Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  Sanskrit (Deepakam) Class 8 - New NCERT  >  NCERT Solutions: सम्यग्वर्णप्रयोगेण ब्रह्मलोके महीयते

सम्यग्वर्णप्रयोगेण ब्रह्मलोके महीयते NCERT Solutions | Sanskrit (Deepakam) Class 8 - New NCERT - Class 8 PDF Download

पृष्ठम् 142: प्रश्नानि

1. पाठे विद्यमानानां श्लोकानाम् उच्चारणं स्मरणं लेखनं च कुरुत ।

उत्तरम्: स्वयं करोतु।

2. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् एकपदेन उत्तराणि लिखत-
(क) पाठकाः केषां सम्यक् प्रयोगं कुर्युः ? 
उत्तरम्: वर्णानाम्। 

(ख) किम् अवश्यमेव पठनीयम् ? 
उत्तरम्: व्याकरणम्। 

(ग) ब्रह्मलोके केन सम्मानं भवति ? 
उत्तरम्: सम्यग्वर्णप्रयोगेण। 

(घ) अधमाः पाठकाः कति भवन्ति ? 
उत्तरम्: षट्। 

(ङ) धैर्यं केषां गुणः ? 
उत्तरम्: पाठकानाम्। 

पृष्ठम् 143: प्रश्नानि

3. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् पूर्णवाक्येन उत्तराणि लिखत–
(क) व्याघ्री दंष्ट्राभ्यां कान् नयति ? 
उत्तरम्:  व्याघ्री दंष्ट्राभ्यां पुत्रान् नयति। 

(ख) वर्णाः कथं प्रयोक्तव्याः ? 
उत्तरम्: वर्णाः स्पष्टतया न च पीडयित्वा प्रयोक्तव्याः। 

(ग) पाठकानां षट्-गुणाः के भवन्ति ? 
उत्तरम्: पाठकानां षट् गुणाः – माधुर्यम्, अक्षरव्यक्तिः, पदच्छेदः, सुस्वरः, धैर्यम्, लयसमर्थता च भवन्ति। 

(घ) के अधमाः पाठकाः भवन्ति ? 
उत्तरम्: गीती, शीघ्री, शिरःकम्पी, लिखितपाठकः, अनर्थज्ञः, अल्पकण्ठश्च अधमाः पाठकाः भवन्ति। 

(ङ) ‘स्वजनः’ ‘श्वजनः’ च इत्यनयोः अर्थदृष्ट्या कः भेदः ? 
उत्तरम्: ‘स्वजनः’ इत्यस्य अर्थः बान्धवः, ‘श्वजनः’ इत्यस्य अर्थः शुनकः अस्ति। 

(च) ‘सकलं’ ‘शकलं’ च इत्यनयोः अर्थदृष्ट्या कः भेदः ? 
उत्तरम्: ‘सकलं’ इत्यस्य अर्थः सम्पूर्णम्, ‘शकलं’ इत्यस्य अर्थः खण्डः अस्ति।

4. अधोलिखितानि लक्षणानि पाठकस्य गुणाः वा दोषाः वा इति विभजत–
सम्यग्वर्णप्रयोगेण ब्रह्मलोके महीयते NCERT Solutions | Sanskrit  (Deepakam) Class  8  -  New  NCERT - Class 8सम्यग्वर्णप्रयोगेण ब्रह्मलोके महीयते NCERT Solutions | Sanskrit  (Deepakam) Class  8  -  New  NCERT - Class 8उत्तरम्: 

सम्यग्वर्णप्रयोगेण ब्रह्मलोके महीयते NCERT Solutions | Sanskrit  (Deepakam) Class  8  -  New  NCERT - Class 8

पृष्ठम् 144: प्रश्नानि

5. श्लोकानुसारं रिक्तस्थानानि उचितैः शब्दैः पूरयत
(क) भीता _________ तद्वद् वर्णान् प्रयोजयेत्।
(ख) _________ लयसमर्थं च षडेते पाठका गुणाः।
(ग) गीती शीघ्री _________ तथा लिखितपाठकः।
(घ) एवं वर्णाः प्रयोक्तव्या नाव्यक्ता न च _________।
(ङ) स्वजनः _________ माभूत् सकलं शकलं सकृत् शकृत्।

उत्तरम्: 
(क) भीता पतनभेदाभ्यां तद्वद् वर्णान् प्रयोजयेत्।
(ख) माधुर्यमक्षरव्यक्तिः पदच्छेदस्तु सुस्वरः धैर्यं लयसमर्थं च षडेते पाठका गुणाः।
(ग) गीती शीघ्री शिरःकम्पी तथा लिखितपाठकः।
(घ) एवं वर्णाः प्रयोक्तव्या नाव्यक्ता न च पीडिताः
(ङ) स्वजनः श्वजनो माभूत् सकलं शकलं सकृत् शकृत्।

6. अधोलिखितानि वाक्यानि सत्यम् वा असत्यम् वा इति लिखत
यथा– पदच्छेदः पाठकानां गुणः अस्ति। सत्यम् / असत्यम्

(क) गानसहितपठनं पाठकानां दोषः भवति।
उत्तरम्: सत्यम्

(ख) माधुर्यं नाम अक्षराणाम् उच्चारणे स्पष्टता अस्ति।
उत्तरम्: असत्यम्

(ग) शकृत् नाम एकवारम् इति अर्थः अस्ति।
उत्तरम्: असत्यम्

(घ) अव्यक्ताः वर्णाः प्रयोक्तव्याः भवन्ति।
उत्तरम्: असत्यम्

(ङ) व्याघ्री यथा पुत्रान् हरति तथा वर्णान् प्रयोजयेत्।
उत्तरम्: सत्यम् 

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FAQs on सम्यग्वर्णप्रयोगेण ब्रह्मलोके महीयते NCERT Solutions - Sanskrit (Deepakam) Class 8 - New NCERT - Class 8

1. सम्यग्वर्णप्रयोगेण ब्रह्मलोके महीयते का अर्थ क्या है?
Ans. "सम्यग्वर्णप्रयोगेण ब्रह्मलोके महीयते" का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति सही या उचित वर्ण का उपयोग करता है, तो वह ब्रह्मलोक में सम्मानित होता है। यह वाक्य हमें यह सिखाता है कि सही विचार और व्यवहार से हम उच्च स्थान प्राप्त कर सकते हैं।
2. सम्यग्वर्णप्रयोग कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करता है?
Ans. सम्यग्वर्णप्रयोग का अर्थ है सही शब्दों और विचारों का चयन करना, जो हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। यह हमारे संबंधों को सुधार सकता है, हमें समाज में सम्मानित बना सकता है और आत्म-सम्मान को बढ़ा सकता है।
3. क्या ब्रह्मलोक का उल्लेख केवल धार्मिक संदर्भ में किया गया है?
Ans. ब्रह्मलोक का उल्लेख प्रायः धार्मिक ग्रंथों में किया गया है, जहां इसे एक उच्च स्थान या स्वर्ग के रूप में वर्णित किया जाता है। हालांकि, यह शब्द बौद्धिक और नैतिक संदर्भों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो सही आचरण और विचारों के महत्व को दर्शाता है।
4. सम्यग्वर्णप्रयोग के उदाहरण क्या हैं?
Ans. सम्यग्वर्णप्रयोग के उदाहरणों में ईमानदारी से बोलना, दूसरों के प्रति सम्मान दिखाना, और सकारात्मक संवाद करना शामिल हैं। ये सभी बातें न केवल व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत बनाती हैं, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करती हैं।
5. कैसे हम अपने दैनिक जीवन में सम्यग्वर्णप्रयोग को लागू कर सकते हैं?
Ans. अपने दैनिक जीवन में सम्यग्वर्णप्रयोग को लागू करने के लिए, हमें सोच-समझकर बोलना चाहिए, दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए, और सकारात्मक विचारों को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह न केवल हमारे व्यक्तिगत विकास में मदद करेगा, बल्कि हमारे चारों ओर के वातावरण को भी सुखद बना देगा।
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