1. भारत का ऐतिहासिक दृष्टिकोण
आज भारत एक आधुनिक देश है जिसमें स्पष्ट सीमाएँ और राज्यों का विभाजन है।
भूतकाल में (500, 2,000, या 5,000 साल पहले), इस भूमि के विभिन्न नाम और सीमाएँ थीं।
इस क्षेत्र को अक्सर भारतीय उपमहाद्वीप कहा जाता है, जो इसके विशाल भूगोल को दर्शाता है।
2. भारतीयों ने भारत का नाम कैसे रखा
भारतवर्ष
भारता एक सामान्य नाम बनता है
बाद के शताब्दियों में नाम भरत का व्यापक उपयोग हुआ।
विष्णु पुराण में उल्लेख है: “समुद्र के उत्तर और हिमालय के दक्षिण की भूमि को भारत कहा जाता है।”
आज भी उपयोग में: उत्तर भारत: भारत। दक्षिण भारत: भारतम्।
प्राचीन तमिल साहित्य में भारत
एक 2,000 साल पुरानी तमिल कविता में वर्णन है।
भारत के विस्तार का वर्णन है जोCape Kumari (कन्याकुमारी) से हिमालय तक फैला हुआ है।
पूर्व और पश्चिम में महासागरों से घिरा हुआ है।
यह दर्शाता है कि प्राचीन भारतीयों को भूगोल की स्पष्ट समझ थी।
कन्याकुमारी
3. भारतीय संविधान: "भारत, अर्थात् भारत"
भारतीय संविधान (1950) में लिखा है:
अंग्रेजी: “India, that is Bharat”
हिंदी: “भारत अर्थात भारत”।
यह भारत की दोहरी पहचान को उजागर करता है, जो भारत और भरत दोनों के रूप में है।
4. विदेशियों ने भारत का नाम कैसे रखा
विदेशियों ने भारत को विभिन्न तरीकों से नामित किया:
इरानियों ने इसे हिंद कहा, ग्रीकों ने इंडोई का उपयोग किया, जो भारत में विकसित हुआ, और चीनी इसे यिनतु या तियानझू के रूप में संदर्भित करते थे।
शब्द हिंदुस्तान 1,800 साल पहले फारसी में आया, और जुआनज़ांग ने 7वीं शताब्दी में भारत में बौद्ध धर्म का अध्ययन किया।
अंत में, विभिन्न विदेशी संस्कृतियों द्वारा भारत को दिए गए नाम इस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाते हैं।
नाम भारत का प्रयोग बाद के सदियों में व्यापक रूप से किया गया। विष्णु पुराण में उल्लेख है: “महासागर के उत्तर और हिमालय के दक्षिण की भूमि को भारत कहा जाता है।”
एक 2000 साल पुरानी तमिल कविता में वर्णित है:
भारतीय संविधान (1950) में कहा गया है:
यह भारत की दोहरी पहचान को उजागर करता है, जो कि भारत और इंडिया दोनों है।