सभी प्रश्नों का प्रयास करें। समय: 1 घंटा, कुल अंक: 30
प्रश्न 1. वेदों की संख्या कितनी है? (1 अंक) (क) दो (ख) तीन (ग) चार (घ) पांच
उत्तर: (ग) चार वेद हैं—ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद—जिन्हें भारत के सबसे प्राचीन ग्रंथों के रूप में वर्णित किया गया है।
प्रश्न 2. रिक्त स्थान भरें: बुद्ध का जन्म _______ में हुआ। (1 अंक)
उत्तर: लुंबिनी। सिद्धार्थ गौतम, जो बुद्ध बने, का जन्म लुंबिनी में हुआ, जो अब नेपाल में है।
प्रश्न 3. सत्य या असत्य: जैन धर्म वेदों के प्राधिकार को स्वीकार करता है। (1 अंक)
उत्तर: असत्य। जैन धर्म, बुद्ध धर्म की तरह, एक ऐसा विचारधारा के रूप में उभरा जो वेदों के प्राधिकार को स्वीकार नहीं करता।
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन सा जैन धर्म का एक केंद्रीय सिद्धांत है? (1 अंक) (क) अनेकांतवाद (ख) यज्ञ (ग) ऋतम (घ) ब्रह्म
उत्तर: (क) अनेकांतवाद, जिसका अर्थ है 'केवल एक दृष्टिकोण नहीं,' जैन धर्म की एक केंद्रीय शिक्षाओं में से एक है, इसके साथ अहिंसा और अपरिग्रह भी शामिल हैं।
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन सा वेदिक एकता के सिद्धांत को सबसे बेहतर तरीके से दर्शाता है, जैसा कि स्तोत्र में \"एकं सत्त विप्रा बहुधा वदन्ति\" में व्यक्त किया गया है? (1 अंक) (क) सभी देवता अलग-अलग प्राणी हैं जिनकी अद्वितीय शक्तियाँ हैं। (ख) सर्वोच्च वास्तविकता एक है, हालांकि इसे कई नामों से पुकारा जाता है। (ग) सत्य केवल जटिल अनुष्ठानों जैसे यज्ञ के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। (घ) ब्रह्मांड अराजक है और एकता का कोई क्रम नहीं है।
उत्तर: (ख) स्तोत्र \"एकं सत्त विप्रा बहुधा वदन्ति\" का अर्थ है \"अस्तित्व एक है, लेकिन ऋषि इसे कई नाम देते हैं,\" जो एक एकल सर्वोच्च वास्तविकता में निहित विविध देवताओं जैसे इंद्र या सरस्वती में निहित वेदिक विश्वास को उजागर करता है।
प्रश्न 6: वेदिक अवधारणा 'सत्य' को एक मूल्य के रूप में समझाएं। (2 अंक) उत्तर: वेदिक संस्कृति में, 'सत्य' एक सर्वोच्च मूल्य है, जिसे अक्सर भगवान के साथ समानांतर रखा जाता है, जो अंतिम वास्तविकता को दर्शाता है। यह मंत्र "अस्ति एकं, बहुधा विप्राः" यह दर्शाता है कि सत्य सभी देवताओं को एकजुट करता है और जीवन और ब्रह्मांड में व्यवस्था को बनाए रखता है।
प्रश्न 7: बौद्ध धर्म में अहिंसा का क्या महत्व है? (2 अंक) उत्तर: बौद्ध धर्म में अहिंसा का अर्थ 'नुकसान न पहुंचाना' या 'नहीं चोट पहुंचाना' है, जो शारीरिक हिंसा से परे विचारों और कार्यों तक फैला हुआ है। बुद्ध ने इसे आंतरिक अनुशासन का हिस्सा सिखाया ताकि अज्ञानता और आसक्ति के कारण होने वाले दुख को समाप्त किया जा सके।
प्रश्न 8: जनजातीय परंपराएं प्रकृति को कैसे देखती हैं? (2 अंक) उत्तर: जनजातीय परंपराएं प्रकृति—पहाड़ों, नदियों, पेड़ों, पौधों, जानवरों और पत्थरों—को पवित्र मानती हैं, यह मानते हुए कि सभी तत्वों में चेतना विद्यमान है। उदाहरण के लिए, टोडा जनजाति के लोग नीलगिरी की चोटियों को दिव्य निवास मानते हैं, जिन्हें इंगित करना बहुत पवित्र समझा जाता है।
प्रश्न 9: उपनिषदों ने वेदिक विचारों का विस्तार कैसे किया? (3 अंक) उत्तर:
प्रश्न 10: बौद्ध धर्म और जैन धर्म के बीच साझा मूल्यों को समझाएं। (3 अंक) उत्तर:
प्रश्न 11: लोक और जनजातीय परंपराओं ने हिंदू विश्वास प्रणालियों को कैसे समृद्ध किया है? (3 अंक) उत्तर:
Q12. बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों का विश्लेषण करें और उनके भारतीय संस्कृति पर प्रभाव। (5 अंक) उत्तर:
Q13. वेदिक विचारधाराओं के विकास और उनके भारतीय आध्यात्मिकता में योगदान पर चर्चा करें। (5 अंक)
वैदिक विचारधाराएँ चार वेदों से विकसित हुईं—जो ऋषियों और ऋषिकाओं द्वारा देवताओं जैसे इंद्र और सरस्वती के लिए गाए गए स्तोत्र हैं, जो सत्य और रीतम (कॉस्मिक आदेश) पर जोर देते हैं।