समय: 1 घंटा
पूर्णांक: 30
सभी प्रश्नों का प्रयास करें।
प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न संख्या 12 और 13 तक 5 अंक का प्रत्येक प्रश्न है।
प्रश्न 1: कविता में मुख्य रूप से किस बात पर जोर दिया गया है? (1 अंक)
(i) विज्ञान की शक्ति पर
(ii) स्नेह से भरे दियों को जलाते रहने पर
(iii) तूफान की कहानी पर
(iv) अमावस्या को पूर्णिमा बनाने पर
उत्तर: (ii)
कविता का मुख्य संदेश है कि स्नेह से भरे दियों को जलाते रहने से ही दुनिया का अंधेरा मिटेगा, जो आशा और निरंतर प्रयास का प्रतीक है।
प्रश्न 2: कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी का जन्म और मृत्यु वर्ष क्या है? (1 अंक)
(i) 1916–1998
(ii) 1920–2000
(iii) 1900–1980
(iv) 1930–2010
उत्तर: (i)
द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी (1916–1998) बाल साहित्य के प्रसिद्ध रचनाकार थे, जिन्होंने बच्चों के लिए कई रचनाएँ लिखीं।
प्रश्न 3: कविता में 'अमावस' का अर्थ क्या है? (1 अंक)
(i) पूर्ण चंद्रमा वाली रात
(ii) अमावस्या, जब चंद्रमा दिखाई नहीं देता
(iii) सूर्योदय का समय
(iv) तूफान वाली रात
उत्तर: (ii)
'अमावस' अमावस्या का प्रतीक है, जो अंधेरे या तिमिर का संकेत देता है, जबकि पूर्णिमा उजाले का।
प्रश्न 4: कविता में किसे 'तिमिर की चुनौती' स्वीकार करने की बात कही गई है? (1 अंक)
(i) तूफान से
(ii) मनुष्यों से
(iii) दियों से
(iv) विज्ञान से
उत्तर: (ii)
कविता में मनुष्य (मानवता) से कहा गया है कि उन्होंने पहला दीप जलाकर तिमिर की चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी।
प्रश्न 5: 'पवन' शब्द के लिए कौन-सा पर्यायवाची शब्द पाठ में पहेली से जुड़ा है? (1 अंक)
(i) जल
(ii) हवा
(iii) आग
(iv) पृथ्वी
उत्तर: (ii)
'पवन' का अर्थ हवा है, और पहेली में इसके पर्यायवाची जैसे वायु, समीर, अनिल आदि छिपे हैं।
प्रश्न 6: कविता में 'दिये और तूफ़ान की कहानी' का क्या अर्थ है? संक्षेप में बताइए। (2 अंक)
उत्तर: यह कहानी अच्छाई और बुराई, या उजाले और अंधेरे के बीच के संघर्ष को दर्शाती है, जो युगों से चली आ रही है और चलती रहेगी। तूफान दियों को बुझाने का प्रयास करता है, लेकिन दियों की लौ स्वर्ण-सी जलती रहती है, जो आशा का प्रतीक है।
प्रश्न 7: अमावस्या और पूर्णिमा के होने का वैज्ञानिक कारण क्या है? (2 अंक)
उत्तर: चंद्रमा का अपना प्रकाश नहीं होता, वह सूर्य के प्रकाश से चमकता है। चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जिससे उसकी कलाएँ घटती-बढ़ती दिखती हैं। अमावस्या पर चंद्रमा दिखाई नहीं देता (कृष्ण पक्ष), जबकि पूर्णिमा पर पूरा दिखता है (शुक्ल पक्ष)।
प्रश्न 8: कविता में 'निशा' और 'सवेरा' प्रतीकों का क्या अर्थ है? (2 अंक)
उत्तर: 'निशा' अंधेरे, निराशा या बुराई का प्रतीक है, जबकि 'सवेरा' उजाले, आशा या अच्छाई का। कविता में कहा गया है कि यदि एक भी दिया जलता रहे तो निशा को सवेरा मिलेगा, अर्थात् निरंतर प्रयास से अंधेरा मिटेगा।
प्रश्न 9: कविता की विशेषताओं का वर्णन कीजिए, जैसे पंक्तियों का विभाजन। (3 अंक)
उत्तर: कविता की पंक्तियाँ 2–4, 2–4 के क्रम में बाँटी गई हैं, जो लय और ताल देती हैं। प्रत्येक पंक्ति को बोलने या गाने में समान समय लगता है, जिससे प्रभावशाली बनती है। इसमें अलंकार जैसे अनुप्रास (जैसे 'जलाते चलो') और प्रतीक (दिया=आशा, तिमिर=अंधेरा) का प्रयोग है, जो कविता को गीतात्मक बनाता है। इस संरचना से कविता में भावनाओं की गहराई और प्रेरणादायक प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
प्रश्न 10: दिए गए कैलेंडर (जनवरी 2023) से बताइए कि अमावस्या और पूर्णिमा किस तिथि को हैं, और कृष्ण पक्ष में कितने दिन हैं? (3 अंक)
उत्तर: अमावस्या 21 जनवरी (शनिवार) को पड़ती है और पूर्णिमा 6 जनवरी (शुक्रवार) को आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से शुरू होकर अमावस्या तक चलता है, इसलिए इसमें कुल 15 दिन होते हैं। इस दौरान चंद्रमा धीरे-धीरे क्षीण होता जाता है और अमावस्या की रात को बिल्कुल दिखाई नहीं देता। पूर्णिमा पर चंद्रमा पूरी तरह प्रकाशित दिखाई देता है। कैलेंडर में दी गई तिथियाँ चंद्रमा की इन कलाओं पर आधारित होती हैं, इसलिए अमावस्या और पूर्णिमा की सही पहचान संभव हो पाती है।
प्रश्न 11: कविता में 'बिना स्नेह विद्युत-दिये' को बुझाने की बात क्यों कही गई है? (3 अंक)
उत्तर: ये विद्युत-दिये विज्ञान की शक्ति का प्रतीक हैं, जो बिना स्नेह (प्रेम) के जल रहे हैं और दुनिया में अंधेरा बढ़ा रहे हैं। कवि कहते हैं कि बिना प्रेम के प्रगति का कोई फायदा नहीं, बल्कि जीवन और दुखी हो जाता है। इसलिए इन्हें बुझाकर स्नेह भरे दिये जलाने चाहिए, ताकि सही रास्ता दिखे। कवि समझाते हैं कि विज्ञान के साथ प्रेम और अपनापन भी जरूरी है, तभी जीवन में सचमुच उजाला होगा।
प्रश्न 12: कविता का मुख्य संदेश समझाइए और इसमें आशा की क्या भूमिका है? उदाहरण सहित। (5 अंक)
उत्तर: कविता का मुख्य संदेश है कि निरंतर स्नेह भरे प्रयास (दियों को जलाते रहना) से दुनिया का अंधेरा (निराशा, बुराई) मिटेगा। यह आशा और उत्साह जगाती है कि युगों से चला संघर्ष (दिये और तूफान) एक दिन सफल होगा। आशा की भूमिका है कि यदि एक भी दिया जलता रहे, तो निशा को सवेरा मिलेगा। उदाहरण: 'जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर, कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा' – यह पंक्ति निरंतरता और प्रेम के महत्व को दर्शाती है। कवि कहते हैं कि बुझते दियों से भी उजाला मिलता है, जो हार न मानने की प्रेरणा देता है। कुल मिलाकर, कविता दुनिया की समस्याओं से छुटकारा पाने की आशा करती है।
प्रश्न 13: कविता से संबंधित प्रतीकों (जैसे दिया, तिमिर, नाव) का वर्णन कीजिए और इनके अर्थ समझाइए। (5 अंक)
उत्तर: कविता में कई प्रतीक हैं जो गहरे अर्थ रखते हैं। 'दिया' आशा, प्रेम और अच्छाई का प्रतीक है, जो तिमिर को चुनौती देता है। 'तिमिर' अंधेरा, निराशा या बुराई का प्रतीक है, जैसे अमावस्या। 'नाव' जीवन की यात्रा या प्रयास का प्रतीक है, जिसे तिमिर की सरित (नदी) पार करने के लिए बहाते रहना है, ताकि किनारा (सफलता) मिले। 'तूफान' बाधाओं या विपत्तियों का प्रतीक है, जो दियों को बुझाता है। 'ज्योति' या 'लौ' स्वर्ण-सी अनंत आशा का प्रतीक है, जो युगों से जल रही है। 'शिला' तिमिर की कठोरता का प्रतीक है, जहाँ दिये जलाए जाते हैं। ये प्रतीक कविता को गहन बनाते हैं, और संदेश देते हैं कि प्रेमपूर्ण प्रयास से अंधेरा मिटेगा। उदाहरण: 'रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि, कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा' – यहाँ दिया आखिरी आशा का प्रतीक है।
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1. 'जलाते चलो' कविता का मुख्य संदेश क्या है? | ![]() |
2. इस कविता में कौन से प्रमुख प्रतीक या बिम्ब का उपयोग किया गया है? | ![]() |
3. 'जलाते चलो' में कवि का दृष्टिकोण क्या है? | ![]() |
4. क्या 'जलाते चलो' कविता का कोई ऐतिहासिक या सामाजिक संदर्भ है? | ![]() |
5. इस कविता को पढ़ने के बाद विद्यार्थियों को क्या सीख मिलती है? | ![]() |