Q1: स्रोत को पढ़ें और उसके बाद दिए गए प्रश्न का उत्तर दें
रिया और आर्यन अपनी कक्षा में प्राचीन भारतीय ग्रंथों का अध्ययन कर रहे हैं। रिया 'ऋग्वेद' पढ़ रही है और उसे 'सप्त सिंधव' शब्द मिलता है, जिसका उपयोग सात नदियों की भूमि का वर्णन करने के लिए किया गया है। आर्यन बताता है कि बाद के ग्रंथों जैसे महाभारत में कश्मीर, बंगाल और केरल जैसे अधिक क्षेत्रों का उल्लेख है, और ये नाम आज भी विद्यमान हैं। रिया सोचती है कि क्या 'भारत' नाम हमेशा भारतीय उपमहाद्वीप के लिए प्रयोग किया गया है। आर्यन समझाता है कि 'भारत' नाम व्यापक रूप से तब स्वीकार किया गया जब इसे विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में उल्लेखित किया गया।
Q1, 'भारत' नाम भारत के इतिहास में क्यों महत्वपूर्ण है? उत्तर: 'भारत' का उपयोग प्राचीन काल से भारतीय उपमहाद्वीप के लिए किया गया है, जो वर्तमान को इसकी समृद्ध सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास से जोड़ता है।
Q2. प्राचीन ग्रंथों का क्षेत्र और भूमि के नामों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका क्यों होती है? उत्तर: प्राचीन ग्रंथ हमें इतिहास, संस्कृति और क्षेत्रों के नामों को समझने में मदद करते हैं, यह दिखाते हुए कि अतीत में लोग अपनी दुनिया को कैसे देखते और वर्णित करते थे।
Q3. किस प्राचीन ग्रंथ ने भारतीय उपमहाद्वीप को संदर्भित करने के लिए 'भारत' शब्द का सबसे पहले उपयोग किया? A) महाभारत B) ऋग्वेद C) विष्णु पुराण D) रामायण उत्तर: C) विष्णु पुराण
Q2: स्रोत को पढ़ें और उसके बाद दिए गए प्रश्न का उत्तर दें
आर्यन और मीरा चर्चा कर रहे हैं कि प्राचीन विदेशी भारत का उल्लेख कैसे करते थे। मीरा बताती है कि कैसे पारसी लोगों ने इंद्र नदी के पास के क्षेत्र को लगभग 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व 'हिंद' या 'हिंदू' कहा। आर्यन समझाता है कि इसे बाद में यूनानियों द्वारा 'इंडोई' के रूप में अपनाया गया और अंततः 'इंडिया' बन गया। मीरा जोड़ती है कि पारसी नाम 'हिंद' हिंदू धर्म से संबंधित नहीं था, बल्कि यह एक मात्र भौगोलिक शब्द था।
प्रश्न 1: Persians ने सिंधु नदी के निकट क्षेत्र को 'हिंद' क्यों कहा?
उत्तर: Persians ने सिंधु नदी के निकट क्षेत्र को 'हिंद' इसलिए कहा क्योंकि यह एक भौगोलिक शब्द था, जो हिंदू धर्म से संबंधित नहीं था। यह सिंधु नदी के निकट की भूमि को संदर्भित करता था।
प्रश्न 2: Persian शब्द 'हिंद' ने आधुनिक नाम 'भारत' पर कैसे प्रभाव डाला?
उत्तर: 'हिंद' शब्द को Greeks ने 'Indoi' के रूप में अपनाया, जो बाद में 'India' बन गया और आज भी विश्वभर में उपयोग होता है।
प्रश्न 3: भारत के नाम को समझने में Persian शब्द 'हिंद' का क्या महत्व है?
उत्तर: B) यह क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक समझ को उजागर करता है
प्रश्न 4: स्रोत पढ़ें और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दें।
जब अर्जुन और प्रिया भारत की भूगोल पर एक कविता पढ़ रहे थे, वे चर्चा कर रहे थे कि यह कविता न केवल भारत के भूगोल की स्पष्ट तस्वीर देती है, बल्कि प्राचीन भारतीयों के अपने वातावरण के गहरे ज्ञान को भी दर्शाती है। प्रिया बताती है कि यह साहित्य दक्षिणी सिरे, केप कुमारी, से लेकर महान उत्तरी पहाड़ों तक के क्षेत्रों को उजागर करता है, यह दिखाते हुए कि देश को एक एकीकृत भूमि के रूप में समझा गया था। वे समझते हैं कि प्राचीन लोग न केवल भूमि की भौतिक विशेषताओं को पहचानते थे, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के बीच संबंधों को भी समझते थे, जैसे कि नदियाँ और पहाड़ जो संस्कृति और जीवनशैली को आकार देते थे। यह समझ महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाती है कि भूगोल ने प्राचीन भारतीयों के अपने देश और पहचान को देखने के तरीके में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Q1. प्राचीन भारतीयों ने अपनी भूमि और इसके क्षेत्रों को कैसे देखा?
Ans: कविता यह प्रकट करती है कि प्राचीन भारतीयों ने अपनी भूमि को एक एकीकृत भूभाग के रूप में देखा, जो दक्षिणी छोर, कुमारी समुद्र तट से लेकर उत्तरी पर्वत श्रृंखलाओं तक फैली हुई थी, इस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों के बीच भौगोलिक संबंधों को उजागर करती है।
Q2. प्राचीन भारतीयों की भूगोल की समझ ने उनकी संस्कृति और जीवनशैली को कैसे प्रभावित किया?
Ans: प्राचीन भारतीयों की भूगोल की समझ, जैसे नदियों और पर्वतों के बीच के संबंध, ने उनकी संस्कृति और जीवनशैली को प्रभावित किया। इससे उनके आवास, कृषि, व्यापार मार्गों और समग्र जीवन के तरीके का निर्माण हुआ, जो भूगोल और संस्कृति के बीच की निकटता को दर्शाता है।
Q3. कविता के माध्यम से भारत के भूगोल के बारे में मुख्य संदेश क्या है? A) भारत कई छोटे क्षेत्रों में बंटा हुआ था B) भारत को एक एकीकृत भूमि के रूप में देखा गया C) नदियाँ भारत के भूगोल की केवल महत्वपूर्ण विशेषताएँ थीं D) कविता मुख्य रूप से पहाड़ों और जंगलों पर केंद्रित थी
Ans: B) भारत को एक एकीकृत भूमि के रूप में देखा गया