Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  Chapter Notes For Class 8  >  Chapter Notes: पश्यत कोणमैशान्यं भारतस्य मनोहरम्

पश्यत कोणमैशान्यं भारतस्य मनोहरम् Chapter Notes | Chapter Notes For Class 8 PDF Download

परिचय

यह अध्याय भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक महत्व का परिचय कराता है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम – इन आठ राज्यों को मिलाकर "अष्टभगिनी राज्य" कहा जाता है। इन राज्यों की अपनी विशिष्ट पहचान है। यहाँ की नदियाँ, पर्वत, जनजातियाँ, वंशवृक्ष (बाँस), त्यौहार और जीवनशैली पूरे भारत को समृद्ध बनाते हैं। यह पाठ विद्यार्थियों को भारत के कोने-कोने के सौंदर्य और एकता में विविधता की झलक दिखाता है।

पाठ्यांश और भावार्थ

१. प्रारम्भिक परिचय

अरुणाचलप्रदशेः, असमः, मणिपुरं, मेघालयः, मिजोरमः, नागालैण्डं, त्रिपुरा एवञ्च सिक्किमः इत्येतानि अष्टराज्यानि देशस्य पूर्वोत्तरभागे स्थितानि। 
एतानि राज्यानि भारतस्य केवलं स्थानविशेषत्वेन न, अपितु सांस्कृतिक-ऐतिहासिक-विविधतायाः कारणेन विशेषमहत्त्वं वहन्ति।

अर्थ: अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम – ये आठ राज्य भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित हैं। ये केवल स्थान की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विविधता के कारण भी विशेष महत्त्व रखते हैं।

२. सप्तभगिनी एवं एक भ्रातासंस्कृत श्लोक

अद्वं मतं चैव नगपत्मुकं तथाद्वं।
सप्तराज्यसमूहोऽयं भगिनीसप्तकं मतम्॥
तेनुक्तो लघवः भ्रातया सशक्तमाः इति प्रसिद्धाः।
पश्यत कोणमैशान्यं भारतस्य मनोहरम्॥

अर्थ: असम, अरुणाचल, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड और त्रिपुरा – इन सात राज्यों को "सप्तभगिनी" कहा जाता है और सिक्किम को ‘एक भ्राता’ कहा जाता है। इसलिए ये "सप्तभगिनी एक भ्राता" नाम से प्रसिद्ध हैं।

३. ऐतिहासिक स्थिति

भारत सह इमाः सप्तभगिन्यः प्राचीनइतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः। 
न केनचित् शासकेन इमाः सर्वायत्तीकृताः।

अर्थ: भारत के इतिहास में ये सात भगिनी राज्य प्रायः स्वतंत्र ही देखे गए। इन्हें किसी भी शासक ने अपने अधीन नहीं किया।

४. सांस्कृतिक विशेषताएँ

पर्वत-कृषि-पशुप-प्रकृतिभ्यः प्राकृतिकसम्पद्भ्यः समृद्धानि सन्ति। 
गारो-खासी-नागा-लेपचा-प्रभृतयः जनजातयः अत्र निवसन्ति। 
विविधभाषाभिः समन्विताः, व्यापारपरम्पराभिः समृद्धाः, कलासु निपुणाः च सन्ति।

अर्थ: यह क्षेत्र प्राकृतिक सम्पदाओं से समृद्ध है। यहाँ गारो, खासी, नागा, लेपचा आदि अनेक जनजातियाँ रहती हैं। ये लोग अनेक भाषाओं में बोलते हैं, व्यापार और त्योहारों की परम्पराओं से सम्पन्न हैं और विभिन्न कलाओं में निपुण हैं।

५. बाँस का महत्त्व

प्रदेशेषु हस्तशिल्पानां बाहुल्यं विद्यते। 
आवासाभरणेभ्यः गृहनिर्माणपर्यन्तं वंशवृक्षिणां (बाँस) उपयोगः क्रियते।

अर्थ: यहाँ हस्तशिल्प की बहुत अधिकता है। घर बनाने से लेकर आभूषणों तक में बाँस का उपयोग होता है। बाँस यहाँ के लोगों के जीवन का अभिन्न अंग है।

६. राज्यों का संक्षिप्त परिचय

  • अरुणाचल प्रदेश – यहाँ भारत का प्रथम सूर्योदय होता है, इसलिए नाम पड़ा "अरुणाचल"।
  • असम – प्राचीन नाम "कामरूप"। यहाँ तेल, प्राकृतिक गैस, और प्रसिद्ध माजुली नदीद्वीप है।
  • मेघालय – गारो, खासी और जयन्तिया पहाड़ियाँ प्रसिद्ध हैं। यहाँ कोयला, चूना-पत्थर आदि खनिज मिलते हैं।
  • मणिपुर – महाभारत और पुराणों में इसका उल्लेख है। यहाँ लोकटक झील पर तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है।
  • मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, सिक्किम – प्रत्येक राज्य की अपनी भाषा, संस्कृति और त्योहार हैं, जो इन्हें विशेष बनाते हैं।
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FAQs on पश्यत कोणमैशान्यं भारतस्य मनोहरम् Chapter Notes - Chapter Notes For Class 8

1. "पश्यत कोणमैशान्यं भारतस्य मनोहरम्" पाठ्यांश का मुख्य विषय क्या है?
Ans. "पश्यत कोणमैशान्यं भारतस्य मनोहरम्" पाठ्यांश भारत की विविधता और उसकी प्राकृतिक सुंदरता के बारे में है। यह पाठ्यांश भारत की सांस्कृतिक विरासत, भौगोलिक विशेषताओं और विभिन्न परंपराओं को दर्शाता है, जो इसे एक अद्वितीय और मनोहारी देश बनाते हैं।
2. इस पाठ्यांश में भारत की कौन-कौन सी विशेषताएँ वर्णित की गई हैं?
Ans. इस पाठ्यांश में भारत की विशेषताओं में उसकी विविधता, जैसे कि विभिन्न भाषाएँ, धर्म, रंग-बिरंगे त्यौहार, और भौगोलिक विविधता शामिल हैं। इसके अलावा, यहाँ के ऐतिहासिक स्थल और सांस्कृतिक धरोहर भी महत्वपूर्ण बिंदु हैं।
3. "पश्यत कोणमैशान्यं भारतस्य मनोहरम्" पाठ्यांश से हमें क्या सीखने को मिलता है?
Ans. इस पाठ्यांश से हमें यह सीखने को मिलता है कि भारत की विविधता एक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है। यह हमें एकता में विभिन्नता का महत्व समझाता है और यह बताता है कि कैसे विभिन्न संस्कृतियाँ एक साथ मिलकर एक समृद्ध समाज का निर्माण कर सकती हैं।
4. पाठ्यांश में वर्णित भारत के किस क्षेत्र की विशेषता विशेष रूप से उल्लेखित की गई है?
Ans. पाठ्यांश में भारत के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि पहाड़ी क्षेत्र, समतल क्षेत्र, और समुद्री तटों की विशेषताएँ उल्लेखित की गई हैं। यह विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक और सांस्कृतिक विशेषताओं को उजागर करता है, जैसे हिमालय की ऊँचाई और दक्षिण भारत के समुद्री तट।
5. इस पाठ्यांश का भावार्थ क्या है?
Ans. इस पाठ्यांश का भावार्थ यह है कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ की विविधता उसे अद्वितीय बनाती है। यह पाठ्यांश भारतीय संस्कृति, परंपरा, और प्राकृतिक सौंदर्य की सराहना करता है और हमें देश के प्रति गर्वित होने की प्रेरणा देता है।
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