनाथ और रेवती के पारिवारिक जीवन और उनकी जिम्मेदारियों का वर्णन करें। (5 अंक)
उत्तर: विश्वनाथ और रेवती का पारिवारिक जीवन मध्यवर्गीय परिवार की कठिनाइयों और जिम्मेदारियों को दर्शाता है। विश्वनाथ, घर का मुखिया, 45 साल का गंभीर स्वभाव का व्यक्ति है, जो परिवार की चिंता करता है। वह गर्मी से परेशान है और दो साल से बेहतर मकान ढूँढ़ रहा है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण सफल नहीं हो पाता। वह बच्चों की बीमारी, जैसे टाइफाइड, और छुट्टी न मिलने की समस्या से भी जूझता है। रेवती, उसकी पत्नी, घर और बच्चों की देखभाल करती है, लेकिन गर्मी और सिरदर्द से थकी हुई है। वह मेहमानों की माँगों से परेशान होती है, फिर भी खाना बनाने और उनकी सेवा करने की जिम्मेदारी निभाती है। दोनों मिलकर बच्चों, प्रमोद और किरण, की देखभाल करते हैं, जो छोटे-मोटे कामों में मदद करते हैं। जब रेवती का भाई आता है, तो वे उसे भी पूरी मेहमाननवाजी के साथ ठहराते हैं। यह दर्शाता है कि वे अपनी सीमित संसाधनों और परेशानियों के बावजूद पारिवारिक जिम्मेदारियों और मेहमाननवाजी को प्राथमिकता देते हैं, जो मध्यवर्गीय जीवन की मेहनत और समर्पण को उजागर करता है।