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कारक और विभक्‍ति - Chapter Explanation | संस्कृत कक्षा 9 (Sanskrit Class 9) PDF Download

परिचय

कारक: वाक्ये यः कृतिं करणीयं प्रकटयति, सः कारकः। विभक्ति: शब्दस्य वाक्ये कार्ये सहाय्यं दर्शयन्ति।

कारक

वाक्ये यः क्रियायाः करणं दर्शयति, सः कारकः। एषां कारकाणां वर्गाः तदनुसारं दर्शिताः:

  • कृति: क्रियायाः करणकर्तुः। उदाहरणं - "जिरीशः पुस्तकं पठति।"
  • कर्म: यत्र क्रिया संपन्ना भवति। उदाहरणं - "जिरीशः पुस्तकं ददाति।"
  • करण: यः क्रियायाः सहायकः। उदाहरणं - "अहं कागजपत्रे लिखामि।"
  • सम्प्रदान: य: कस्यार्थे किञ्चिद् ददाति। उदाहरणं - "रामः श्यामाय पुस्तकं ददाति।"
  • अपादान: यः क्रियायाः मूलं प्रदत्तं, सः अपादानकारकः। उदाहरणं - "अहम् कोषात् धनं गृहीतवान्।"
  • अधिकारण: यत्र क्रिया स्थिता अस्ति। उदाहरणं - "शिष्यः आसने उपविशति।"

विभक्ति

विभक्ति: शब्दे रूपेण संज्ञायाः द्योतकम्। विभक्तीनां प्रकाराः एते:

  • प्रथमा विभक्ति (कर्ता): कार्यं करणकर्ता। उदाहरणं - "रामः पत्रं लिखति।"
  • द्वितीया विभक्ति (कर्म): कार्ये विषयः। उदाहरणं - "सीता पुस्तकं क्रेतवती।"
  • तृतीया विभक्ति (करण): कार्ये सहायकः। उदाहरणं - "सीता लेखनस्य सह कागजपत्रे लिखति।"
  • चतुर्थी विभक्ति (सम्प्रदान): य: कस्यार्थे दत्तम्। उदाहरणं - "रामः श्यामाय पुस्तकं ददाति।"
  • पञ्चमी विभक्ति (अपादान): यत्र किञ्चिद् उपयुज्यते। उदाहरणं - "रामः बगिचात् पुष्पं तोडिति।"
  • षष्ठी विभक्ति (सम्बन्ध): सम्बन्धे प्रकटयति। उदाहरणं - "रामस्य गृहम् अस्ति।"
  • सप्तमी विभक्ति (अधिकारण): यत्र कार्यं स्थितं अस्ति। उदाहरणं - "सः विद्यालयात् प्रतिगच्छति।"

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FAQs on कारक और विभक्‍ति - Chapter Explanation - संस्कृत कक्षा 9 (Sanskrit Class 9)

1. कारक क्या होते हैं और उनके प्रकार क्या हैं ?
Ans. कारक वे शब्द होते हैं जो वाक्य में विशेष कार्य करते हैं। हिंदी व्याकरण में मुख्यतः छह प्रकार के कारक होते हैं: 1. कर्ता कारक (Subject) 2. कर्म कारक (Object) 3. संप्रदान कारक (Indirect Object) 4. अपादान कारक (Instrumental) 5. अभाव कारक (Ablative) 6. अधिकरण कारक (Locative) ये कारक वाक्य में शब्दों के संबंध को स्पष्ट करते हैं।
2. विभक्ति क्या होती है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है ?
Ans. विभक्ति वह व्याकरणिक रूप है जो शब्द के साथ जुड़कर उसके अर्थ और वाक्य में स्थान को निर्धारित करती है। हिंदी में विभक्तियाँ जैसे कि - का, की, के, में, से, आदि का उपयोग किया जाता है। ये विभक्तियाँ शब्दों के बीच संबंध स्थापित करती हैं और वाक्य के अर्थ को स्पष्ट करती हैं।
3. कर्ता कारक का उदाहरण क्या है और इसे पहचानने का तरीका क्या है ?
Ans. कर्ता कारक वह होता है जो वाक्य में क्रिया का मुख्य कर्ता होता है। उदाहरण के लिए, "राम ने खाना खाया।" वाक्य में "राम" कर्ता कारक है। इसे पहचानने का तरीका यह है कि कर्ता कारक हमेशा वही होता है जो क्रिया का कार्य करता है।
4. कर्म कारक का क्या महत्व है और इसके उदाहरण क्या हैं ?
Ans. कर्म कारक वह होता है जो क्रिया का मुख्य कार्य या लक्ष्य दर्शाता है। उदाहरण के लिए, "सीता ने आम खाया।" में "आम" कर्म कारक है। इसका महत्व यह है कि यह वाक्य में क्रिया का दिशा और उद्देश्य स्पष्ट करता है।
5. विभक्तियों का सही उपयोग कैसे किया जाता है ?
Ans. विभक्तियों का सही उपयोग वाक्य में शब्दों के सही संबंध को दर्शाने के लिए किया जाता है। जैसे, "राम का घर" में "का" विभक्ति राम और घर के बीच संबंध दर्शाती है। विभक्तियों का सही प्रयोग वाक्य के अर्थ को स्पष्ट और सही बनाता है।
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