संक्षिप्त उत्तर प्रश्न:
प्रश्न 1: जीवों की आवश्यक विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: जीवों की आवश्यक विशेषताएँ हैं: गतिशीलता, विकास, श्वसन, पोषण, अपशिष्ट निष्कासन, उत्तेजनाओं का उत्तर, प्रजनन, और मृत्यु।
प्रश्न 2: पौधा अपने जीवन चक्र के दौरान कैसे बढ़ता है?
उत्तर: पौधा बीज से बढ़ता है, अंकुरण का अनुभव करता है, और जड़ें एवं तनों का विकास करता है। फिर यह पत्ते, फूल, और फलों का विकास करता है, जिससे इसका जीवन चक्र पूरा होता है।
प्रश्न 3: मेंढ़क का जीवन चक्र क्या है?
उत्तर: मेंढ़क का जीवन चक्र निम्नलिखित चरणों में होता है: अंडा, भ्रूण, तड़पोल, मेंढ़कलेट, और वयस्क मेंढ़क। मेंढ़कलेट अंततः वयस्क मेंढ़क में विकसित होता है।
प्रश्न 4: जीवों में विकास का महत्व क्या है?
उत्तर: जीवों में विकास उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण है, और यह सुनिश्चित करता है कि वे प्रजनन और अस्तित्व के लिए परिपक्व अवस्था तक पहुँचें।
प्रश्न 5: पौधे सूर्य प्रकाश के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करते हैं?
उत्तर: पौधे सूर्य प्रकाश की ओर बढ़ते हैं, जिसे फोटोत्रोपिज्म कहा जाता है, जहाँ उनके तने प्रकाश की ओर झुकते हैं ताकि बेहतर फोटोसिंथेसिस हो सके।
प्रश्न 6: बीज अंकुरण कैसे होता है?
उत्तर: बीज अंकुरण तब होता है जब एक बीज पानी अवशोषित करता है, बीज की बाहरी परत नरम होती है, और अंदर का भ्रूण एक युवा पौधे के रूप में जड़ों और तनों में विकसित होता है।
प्रश्न 7: बीज अंकुरण के लिए पानी क्यों आवश्यक है?
उत्तर: पानी बीज की बाहरी परत को नरम करता है और अंदर के भ्रूण को आवश्यक चयापचय प्रक्रियाओं को सक्रिय करके बढ़ने में मदद करता है।
प्रश्न 8: पौधों में जड़ें और तने कैसे बढ़ते हैं?
उत्तर: जड़ें नीचे की ओर बढ़ती हैं ताकि पौधे को स्थिरता मिल सके और पानी अवशोषित किया जा सके, जबकि तने ऊपर की ओर बढ़ते हैं ताकि सूर्य प्रकाश की ओर बढ़ सकें और फोटोसिंथेसिस कर सकें।
प्रश्न 9: जीवों में प्रजनन क्या है? उत्तर: प्रजनन एक जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव अपने तरह के संतान उत्पन्न करते हैं, जिससे उनकी प्रजातियों का निरंतरता सुनिश्चित होती है।
प्रश्न 10: पौधों और जानवरों में उत्सर्जन क्या है? उत्तर: उत्सर्जन एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकाला जाता है। जानवरों में, इसमें मूत्रत्याग जैसी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं, जबकि पौधों में, यह पत्तियों के माध्यम से अतिरिक्त पानी का निकलना शामिल है।
लंबी उत्तर प्रश्न:
प्रश्न 1: एक सेम के पौधे का जीवन चक्र समझाएँ। उत्तर: एक सेम के पौधे का जीवन चक्र बीज के अंकुरण से शुरू होता है। बीज पानी अवशोषित करता है, बीज के आवरण को नरम करता है, और अंदर का भ्रूण एक जड़ और अंकुर में विकसित होता है। पौधा बढ़ता है, पत्तियाँ विकसित करता है, और अंततः फूल उत्पन्न करता है। फूल आने के बाद, पौधा फल (एक फल्ली) उत्पन्न करता है, जिसमें बीज होते हैं। ये बीज नए पौधों को उगाने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं, जिससे चक्र जारी रहता है।
प्रश्न 2: मेंढक के जीवन चक्र में मच्छर के जीवन चक्र से क्या अंतर है? उत्तर: मेंढक के जीवन चक्र में अंडा, भ्रूण, टेडपोल (पूंछ वाला), मेंढकलेट, और वयस्क मेंढक जैसे चरण शामिल होते हैं। मेंढक जीवन की शुरुआत पानी में करते हैं और बाद में जमीन पर आते हैं। इसके विपरीत, एक मच्छर के जीवन चक्र में अंडा, लार्वा, प्यूपा, और वयस्क चरण होते हैं। मच्छर लार्वा और प्यूपा चरण के दौरान पानी में रहते हैं, और वयस्क मच्छर प्यूपा से निकलने के बाद उड़ते हैं।
प्रश्न 3: बीज अंकुरण के लिए आवश्यक कारकों का वर्णन करें और उनके पौधों की वृद्धि पर प्रभाव डालें। उत्तर: बीज अंकुरण के लिए तीन आवश्यक शर्तें हैं: पानी, वायु, और सूर्य प्रकाश (या कभी-कभी अंधकार)। पानी बीज की जैविक प्रक्रियाओं को सक्रिय करता है और बीज के आवरण को नरम करता है। वायु श्वसन के लिए आवश्यक है, जो भ्रूण के लिए ऑक्सीजन प्रदान करती है। सूर्य प्रकाश या अंधकार (पौधे के आधार पर) अंकुर की वृद्धि की दिशा को प्रभावित करता है। इन शर्तों के बिना, बीज अंकुरित नहीं होगा।
प्रश्न 4: पौधे और जानवर कैसे बढ़ते हैं और गति प्रदर्शित करते हैं? उत्तर: पौधे और जानवर दोनों आकार में वृद्धि करके और नई संरचनाएँ विकसित करके बढ़ते हैं। जानवर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं और विभिन्न शारीरिक क्रियाएँ करते हैं। पौधे, हालाँकि एक स्थान पर जड़ित होते हैं, फिर भी फोटोट्रॉपिज़्म (रोशनी की ओर गति) और ग्रैविट्रॉपिज़्म (गुरुत्वाकर्षण के प्रति प्रतिक्रिया) जैसी गतियाँ प्रदर्शित करते हैं। कुछ मामलों में, जैसे कीट भक्षी पौधे, अधिक स्पष्ट गतियाँ दिखाते हैं, जैसे कीटों को फँसाना।
प्रश्न 5: एक मेंढक के जीवन चक्र से उसे अपने वातावरण के अनुकूलन में कैसे मदद मिलती है? उत्तर: एक मेंढक का जीवन चक्र उसे जल और स्थलीय दोनों वातावरणों के अनुकूलन की अनुमति देता है। प्रारंभ में, मेंढक एक जलजीव लार्वा (टैडपोल) के रूप में शुरू होता है, जो तैरने के लिए अपनी पूंछ का उपयोग करता है। जैसे-जैसे यह एक छोटे मेंढक में विकसित होता है, यह ज़मीन पर अधिक समय बिताने लगता है। मेंढक की दोनों वातावरणों में जीने की क्षमता इसके अस्तित्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे इसे अपने जीवन के दौरान विभिन्न संसाधनों का लाभ उठाने में मदद मिलती है।