प्रश्न 1: कविता 'चाँद का कुरता' (झिंगोला) किसने लिखी है?
उत्तर: यह कविता प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखी है।
प्रश्न 2: चाँद ने माँ से क्या सिलवाने की ज़िद की?
उत्तर: चाँद ने माँ से ऊन का मोटा झिंगोला (कुरता) सिलवाने की ज़िद की।
प्रश्न 3: चाँद को झिंगोले की ज़रूरत क्यों थी?
उत्तर: क्योंकि रात को तेज हवा चलती है और ठंड से चाँद ठिठुर जाता है।
प्रश्न 4: अगर नया झिंगोला न मिले, तो चाँद ने क्या कहा?
उत्तर: उसने कहा कि कोई किराए का (भाड़े का) झिंगोला ही ला दो।
प्रश्न 5: माँ ने चाँद को किस नाम से पुकारा?
उत्तर: माँ ने उसे "सलोने" यानी प्यारे और सुंदर बेटे कहकर पुकारा।
प्रश्न 6: माँ चाँद की नाप लेने से क्यों डरती थी?
उत्तर: क्योंकि चाँद का आकार रोज़ बदलता रहता है।
प्रश्न 7: माँ ने चाँद के बदलते आकार का कौन-सा उदाहरण दिया?
उत्तर: कभी चाँद एक अंगुल-भर चौड़ा दिखता है और कभी एक फुट मोटा।
प्रश्न 8: किस दिन चाँद बिल्कुल दिखाई नहीं देता?
उत्तर: अमावस्या के दिन चाँद बिल्कुल दिखाई नहीं देता।
प्रश्न 9: माँ ने चाँद से कौन-सा कठिन सवाल पूछा?
उत्तर: माँ ने पूछा कि उसकी नाप किस दिन ली जाए, जब उसका आकार रोज़ बदलता रहता है।
प्रश्न 10: कविता का मुख्य भाव क्या है?
उत्तर: कविता मज़ेदार ढंग से बताती है कि चाँद का आकार बदलता रहता है, इसलिए उसके लिए एक ही नाप का कुरता बनाना असंभव है।
प्रश्न 1: चाँद ने अपनी माँ से झिंगोला क्यों माँगा?
उत्तर: चाँद को रात में ठंडी "सन-सन" हवा बहुत सताती थी। वह ठिठुर-ठिठुर कर अपना आसमान का सफर पूरा करता था। इसलिए उसने माँ से ऊन का मोटा झिंगोला सिलवाने की ज़िद की। उसका कहना था कि झिंगोले से उसे ठंड से बचाव होगा और वह आराम से यात्रा कर पाएगा।
प्रश्न 2: चाँद की ज़िद सुनकर माँ ने क्या कहा?
उत्तर: माँ ने प्यार से कहा, "भगवान तुम्हारी रक्षा करें, कहीं तुझ पर जादू-टोना न हो जाए।" माँ ने उसकी बात को मज़ाक और स्नेह से टालने की कोशिश की। उसने यह भी कहा कि असली समस्या यह है कि चाँद का आकार रोज़ बदलता रहता है, इसलिए नाप लेना मुश्किल है।
प्रश्न 3: माँ ने चाँद के बदलते आकार का वर्णन कैसे किया?
उत्तर: माँ ने कहा कि कभी चाँद बहुत छोटा होता है, तो कभी बड़ा। कभी एक अंगुल-भर चौड़ा, तो कभी एक फुट मोटा। कभी वह आधा दिखता है, तो कभी पूरा। और अमावस्या को तो बिल्कुल दिखाई भी नहीं देता।
प्रश्न 4: माँ ने झिंगोला सिलवाने में कौन-सी कठिनाई बताई?
उत्तर: माँ ने कहा कि झिंगोला सिलने के लिए नाप लेना ज़रूरी है। लेकिन चाँद का आकार रोज बदलता है। ऐसे में एक ही नाप का झिंगोला बनाना असंभव है। वह कुरता किसी दिन ढीला होगा, किसी दिन तंग, और किसी दिन तो बिल्कुल बेकार।
प्रश्न 5: इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हर काम सही समय और सही समझ के साथ होना चाहिए। यदि कोई चीज़ हमेशा बदलती रहती है, तो उसके लिए स्थायी हल निकालना मुश्किल होता है। यह कविता हँसी-मज़ाक के माध्यम से हमें स्थिरता, धैर्य और समझदारी का महत्व समझाती है।
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1. "चाँद का कुरता" कहानी का मुख्य विषय क्या है? | ![]() |
2. कहानी में चाँद का कुरता किस प्रकार का है? | ![]() |
3. "चाँद का कुरता" कहानी में चाँद के साथ अन्य पात्र कौन-कौन से हैं? | ![]() |
4. इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है? | ![]() |
5. "चाँद का कुरता" कहानी का संदेश क्या है? | ![]() |