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संज्ञा एवं परिभाषा प्रकरण - Chapter Explanation | संस्कृत कक्षा 9 (Sanskrit Class 9) PDF Download

परिचय

अध्याये अयं संज्ञायाः परिभाषायाः च महत्त्वपूर्णं स्थानं बिभर्ति। संज्ञा शब्दस्य माध्यमेन कश्चित् व्यक्तित्वं, स्थानं, वस्तुं, वा विचारं व्यक्तयति। व्याकरणे संज्ञायाः महत्त्वं अत्यधिकं अस्ति। एषः अध्यायः संज्ञायाः प्रकाराणां च उपयोगस्य विवेचनं प्रस्तुतयति।

संज्ञा

संज्ञा तः शब्दः अस्ति य: व्यक्तित्वं, स्थानं, वस्तुं, वा विचारं सूचयति। उदाहरणं यथा - वृक्षः, नदी, गृहम्, शान्ति।

संज्ञायाः प्रकाराः

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा – एषा संज्ञा विशेषेण व्यक्तिम् सूचयति। उदाहरणं - रामः, दिल्ली, गणेशः।
  • जातिवाचक संज्ञा – एषा संज्ञा जातिं वा वर्गं सूचयति। उदाहरणं - मनुष्यः, नदी, पुस्तकः।
  • भाववाचक संज्ञा – एषा संज्ञा भावं, अवस्था च सूचयति। उदाहरणं - हर्षः, दुःखम्, साहसः।
  • द्रव्यवाचक संज्ञा – एषा संज्ञा पदार्थं वा वस्तुं सूचयति। उदाहरणं - जलम्, दुग्धम्, आटा।

परिभाषा

परिभाषा शब्दस्य अथवा वस्तुर्विचारस्य संक्षेपेण विस्तृतं विवरणं अस्ति। उदाहरणं - 'पुस्तकम्' परिभाषा - 'लिखितं वा मुद्रितं सामग्रीं य: पठनीयं अस्ति।'

परिभाषायाः प्रकाराः

  • सामान्य परिभाषा – एषा परिभाषा सामान्ये वस्तुं वा विचारं सूचयति। उदाहरणं - 'पानी' - 'वह तरल पदार्थः य: पीयते।'
  • विशेष परिभाषा – एषा परिभाषा विशेषे वा वैज्ञानिक संदर्भे अस्ति। उदाहरणं - 'संगीतं' - 'स्वरों का विशेषं संयोजन।'

आगम

आगम एकः प्रक्रिया अस्ति य: शब्दस्य द्वे अंशेण एकः नवं तत्त्वं जुडते। उदाहरणं - वृक्ष + छाया = वृक्षछाया, अत्र 'च' आगमः अभवत्।

आदेश

आदेश एषा प्रक्रिया अस्ति य: शब्दे अन्ते नवं तत्त्वं जुडते। उदाहरणं - 'वद' + 'अवप' = 'द्यवप', अत्र 'व' आदेशः अभवत्।

उपधा

कस्मिन्चित् शब्दे अन्तिमे वर्णे पूर्ववर्णं उपधा अस्ति। उदाहरणं - 'महति' मध्ये 'ति' पूर्वं 'ह' उपधा अभवत्।

पद

पद तः संज्ञा अस्ति या शब्दे संयोगेण उत्पाद्यते। उदाहरणं - 'याम:', 'वति:', 'विवृति' इत्यादि शब्दाः।

द्विकिण

यदा द्वे शब्देऽवयवेषु विशेषा ध्वनिः जुडते तदा द्विकिणं प्रकट्यते। उदाहरणं - 'विवृति' मध्ये 'व' + 'वि' द्विकिणं अभवत्।

संयोग

संयोग एषा प्रक्रिया अस्ति य: शब्दयोः संयोगेण नवं रूपं उत्पाद्यते। उदाहरणं - 'गति' तथा 'गति' संयोगेण 'गति' उत्पाद्यते।

सदंति

वर्णयोरधिगतं समीपं नवं रूपं सिद्धयति। उदाहरणं - 'वयाक्' + 'ईश' = 'वयागीश:'.

सम्प्रसाण

सम्प्रसाण एषा प्रक्रिया अस्ति य: एकः विशेषः ध्वनिः संयोगेण उत्पाद्यते। उदाहरणं - 'वच' + 'उच' = 'उचते'.

अभ्यासकार्य

  • वृक्ष + छाया = वृक्षछाया (आगम)
  • यद + अद्प = यद्यद्प (आदेश)

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FAQs on संज्ञा एवं परिभाषा प्रकरण - Chapter Explanation - संस्कृत कक्षा 9 (Sanskrit Class 9)

1. परिचय संज्ञा क्या होती है और इसे समझने का महत्व क्या है?
Ans. परिचय संज्ञा वह शब्द होते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या विचार का नामकरण करते हैं। इनका महत्व इसलिए है क्योंकि ये संज्ञाएँ संवाद में स्पष्टता लाती हैं और विचारों को व्यक्त करने में मदद करती हैं। संज्ञा के बिना, हम अपने आस-पास की दुनिया को समझने और व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं।
2. संज्ञा के प्रकार क्या हैं और उन्हें कैसे वर्गीकृत किया जाता है?
Ans. संज्ञा के मुख्य प्रकार हैं: व्यक्तिवाचक संज्ञा (व्यक्तियों के नाम), वस्तुवाचक संज्ञा (वस्तुओं के नाम), स्थानवाचक संज्ञा (स्थानों के नाम) और भाववाचक संज्ञा (भावनाओं या विचारों के नाम)। इन्हें इनकी विशेषताओं के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है, जिससे हम समझ सकें कि किसी विशेष संज्ञा का उपयोग कब और कैसे करना है।
3. संज्ञा और विशेषण में क्या अंतर है?
Ans. संज्ञा किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या विचार का नाम होती है, जबकि विशेषण उस संज्ञा के गुण या विशेषताएँ बताता है। उदाहरण के लिए, "लाल फूल" में "फूल" संज्ञा है और "लाल" विशेषण है। संज्ञा का उपयोग संदर्भ को स्पष्ट करने में मदद करता है, जबकि विशेषण जानकारी को और अधिक विशिष्ट बनाता है।
4. संज्ञा के वचन के नियम क्या हैं?
Ans. संज्ञा के वचन के दो मुख्य रूप होते हैं: एकवचन और बहुवचन। एकवचन का उपयोग तब किया जाता है जब हम एक ही व्यक्ति या वस्तु की बात कर रहे होते हैं, जबकि बहुवचन का उपयोग तब होता है जब हम एक से अधिक व्यक्ति या वस्तुओं की बात करते हैं। उदाहरण के लिए, "कुत्ता" एकवचन है और "कुत्ते" बहुवचन है। सही वचन का उपयोग संवाद को स्पष्ट और सही बनाता है।
5. संज्ञा के प्रयोग में आम गलतियाँ क्या हैं और उन्हें कैसे सुधारें?
Ans. संज्ञा के प्रयोग में आम गलतियों में एकवचन और बहुवचन का गलत उपयोग, संज्ञा का गलत वर्गीकरण, और संदर्भ के अनुसार संज्ञा का गलत चुनाव शामिल हैं। इन गलतियों को सुधारने के लिए, हमें संज्ञा के प्रकारों और उनके उपयोग को अच्छी तरह समझना होगा। नियमित अभ्यास और सही उदाहरणों का अध्ययन करने से संज्ञा के प्रयोग में सुधार किया जा सकता है।
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