HPSC (Haryana) Exam  >  HPSC (Haryana) Notes  >  क्या वर्तमान समाज में रंगभेद व्याप्त है?

क्या वर्तमान समाज में रंगभेद व्याप्त है? - HPSC (Haryana) PDF Download

कहा जाता है कि जैसे भारत में जातिभेद है, वैसे ही पश्चिम में रंगभेद है। शायद कहने वालों का आशय यह होता है कि हर समाज में भेदभाव का कोई-न-कोई अनिवार्य रूप अस्तित्व में होता ही है। भारत के संदर्भ में देखा जाए तो क्या यहाँ सिर्फ जातिभेद है, रंगभेद नहीं है। परंतु वास्तविकता कुछ और ही है, क्योंकि भारत भी रंगभेद से अछूता नहीं है। भारत में इसका अपना अलग ही स्वरूप है, क्योंकि लिंगभेद से जुड़कर यह और भयानक हो जाता है।
  • विदेशों में काले रंग का भेदभाव स्त्री और पुरुष दोनों के साथ समान रूप से होता है।
  • भारत में काले या सांवलेपन को खासतौर पर स्त्रियों के संदर्भ में देखा जाता है।
प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी और लेखिका व उद्योगपति प्रभा खेतान की आत्मकथाओं से पता चलता है कि किस प्रकार सांवले रंग ने उनके बचपन में जहर घोला, जिसका असर उनके पूरे व्यक्तित्व पर जिंदगीभर रहा। भारतीय समाज में लड़कियों के लिए सांवला रंग किसी शारीरिक अपंगता जैसा ही बड़ा अभिशाप है।
  • वैश्विक स्तर पर रंगभेद की बात की जाए तो दक्षिण अफ्रीका और भारत के साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद, नस्लीय भेदभाव और रंगभेद के खिलाफ साझा संघर्ष रहा है।
  • स्वतंत्रता उपरांत भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विदेश नीति में साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद, नस्लीय भेदभाव, रंगभेद, गुट-निरपेक्षता और दक्षिण-दक्षिण सहयोग जैसे विषय प्रमुख थे।
इनसे ही भारत और दक्षिण अफ्रीका के मध्य आर्थिक और राजनैतिक संबंधों का एक नया अध्याय शुरू हुआ। नेहरू द्वारा वरीयता दिए जाने के कारण ही 1948 में संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने जाति भेदभाव संबंधी मुद्दों को उठाया।
  • दक्षिण अफ्रीका में हुए रंगभेद के विरुद्ध आंदोलन के फलस्वरूप ही भारत वह प्रथम देश बना, जिसने रंगभेद के कारण दक्षिण अफ्रीका से अपने आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • संयुक्त राष्ट्र के अलावा अन्य मंचों जैसे गुटनिरपेक्ष आंदोलन तथा 1955 के अफ्रीका-एशिया सम्मेलन के माध्यम से भारत ने रंगभेद की नीति को समाप्त करने का प्रयास किया।
भारत सरकार ने नई दिल्ली में अफ्रीकी नेशनल कॉन्ग्रेस का कार्यालय खोलने की दिशा में सहयोग किया एवं रंगभेद नीति के विरुद्ध किए जाने वाले प्रयासों के तहत आर्थिक सहयोग के माध्यम से सक्रिय भूमिका निभाई। स्वतंत्रता पश्चात भारत द्वारा रंगभेद की नीति के विरोध के कारण दोनों देशों के आर्थिक संबंध प्रभावित हुए।
  • 1993 में नेल्सन मंडेला के नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका में बनी पहली अश्वेत सरकार के उपरांत दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार एवं वाणिज्यिक समझौते में काफी परिवर्तन आया।
  • रंगभेद के संबंध में चर्चा करने पर मंडेला और गांधीजी का नाम सामने आ जाता है।
दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नीति को मिटाने वाले नेल्सन मंडेला का अपने देश में वही स्थान है, जो भारत में महात्मा गांधी का है। जहाँ मंडेला ने रक्तहीन क्रांति द्वारा अफ्रीकी लोगों को उनका हक दिलाया, वहीं महात्मा गांधी भी रंगभेद के मुखर विरोधी थे।
  • 06 नवम्बर, 1913 को महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नीतियों के खिलाफ ‘द ग्रेट मार्च’ का नेतृत्व किया था।
  • दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदी शासन के खिलाफ मंडेला की लड़ाई को भारत में अंग्रेजों के शासन के खिलाफ गांधी की लड़ाई के बराबर दर्जा प्राप्त है।
अगर वर्तमान में रंगभेद की स्थिति पर बात की जाए तो हाल ही में अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में हत्या की घटना ने अश्वेत लोगों के खिलाफ पुलिस हिंसा को उजागर किया है।
  • इसके विरोध में पूरे अमेरिका में जगह-जगह प्रदर्शन किए गए।
  • प्रदर्शन के द्वारा अमेरिकी समाज को भयभीत करने वाले स्थानिक और संस्थागत नस्लवाद को खत्म करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
संयुक्त राज्य अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु, वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर डेरेन सैमी द्वारा भारत में खेले जाने वाले आईपीएल मैचों के दौरान नस्लीय भेदभाव का रहस्योद्घाटन और उत्तर भारत में दक्षिण एवं उत्तर-पश्चिम भारत के लोगों के साथ किए जाने वाला व्यवहार भेदभाव का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
  • भारत में रंगभेद और अस्पृश्यता की घटनाओं के समाधान के संदर्भ में मूल अधिकारों की व्यवस्था की गई है।
  • हालांकि, इस संदर्भ में व्यवस्थित रूप से विधि निर्माण की आवश्यकता है, जिसका भारत में अभाव है।
स्वतंत्रता उपरांत किसी भी प्रकार के भेदभाव से सामाजिक ताने-बाने को संरक्षण प्रदान करने के लिए भारत में समानता के अधिकार का नारा दिया गया ताकि भारतीय जनमानस को इस बात का अहसास हो सके कि प्रत्येक व्यक्ति संविधान के सम्मुख समान है।
  • भारत सहित किसी भी देश में होने वाले भेदभाव का प्रमुख कारण पूर्वाग्रह है।
  • पूर्वाग्रह का तात्पर्य किसी व्यक्ति की उन भावनाओं से है, जिसके कारण वह किसी व्यक्ति अथवा समूह के प्रति सकारात्मक व नकारात्मक रूझान रखता है।
सामान्य रूप से सामाजिक विकास के दौरान व्यक्ति जिन परिस्थितियों में रहता है, उनके आधार पर उसके मन में पूर्वाग्रह का निर्माण होता है।
  • पूर्वाग्रह से प्रभावित व्यक्ति वास्तविकता से अनभिज्ञ रहते हुए विशेष समूह और लोगों के प्रति भेदभावपूर्ण व्यवहार करने लगते हैं।
  • द्वितीय विश्व युद्ध से पूर्व जर्मनी में नाजियों द्वारा यहूदियों के नरसंहार तथा अमेरिका में अश्वेतों के प्रति बुरा व्यवहार के मूल में भी यह नस्लीय भेदभाव ही है।
हमारे देश में जाति के आधार पर भेदभाव तथा शोषण के मूल में पूर्वाग्रह की मानसिकता ही कार्य करती है। भारत महात्मा गांधी का देश है, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रंग के आधार पर हुए अपमान के कारण नस्लीय घृणा के विरुद्ध आंदोलन छेड़ा था।
  • भारत में द्रविण, मंगोल, आर्य आदि नस्लों के लोग सदियों से साथ रहते आए हैं।
  • रंग, क्षेत्र, नस्ल, वेशभूषा आदि के आधार पर होने वाला भेदभाव भारत की अनेकता में एकता की भावना को कलंकित करता है।
यह संविधान में निहित समानता की भावना पर आघात पहुँचाता है। ऐसी स्थिति में भारत को भेदभाव के विरुद्ध व्यापक कार्ययोजना बनाने और इक्वलिटी बिल को संसद से पारित कराने की आवश्यकता है, जो भेदभाव के किसी भी रूप का समाधान कर सके।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम देखते हैं कि जॉर्ज फ्लॉयड की दर्दनाक हत्या पुलिस हिंसा और नस्लभेद की अमेरिकी विरासत की साफ झलक देती है।
  • यह व्यवस्था रंगभेद के आधार पर कुछ लोगों को गलत तरीके से फायदा पहुँचाती है और दूसरों को नुकसान पहुँचाती है।

रंगभेद की यह नीति मानव संसाधनों को नुकसान पहुँचाकर एक समाज के रूप में हमें कमजोर करती है। आज आवश्यकता है कि समाज के सभी लोग इस लड़ाई में एकजुट होकर इस बुराई का अंत करें।

The document क्या वर्तमान समाज में रंगभेद व्याप्त है? - HPSC (Haryana) is a part of HPSC (Haryana) category.
All you need of HPSC (Haryana) at this link: HPSC (Haryana)
Download as PDF

Top Courses for HPSC (Haryana)

Related Searches

Viva Questions

,

ppt

,

Summary

,

mock tests for examination

,

Semester Notes

,

video lectures

,

past year papers

,

shortcuts and tricks

,

study material

,

क्या वर्तमान समाज में रंगभेद व्याप्त है? - HPSC (Haryana)

,

Sample Paper

,

MCQs

,

Objective type Questions

,

Exam

,

practice quizzes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Extra Questions

,

Free

,

क्या वर्तमान समाज में रंगभेद व्याप्त है? - HPSC (Haryana)

,

क्या वर्तमान समाज में रंगभेद व्याप्त है? - HPSC (Haryana)

,

Important questions

,

pdf

;