Class 5 Exam  >  Class 5 Notes  >  Hindi Class 5  >  Unit Test (Solutions): न्याय

Unit Test (Solutions): न्याय | Hindi Class 5 PDF Download

समय: 1 घंटा
पूर्णांक: 30
निर्देश: सभी प्रश्नों का प्रयास करें।

  • प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
  • प्रश्न संख्या 12 और 13 प्रत्येक 5 अंकों का प्रश्न है।

प्रश्न 1: कहानी “न्याय” के लेखक कौन हैं? (1 अंक)
(i) मुंशी प्रेमचंद
(ii) विष्णु प्रभाकर
(iii) जयशंकर प्रसाद
(iv) सुभद्रा कुमारी चौहान
उत्तर:
(ii)
कहानी 'न्याय' के लेखक विष्णु प्रभाकर हैं।

प्रश्न 2: कहानी में घायल हंस को किसने तीर मारा था? (1 अंक)
(i) सिद्धार्थ
(ii) सखा
(iii) देवदत्त
(iv) शुद्धोदन
उत्तर:
(iii)
देवदत्त ने हंस को तीर मारा था।

प्रश्न 3: कहानी में सिद्धार्थ किस राज्य के राजकुमार थे? (1 अंक)
(i) मगध
(ii) कपिलवस्तु
(iii) कोशल
(iv) अवन्ति
उत्तर:
(ii)
सिद्धार्थ कपिलवस्तु के राजकुमार थे।

प्रश्न 4: हंस के स्वामित्व का निर्णय किसके द्वारा किया गया? (1 अंक)
(i) सिद्धार्थ
(ii) देवदत्त
(iii) शुद्धोदन
(iv) मंत्री
उत्तर:
(iv)
मंत्री ने हंस के स्वामित्व का निर्णय किया।

प्रश्न 5: कहानी में हंस अंत में किसके पास गया? (1 अंक)
(i) देवदत्त
(ii) सिद्धार्थ
(iii) सखा
(iv) महाराज शुद्धोदन
उत्तर:
(ii)
हंस अंत में सिद्धार्थ के पास गया।

प्रश्न 6: सिद्धार्थ ने घायल हंस के लिए क्या किया? (2 अंक)
उत्तर:
सिद्धार्थ ने घायल हंस को अपनी गोद में लिया, उसे सहलाया, उसके शरीर से तीर निकाला और अपने मित्र सखा को राजवैद्य से मरहम लाने के लिए भेजा। उन्होंने हंस की जान बचाने का प्रयास किया और उसे प्यार से सँभाला।

प्रश्न 7: देवदत्त और सिद्धार्थ के बीच विवाद का कारण क्या था? (2 अंक)
उत्तर:
देवदत्त और सिद्धार्थ के बीच विवाद का कारण घायल हंस का स्वामित्व था। देवदत्त ने दावा किया कि उसने हंस को तीर मारकर गिराया, इसलिए हंस उसका है। वहीं, सिद्धार्थ ने कहा कि उन्होंने हंस को बचाया, इसलिए हंस उनका है। यह बहस उनके बीच विवाद का कारण बनी।

प्रश्न 8: मंत्री ने हंस के स्वामित्व का निर्णय कैसे किया? (2 अंक)
उत्तर:
मंत्री ने सुझाव दिया कि हंस को बीच में रखा जाए और दोनों राजकुमार (सिद्धार्थ और देवदत्त) उसे बुलाएँ। जिसके पास हंस स्वयं जाएगा, वही उसका सच्चा स्वामी होगा। हंस डरकर देवदत्त से दूर भागा और सिद्धार्थ की गोद में चला गया, जिसके आधार पर निर्णय लिया गया।

प्रश्न 9: कहानी “न्याय” का मुख्य विषय क्या है? विस्तार से बताएँ। (3 अंक)
उत्तर:
कहानी “न्याय” का मुख्य विषय दया, करुणा और अहिंसा के आधार पर सच्चा न्याय है। कहानी में सिद्धार्थ घायल हंस को बचाते हैं और कहते हैं कि जिसने प्राणी की रक्षा की, वही उसका सच्चा स्वामी है, न कि जिसने उसे मारा। मंत्री का निर्णय भी यही दर्शाता है कि सच्चा न्याय वही है जो प्रेम और करुणा पर आधारित हो। यह कहानी सिखाती है कि सभी जीवों के प्रति दया और प्रेम रखना चाहिए और हिंसा के बजाय उनकी रक्षा करना सबसे बड़ा धर्म है।

प्रश्न 10: सिद्धार्थ के चरित्र की किन विशेषताओं को कहानी में दर्शाया गया है? (3 अंक)
उत्तर:
सिद्धार्थ के चरित्र में दया, करुणा, और सभी जीवों के प्रति प्रेम की विशेषताएँ दर्शाई गई हैं। वे प्रकृति और पक्षियों से प्रेम करते हैं और घायल हंस को देखकर तुरंत उसकी मदद करते हैं। वे हंस को बचाने के लिए तीर निकालते हैं और उसका इलाज करवाते हैं। इसके अलावा, वे देवदत्त के सामने दृढ़ता से अपने तर्क रखते हैं कि रक्षा करने वाला मारने वाले से बड़ा होता है, जो उनकी बुद्धिमत्ता और नैतिकता को दर्शाता है।

प्रश्न 11: कहानी में प्रकृति के प्रति सिद्धार्थ के दृष्टिकोण को कैसे दर्शाया गया है? (3 अंक)
उत्तर:
कहानी में सिद्धार्थ का प्रकृति के प्रति दृष्टिकोण अत्यंत संवेदनशील और प्रेमपूर्ण दर्शाया गया है। वे राज-उद्यान में प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं और गायों, पक्षियों, और सूरज के नियमित चक्र की तारीफ करते हैं। जब हंस घायल होकर उनकी गोद में गिरता है, तो वे उसे सहलाते हैं और उसकी जान बचाने का प्रयास करते हैं। वे कहते हैं कि सिर्फ सुंदर होना कोई गलती नहीं है और निर्दोष प्राणी को मारना गलत है। यह दर्शाता है कि सिद्धार्थ प्रकृति और इसके प्राणियों के प्रति गहरी करुणा और सम्मान रखते हैं।

प्रश्न 12: कहानी “न्याय” से हमें क्या शिक्षा मिलती है? विस्तार से समझाएँ। (5 अंक)
उत्तर:
कहानी “न्याय” हमें दया, करुणा, और अहिंसा की शिक्षा देती है। सिद्धार्थ के चरित्र के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि सभी जीवों के प्रति प्रेम और संवेदनशीलता रखनी चाहिए। जब सिद्धार्थ घायल हंस को बचाते हैं और कहते हैं कि रक्षा करने वाला मारने वाले से बड़ा होता है, तो यह दर्शाता है कि किसी की जान बचाना सबसे बड़ा धर्म है। दूसरी ओर, देवदत्त का हंस को मारने का प्रयास गलत ठहराया गया है। मंत्री का निर्णय कि हंस उसी का है जिसके पास वह स्वयं जाता है, यह दर्शाता है कि सच्चा न्याय करुणा और प्रेम पर आधारित होता है। कहानी यह भी सिखाती है कि हमें हिंसा से बचना चाहिए और सभी प्राणियों की रक्षा करनी चाहिए। यह हमें एक बेहतर इंसान बनने और समाज में दया और न्याय के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देती है।

प्रश्न 13: कहानी में सिद्धार्थ और देवदत्त के चरित्रों की तुलना करें और यह कैसे कहानी के संदेश को प्रभावित करता है। (5 अंक)
उत्तर:
सिद्धार्थ और देवदत्त के चरित्र कहानी “न्याय” में एक-दूसरे के पूर्ण विपरीत हैं, जो कहानी के संदेश को और प्रभावी बनाते हैं। सिद्धार्थ दयालु, करुणावान, और प्रकृति प्रेमी हैं। वे घायल हंस को बचाते हैं, उसका इलाज करते हैं, और यह तर्क देते हैं कि रक्षा करने वाला मारने वाले से बड़ा होता है। उनका व्यवहार अहिंसा और प्रेम के सिद्धांतों को दर्शाता है। इसके विपरीत, देवदत्त हिंसक और अहंकारी है। वह हंस को तीर मारकर गिराता है और गर्व से दावा करता है कि हंस उसका है, क्योंकि उसने उसे मारा। उसका व्यवहार स्वार्थ और हिंसा को दर्शाता है। 
इन दोनों चरित्रों की तुलना कहानी के मुख्य संदेश—दया और अहिंसा के महत्व—को और स्पष्ट करती है। जब हंस सिद्धार्थ की गोद में जाता है और देवदत्त से डरता है, तो यह दर्शाता है कि प्रेम और करुणा ही सच्चे न्याय का आधार हैं। सिद्धार्थ का चरित्र हमें प्रेरित करता है कि हमें सभी जीवों के प्रति दया रखनी चाहिए, जबकि देवदत्त का चरित्र यह चेतावनी देता है कि हिंसा और अहंकार गलत हैं। इस तुलना के माध्यम से कहानी यह संदेश देती है कि सच्चा न्याय और धर्म वही है जो करुणा और प्रेम पर आधारित हो।

The document Unit Test (Solutions): न्याय | Hindi Class 5 is a part of the Class 5 Course Hindi Class 5.
All you need of Class 5 at this link: Class 5
48 videos|213 docs|36 tests

FAQs on Unit Test (Solutions): न्याय - Hindi Class 5

1. न्याय क्या है और इसका महत्व क्या है ?
Ans. न्याय का अर्थ है सही और उचित व्यवहार करना, जहाँ सभी व्यक्तियों को समान अधिकार और अवसर मिलते हैं। यह समाज में शांति और सामंजस्य बनाए रखने के लिए आवश्यक है। न्याय का महत्व इस बात में है कि यह लोगों को उनके अधिकारों का संरक्षण करता है और समाज में असमानताओं को समाप्त करने में मदद करता है।
2. न्याय के विभिन्न प्रकार क्या हैं ?
Ans. न्याय के कई प्रकार होते हैं, जिनमें मुख्यतः विधिक न्याय, नैतिक न्याय, और सामाजिक न्याय शामिल हैं। विधिक न्याय का संबंध कानूनों और नियमों के पालन से है, नैतिक न्याय में सही और गलत का मूल्यांकन किया जाता है, जबकि सामाजिक न्याय समानता और अवसरों के वितरण से संबंधित है।
3. न्याय का सिद्धांत कैसे विकसित हुआ ?
Ans. न्याय का सिद्धांत प्राचीन काल से विकसित हुआ है, जहाँ विभिन्न सभ्यताओं ने न्याय के अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। जैसे कि प्राचीन ग्रीस में प्लेटो और अरस्तू ने न्याय पर विचार किया, जबकि रोमन कानून ने न्याय के सिद्धांतों को और विस्तारित किया। समय के साथ, विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोणों ने न्याय के सिद्धांतों को आकार दिया।
4. न्याय से संबंधित प्रमुख कानून कौन से हैं ?
Ans. न्याय से संबंधित कई प्रमुख कानून हैं, जैसे कि भारतीय संविधान, जो नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं की सुरक्षा करता है। इसके अलावा, समानता की अधिकारिता, श्रम कानून, और बाल संरक्षण कानून भी न्याय के सिद्धांतों को लागू करते हैं।
5. न्याय का सामाजिक प्रभाव क्या होता है ?
Ans. न्याय का सामाजिक प्रभाव बहुत बड़ा होता है। जब समाज में न्याय होता है, तो लोगों का विश्वास और सहयोग बढ़ता है। यह सामाजिक असमानताओं को कम करने, अपराधों को रोकने, और समरसता को बढ़ावा देने में मदद करता है। न्याय की अनुपस्थिति में सामाजिक कलह और अशांति पैदा हो सकती है।
Related Searches

Exam

,

Viva Questions

,

Unit Test (Solutions): न्याय | Hindi Class 5

,

Free

,

Semester Notes

,

pdf

,

video lectures

,

Objective type Questions

,

Unit Test (Solutions): न्याय | Hindi Class 5

,

mock tests for examination

,

study material

,

Extra Questions

,

Summary

,

past year papers

,

practice quizzes

,

shortcuts and tricks

,

ppt

,

Important questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

MCQs

,

Sample Paper

,

Unit Test (Solutions): न्याय | Hindi Class 5

;